वंदे भारत मिशन और प्रवासी भारतीय | 13 May 2020
प्रीलिम्स के लिये:वंदे भारत मिशन, ओवरसीज़ सिटीज़नशिप ऑफ इंडिया, एच 1 बी वीज़ा मेन्स के लिये:ओवरसीज़ सिटीज़नशिप ऑफ इंडिया/ग्रीन कार्ड/एच 1 बी वीज़ा धारकों से संबंधित मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘वंदे भारत मिशन’ (Vande Bharat Mission) के तहत ‘ओवरसीज़ सिटीज़नशिप ऑफ इंडिया’ (Overseas Citizen of India- OCI)/ग्रीन कार्ड (Green Card)/एच 1 बी (H-1B) वीज़ा धारकों को भारत आने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ कर रहा है।
प्रमुख बिंदु:
- उल्लेखनीय है कि एक हालिया सरकारी अधिसूचना के तहत, सभी मौजूदा भारतीय वीज़ा धारकों, और OCI कार्ड धारकों (जो भारत में नहीं हैं) को दी जाने वाली वीज़ा-मुक्त यात्रा सुविधा को अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा पर प्रतिबंध तक निलंबित कर दिया गया है।
- COVID-19 के कारण अमेरिका में बेरोज़गारी दर में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है और पिछले दो महीनों में 33 मिलियन से अधिक लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है।
- ध्यातव्य है कि अमेरिका में लोगों को अपनी नौकरी गंवाने के बाद उन्हें कानूनी रूप से 60 दिनों के भीतर अपने देश लौटना होता है।
- अप्रैल 2020 में H-1B वीज़ा धारकों (ज्यादातर भारतीयों) ने अपने प्रवास को 60 से बढ़ाकर 180 दिन करने हेतु व्हाइट हाउस में एक याचिका दायर की थी। हालाँकि, व्हाइट हाउस की ओर से इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है।
- अपनी नौकरी खो चुके भारतीय या अन्य देशों के नागरिकों के पास घर वापस जाने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
- उल्लेखनीय है कि कोरोनावायरस से जुड़े वैश्विक यात्रा प्रतिबंधों के बीच एयर इंडिया द्वारा चलाई जा रही विशेष उड़ानों में अमेरिका में कई भारतीयों को भारत की यात्रा करने से रोका जा रहा है क्योंकि इनके बच्चे जन्म से अमेरिकी नागरिक हैं।
वंदे भारत मिशन (Vande Bharat Mission):
- कोरोनावायरस के कारण वैश्विक यात्रा पर प्रतिबंध होने से विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने हेतु ‘वंदे भारत मिशन’ चलाया गया है।
- इस मिशन के तहत विदेशों में फंसे लगभग 1,5000 भारतीय नागरिकों को वापस भारत लाया जाएगा।
- इसके लिये भारत सरकार द्वारा 7-13 मई तक 64 हवाई उड़ानों का संचालन किया जाएगा।
- इस मिशन के अंतर्गत कुछ ही लोगों को भारत वापस लौटने की अनुमति दी जाएगी जैसे- जिनके रोज़गार समाप्त हो गए हैं, जिनके वीजा समाप्त हो गए हैं और वर्तमान परिस्थितियों के कारण उत्पन्न समस्या से अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया हो।
- वर्ष 1990 में खाड़ी युद्ध के दौरान कुवैत से 1.7 लाख लोगों के निकासी ऑपरेशन के बाद यह मिशन अब तक का सबसे बड़ा निकासी ऑपरेशन हो सकता है।