जैव विविधता और पर्यावरण
यूज़्ड हेवी ड्यूटी व्हीकल्स एंड एन्वायरन्मेंट
- 29 Feb 2024
- 11 min read
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स्रोत: डाउन टू अर्थ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम और जलवायु एवं स्वच्छ वायु गठबंधन (Climate and Clean Air Coalition) ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA-6) के छठे सत्र के आयोजन से पूर्व एक रिपोर्ट जारी की जिसका शीर्षक यूज़्ड हेवी ड्यूटी व्हीकल्स एंड एन्वायरन्मेंट-ग्लोबल ओवरव्यू ऑफ यूज़्ड हेवी ड्यूटी व्हीकल्स: फ्लो, स्केल एंड रेगुलेशन है।
- UNEA-6 के आयोजन की शुरुआत नैरोबी में 26 फरवरी से 1 मार्च 2024 की अवधि के साथ की गई। इस वर्ष का आयोजन “तीन ग्रहों के संकट: जलवायु परिवर्तन, प्रकृति और जैवविविधता ह्रास, तथा प्रदूषण एवं अपशिष्ट" से निपटने के लिये “प्रभावी, समावेशी व सतत् बहुपक्षीय कार्रवाइयाँ” के विषय के तहत किया गया।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा क्या है?
- यह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का शासी निकाय है।
- यह पर्यावरण के संबंध में विश्व की सर्वोच्च स्तरीय निर्णायक संस्था है।
- इस सभा में संयुक्त राष्ट्र के 193 राष्ट्र सदस्य शामिल होते हैं तथा वैश्विक पर्यावरण प्रशासन के संबंध में निर्णय करने के उद्देश्य के साथ इसका आयोजन प्रत्येक दूसरे वर्ष किया जाता है।
- इसका गठन जून 2012 में सतत् विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान किया गया था जिसे RIO+20 भी कहा जाता है।
रिपोर्ट से संबंधित प्रमुख बिंदु क्या हैं?
- प्रदूषण स्तर में वृद्धि:
- विशेष रूप से वर्ष 2000 के बाद से हेवी-ड्यूटी वाहनों (Heavy-Duty Vehicle- HDV) के बढ़ते उपयोग के कारण प्रदूषण के स्तर में चिंताजनक वृद्धि हुई है।
- HDV के उपयोग से उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड में 30% से अधिक की वृद्धि हुई है।
- 3.5 टन से अधिक वज़न वाले HDV का कुल वैश्विक उत्सर्जन में प्रमुख योगदान होता हैं जिसमें ट्रक प्रमुख योगदानकर्त्ता हैं।
- HDV वे वाहन हैं जो भारी कार्यों, जैसे- माल, सामग्री अथवा बड़ी संख्या में लोगों को लंबी दूरी की यात्रा करने के उद्देश्य के साथ डिज़ाइन किये जाते हैं।
- इन HDV का ऑन-रोड नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) उत्सर्जन में 40% से अधिक, ऑन-रोड पार्टिकुलेट मैटर (PM 2.5) में 60% से अधिक तथा ब्लैक कार्बन उत्सर्जन में 20% से अधिक का योगदान होता है।
- संख्या वृद्धि प्रक्षेपण:
- रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक गतिविधियों और परिवहन की आवश्यकता के कारण सड़कों पर HDV की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि के अनुमान हैं। पूर्व के रुझानों के अनुसार वर्ष 2000-2015 के बीच संपूर्ण विश्व में ट्रक और बस की बिक्री दोगुनी हुई।
- वैश्विक व्यापार:
- वैश्विक रूप से प्रयुक्त HDV का विश्लेषण उनके प्रवाह और पैमाने को रेखांकित करता है, विशेष रूप से विकासशील देशों में उनकी आयात निर्भरता पर ध्यान देता है।
- जापान, यूरोपीय संघ और कोरिया गणराज्य नवीन तथा प्रयुक्त दोनों HDV के वैश्विक निर्यात बाज़ार में हिस्सेदारी का लगभग 60% हिस्सा बनाते हैं।
- वर्ष 2015 में, विश्व भर में कुल 6.3 मिलियन नवीन और प्रयुक्त HDV का विक्रय किया गया।
- इनमें 34 लाख इकाइयाँ नवनिर्मित पाई गईं। यह आँकड़ा प्रयुक्त HDV की संख्या को कुल विक्रय का लगभग आधा बनाता है।
- विनियमन और प्रवर्तन:
- कई विकासशील देश अपने जहाज़ी बेड़े (Fleet) को बढ़ाने के लिये प्रयुक्त HDV के आयात पर निर्भर हैं, आयातित प्रयुक्त HDV की गुणवत्ता के संबंध में विनियमन तथा प्रवर्तन की कमी है, जिससे पर्यावरण एवं स्वास्थ्य पर प्रभाव बढ़ रहा है।
- कई आयातक देशों में कमज़ोर या अस्तित्वहीन नियम हैं, जिसके कारण अपर्याप्त प्रवर्तन होता है।
- नीदरलैंड ने अफ्रीका में शिपमेंट से पूर्व कई वाहनों से कैटेलिटिक कन्वर्टर हटा दिये। अधिक पुराने हो जाने के कारण उनमें डीज़ल पार्टिकुलेट फिल्टर की भी कमी पाई गई।
रिपोर्ट की प्रमुख सिफ़ारिशें क्या हैं?
- प्रयुक्त वाहनों को स्वच्छता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना:
- रिपोर्ट में विकासशील देशों में सड़कों पर स्वच्छ और सुरक्षित रूप से चलाए गए वाहन सुनिश्चित करने के लिये आयात तथा निर्यात करने वाले देशों की ज़िम्मेदारी साझा करने के महत्त्व पर ज़ोर दिया गया है।
- इसने न्यूनतम मानकों को प्रस्तुत करने और लागू करने में क्षेत्रीय सहयोग की बढ़ती आवश्यकता को रेखांकित किया।
- उत्सर्जन मानक और आयु सीमाएँ:
- रिपोर्ट में उत्सर्जन मानकों एवं आयु सीमा, सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने, पर्यावरण तथा सड़क सुरक्षा लाभों के लिये और अधिक शोध की आवश्यकता का सुझाव दिया गया है।
- इसने उदाहरण दिया कि यूरो VI समकक्ष वाहन उत्सर्जन मानकों और स्वच्छ ईंधन को अपनाने जैसे कदमों से वर्ष 2030 तक 700 हज़ार असामयिक मौतों से बचा जा सकता है।
- वर्तमान में, यूरोपीय संघ में सभी नए पंजीकृत ट्रकों में से 97% और 73% बसें डीज़ल पर चलती हैं।
- प्रयुक्त HDV पर बेहतर नियमन:
- रिपोर्ट ने विकासशील देशों में इलेक्ट्रिक बसों और ट्रकों जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिये प्रयुक्त HDV पर बेहतर नियमों की सिफारिश की।
- सुपर पॉल्यूटैंट्स के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग:
- अल्पकालिक जलवायु प्रदूषकों या मीथेन, ब्लैक कार्बन और हाइड्रोफ्लोरोकार्बन जैसे "सुपर पॉल्यूटैंट्स (प्रदूषकों)" को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।
- सुपर प्रदूषकों को "सुपर" कहा जाता है क्योंकि उनमें सबसे प्रसिद्ध ग्रीनहाउस गैस कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) की तुलना में प्रति यूनिट द्रव्यमान में बहुत अधिक ग्लोबल वार्मिंग क्षमता होती है।
- दीर्घकालिक प्रदूषक वे हैं जो लंबे समय तक वायुमंडल में बने रहते हैं, जो समय के साथ चल रहे पर्यावरणीय मुद्दों में योगदान करते हैं।
- अल्पकालिक जलवायु प्रदूषकों को संबोधित करके, विश्व जलवायु कार्रवाई कर सकती है और वायु गुणवत्ता तथा मानव स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है।
- अल्पकालिक जलवायु प्रदूषकों या मीथेन, ब्लैक कार्बन और हाइड्रोफ्लोरोकार्बन जैसे "सुपर पॉल्यूटैंट्स (प्रदूषकों)" को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की दिशा में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।
जलवायु और स्वच्छ वायु गठबंधन (CCAC) क्या है?
- UNEP-CCAC 160 से अधिक सरकारों, अंतर-सरकारी संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों की साझेदारी है।
- यह शक्तिशाली लेकिन अल्पकालिक जलवायु प्रदूषकों- मीथेन, ब्लैक कार्बन, हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFC) और ट्रोपोस्फेरिक ओज़ोन को कम करने के लिये काम करता है जो जलवायु परिवर्तन तथा वायु प्रदूषण दोनों को बढ़ाते हैं।
- इसका उद्देश्य महत्त्वाकांक्षी एजेंडा-सेटिंग (Ambitious Agenda-Setting) को देशों और क्षेत्रों के भीतर लक्षित शमन कार्रवाई से जोड़ना है।
- सुदृढ़ विज्ञान और विश्लेषण इसके प्रयासों को रेखांकित करता है तथा इसके ट्रस्ट फंड द्वारा समर्थित, इसने उच्च स्तर की राजनीतिक प्रतिबद्धता, देश में समर्थन एवं उपकरणों की एक शृंखला को जन्म दिया है जो कार्रवाई व समर्थन कार्यान्वयन के लिये केस बनाने में मदद करते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, वित्त वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. हमारे देश के शहरों में वायु गुणता सूचकांक का परिकलन करने में साधारणतया निम्नलिखित वायुमंडलीय गैसों में से किनकों विचार में लिया जाता है? (2016)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये: (a)केवल 1, 2 और 3 उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा हाल ही में जारी किये गए संशोधित वैश्विक वायु गुणवत्ता दिशा-निर्देशों (AQG) के मुख्य बिंदुओं का वर्णन कीजिये। विगत वर्ष 2005 अद्यतन से ये किस प्रकार भिन्न हैं? इन संशोधित मानकों को प्राप्त करने के लिये भारत के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में किन परिवर्तनों की आवश्यकता है? (2021) |