विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
अमेरिका भारत में स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर बनाएगा
- 08 Apr 2025
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प्रिलिम्स के लिये:स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) प्रौद्योगिकी, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी, 2008 भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता या 123 समझौता, परमाणु क्षति के लिये नागरिक दायित्व अधिनियम, 2010, परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962, केंद्रीय बजट 2025-26। मेन्स के लिये:SMR और भारत, परमाणु प्रौद्योगिकी में भारतीयों की प्रगति |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
अमेरिका ने अपने विनियमन 10CFR810 के तहत होलटेक इंटरनेशनल को तीन भारतीय निजी संस्थाओं को अवर्गीकृत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करने की मंजूरी दे दी है।
भारत-अमेरिका SMR प्रौद्योगिकी परमाणु समझौते की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- वैधता:
- यह प्राधिकरण 10 वर्षों के लिये वैध है तथा प्रत्येक 5 वर्ष पर इसकी समीक्षा की जाती है। इससे होलटेक को भारत में परमाणु रिएक्टरों का डिजाइन और निर्माण करने की अनुमति मिल गई है।
- विनियामक सुरक्षा उपाय:
- अनुमोदन के तहत, SMR प्रौद्योगिकी का उपयोग केवल शांतिपूर्ण नागरिक उद्देश्यों के लिये किया जा सकता है, इसे अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के सुरक्षा उपायों का पालन करना होगा, तथा इसका उपयोग सैन्य गतिविधियों के लिये नहीं किया जा सकता है, जिससे वैश्विक अप्रसार मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके।
- महत्त्व:
- 123 समझौते को क्रियान्वित करना: कानूनी और वाणिज्यिक बाधाओं को दूर करके वर्ष 2008 के भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते या 123 समझौते को क्रियान्वित करना।
- निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करना: यह भारतीय निजी फर्मों को पहली बार प्रत्यक्ष अमेरिकी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण है, जो केवल राज्य नियंत्रण से सार्वजनिक-निजी (PPP) मॉडल की ओर स्थानांतरित हो रहा है।
- स्वदेशी क्षमता को बढ़ावा देना: SMR के स्थानीय विनिर्माण को सुगम बनाना और भारत को परमाणु नवाचार और निर्यात, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के लिये, भविष्य के केंद्र के रूप में स्थापित करना।
- कानूनी एवं नीतिगत चुनौतियाँ:
- परमाणु क्षति के लिये नागरिक दायित्व अधिनियम, 2010: परमाणु क्षति के लिये नागरिक दायित्व अधिनियम, 2010, परमाणु दुर्घटनाओं के लिये आपूर्तिकर्त्ताओं को उत्तरदायी ठहराता है, जिससे विदेशी निवेश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हतोत्साहित होता है।
- परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962: परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 परमाणु ऊर्जा उत्पादन को सरकारी संस्थाओं तक सीमित करता है, तथा निजी फर्मों को संयंत्रों के स्वामित्व या संचालन से रोकता है।
- सरकार ने परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 और परमाणु क्षति के लिये नागरिक दायित्व अधिनियम, 2010 में संशोधन करने के लिये अंतर-मंत्रालयी समितियों का गठन किया है, जिसका उद्देश्य परमाणु ऊर्जा में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सक्षम बनाना है।
स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) क्या हैं?
- परिचय:
- SMR उन्नत परमाणु रिएक्टर हैं जिनकी क्षमता 300 मेगावाट तक है, जो पारंपरिक रिएक्टरों का लगभग एक तिहाई है।
- ये कॉम्पैक्ट होते हैं, कारखाने में असेम्बल किये जा सकते हैं, तथा संस्थापना हेतु परिवहन योग्य हैं, जिससे दूरदराज़ अथवा सीमित स्थान वाले क्षेत्रों के लिये ये उपयुक्त हो जाते हैं।
- उदाहरण: NuScale (USA), CAREM (अर्जेंटीना)
- प्रमुख विशेषताएँ:
- SMR कॉम्पैक्ट परमाणु रिएक्टर हैं जो अल्प कार्बन विद्युत् उत्पन्न करते हैं। ये हैं:
- स्मॉल: परंपरागत परमाणु रिएक्टरों की तुलना में आकार में बहुत छोटा।
- मॉड्यूलर: फैक्ट्री-निर्मित घटकों को ले जाया जा सकता है और यथा स्थान असेम्बल किया जा सकता है।
- रिएक्टर: ऊष्मा उत्पन्न करने के लिये नाभिकीय विखंडन होता है, जो ऊर्जा में परिवर्तित होती है।
- SMR कॉम्पैक्ट परमाणु रिएक्टर हैं जो अल्प कार्बन विद्युत् उत्पन्न करते हैं। ये हैं:
- प्रमुख लाभ:
- ईंधन दक्षता: इसकी पुनः ईंधनन अवधि 3 से 7 वर्ष होती है (परंपरागत संयंत्रों में यह 1-2 वर्ष में किया जाता है)।
- विस्तार क्षमता और लचीलापन: इसे विभिन्न विद्युत प्रणालियों में सरलता से एकीकृत किया जा सकता है और इसे दूरदराज़ के क्षेत्रों अथवा शहरी ग्रिडों में इसका विस्तार किया जा सकता है।
- दुर्लभ रिएक्टर-ग्रेड ईंधन अथवा उन्नत संवर्द्धन प्रक्रियाओं पर निर्भरता में कमी आना।
- निष्क्रिय सुरक्षा: दुर्घटना के प्रति बेहतर लचीलेपन के लिये इसमें अंतर्निहित सुरक्षा प्रणालियों को शामिल किया गया है।
- निम्न-कार्बन और विश्वसनीय: यह 24/7 स्वच्छ ऊर्जा की सुविधा, नवीकरणीय ऊर्जा का पूरक और ग्रिड स्थिरता में सहायता प्रदान करता है जिससे ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने और वर्ष 2070 तक नेट-ज़ीरोलक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
- SMR और भारत:
- बजटीय आवंटन: केंद्रीय बजट 2025-26 में स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMR) के अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक परमाणु ऊर्जा मिशन शुरू करने की घोषणा की गई है और वर्ष 2033 तक कम-से-कम 5 देशज रूप से डिज़ाइन किये गए और संचालन योग्य SMR विकसित किये जाने की योजना बनाई गई है।
- भारत स्मॉल रिएक्टर (BSR): BSR 220 मेगावाट दाबयुक्त भारी जल रिएक्टर (PHWR) हैं, जिनका सुरक्षा रिकॉर्ड सुदृढ़ है, जिन्हें इस्पात, एल्यूमीनियम और धातु जैसे उद्योगों के समीप स्थापित किया जाएगा, जो डीकार्बोनाइज़ेशन में सहायता के लिये कैप्टिव पावर प्लांट के रूप में कार्य करेंगे।
- निजी संस्थाएँ भूमि, शीतलन जल और पूंजी उपलब्ध कराएंगी, जबकि डिज़ाइन, गुणवत्ता आश्वासन और परिचालन संबंधी कार्यों का उत्तरदायित्व NPCIL का होगा।
- यह पहल वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा और 50% नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त करने के भारत के COP26 संकल्प के अनुरूप है।
- निजी संस्थाएँ भूमि, शीतलन जल और पूंजी उपलब्ध कराएंगी, जबकि डिज़ाइन, गुणवत्ता आश्वासन और परिचालन संबंधी कार्यों का उत्तरदायित्व NPCIL का होगा।
- स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR): भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC) निष्क्रिय हो रहे कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को पुनः उपयोगी बनाने तथा दूरदराज़ के क्षेत्रों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये SMR पर कार्य कर रहा है।
- परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) भी भारत के विशाल थोरियम संसाधनों का उपयोग करने के लिये हाइड्रोजन उत्पादन के लिये उच्च तापमान गैस-शीतित रिएक्टरों और मॉल्टन साल्ट रिएक्टरों जैसे रिएक्टरों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
- परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) भी भारत के विशाल थोरियम संसाधनों का उपयोग करने के लिये हाइड्रोजन उत्पादन के लिये उच्च तापमान गैस-शीतित रिएक्टरों और मॉल्टन साल्ट रिएक्टरों जैसे रिएक्टरों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. नाभिकीय रिएक्टर में भारी जल का कार्य है: (2011) (a) न्यूट्रॉन की गति धीमा करना उत्तर: (a) |