शासन व्यवस्था
यूनेस्को ने भारतीय स्कूलों में आईसीटी के उपयोग को दी मान्यता
- 23 Jun 2022
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:UNESCO का किंग हमाद बिन ईसा अल-खलीफा पुरस्कार, PM e विद्या, CIET, SDG, दीक्षा, ई-पाठशाला, निष्ठा, MOOCs, स्वयम। मेन्स के लिये:राष्ट्रीय शिक्षा नीति, सरकार की शिक्षा संबंधी नीतियाँ। |
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (CIET) ने वर्ष 2021 के लिये संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के ‘किंग हमाद बिन ईसा अल-खलीफा पुरस्कार’ जीता।
- CIET स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के तहत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की एक घटक इकाई है।
- CIET को यूनेस्को द्वारा शिक्षा में ICT के उपयोग के लिये पीएम ई-विद्या नामक एक व्यापक पहल के तहत सम्मानित किया गया है।
पीएम ई-विद्या
- 17 मई, 2020 को शिक्षा मंत्रालय द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में पीएम ई-विद्या की शुरुआत की गई।
- यह सीखने के नुकसान को कम करने के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग करके शिक्षा प्रदान करने हेतु मल्टी-मोड एक्सेस को सक्षम करने हेतु डिजिटल/ऑनलाइन/ऑन-एयर शिक्षा से संबंधित सभी प्रयासों को एकीकृत करता है।
किंग हमाद बिन ईसा अल-खलीफा पुरस्कार
- परिचय:
- यह बहरीन के सहयोग से वर्ष 2005 में स्थापित किया गया था।
- यह पुरस्कार "सतत् विकास के लिये 2030 एजेंडा; और शिक्षा पर इसके लक्ष्य 4 के अनुरूप सभी के लिये शैक्षिक और आजीवन सीखने के अवसरों का विस्तार करने हेतु नई तकनीकों का लाभ उठाने में नवीन दृष्टिकोणों को मान्यता देता है।
- पुरस्कार उन व्यक्तियों और संगठनों को पुरस्कृत करता है जो उत्कृष्ट परियोजनाओं को लागू कर रहे हैं और डिजिटल युग में सीखने, शिक्षण तथा समग्र शैक्षिक प्रदर्शन को बढ़ाने के लिये प्रौद्योगिकियों के रचनात्मक उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।
- पुरस्कार:
- एक अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी सालाना दो सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं का चयन करती है।
- प्रत्येक पुरस्कार विजेता को पेरिस में यूनेस्को मुख्यालय में समारोह के दौरान 25,000 डॉलर एक पदक और एक डिप्लोमा प्राप्त होता है।
CIET, NCERT के माध्यम से शिक्षा मंत्रालय द्वारा किये गए प्रयास:
- नई शिक्षा नीति(NEP), 2020 की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए, CIET, NCERT के माध्यम से शिक्षा मंत्रालय डिज़ाइन, विकास और प्रसार में अथक तथा सावधानीपूर्वक कार्य कर रहा है।
- बड़ी संख्या में ई-बुक्स, ई-कंटेंट- ऑडियो, वीडियो, इंटरेक्टिव, ऑगमेंटेड रियलिटी कंटेंट, इंडियन साइन लैंग्वेज (ISL) वीडियो, ऑडियोबुक, टॉकिंग बुक्स आदि पर कार्य करना I
- स्कूल और शिक्षक शिक्षा के लिये विभिन्न प्रकार के ई-पाठ्यक्रम उपलब्ध कराना I
- ऑनलाइन/ऑफलाइन, ऑन-एयर टेक्नोलॉजी वन क्लास-वन चैनल, दीक्षा, ई-पाठशाला, निष्ठा, स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स आदि का लाभ उठाकर मुख्य रूप से छात्रों और शिक्षकों के लिये ऑनलाइन क्विज़ जैसे डिजिटल कार्यक्रम आयोजित करन I
- पीएम ई-विद्या का शुभारंभ:
- NEP और समग्र शिक्षा के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और उपरोक्त स्तंभों को संबोधित करने के लिये, पीएम ई-विद्या को मई 2020 में लॉन्च किया गया था।
- दरवाजे तक सीखना।
- CIET, पीएम ई-विद्या कार्यक्रम के तहत सामुदायिक रेडियो स्टेशनों सहित 12 PM पीएम ई-विद्या DTH टीवी चैनलों और लगभग 397 रेडियो स्टेशनों के व्यापक, लचीला, नैतिक और सुसंगत उपयोग के माध्यम से बच्चों के दरवाजे तक सीखने में सक्रिय था।
- ये प्रयास विशेष रूप से महामारी की स्थितियों में जब स्कूल बंद थे, छात्रों तक पहुँचने में मददगार थे।
- इन प्रयासों ने काफी हद तक सीखने के अंतराल को रोकने में मदद की है।
शिक्षा से संबंधित अन्य पहलें:
- प्रौद्योगिकी वर्द्धित शिक्षा पर राष्ट्रीय कार्यक्रम
- राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (RUSA)
- प्रधानमंत्री अनुसंधान फैलोशिप (PMRF)
- शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग के संवर्द्धन के लिये योजना (SPARC)
- सर्व शिक्षा अभियान
- नीट (NEET)
- प्रज्ञाता
- मध्याह्न भोजन योजना
- शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (पीवाईक्यू)निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) 1 और 2 उत्तर: (b) व्याख्या:
अतः विकल्प (b) सही है। |