विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
NSIL को इन-ऑर्बिट संचार उपग्रहों का हस्तांतरण
- 11 Jun 2022
- 10 min read
प्रिलिम्स के लिये:इसरो, एनएसआईएल। मेन्स के लिये:अंतरिक्ष क्रांति की आवश्यकता और इससे संबंधित उठाए गए कदम। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत सरकार ने न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) को 10 इन-ऑर्बिट संचार उपग्रहों के हस्तांतरण को मंज़ूरी प्रदान की है।
- GSAT-7 और 7A को छोड़कर पूरी GSAT शृंखला NSIL को हस्तांतरित की जाएगी तथा इस तरह डाउनस्ट्रीम सैटकॉम कारोबार विकसित करने की इच्छुक कंपनियों को इसे हस्तातंरित किया जाएगा। नई संचार उपग्रह (CMS) शृंखला पहले से ही NSIL द्वारा संचालित है।
- NSIL की अधिकृत शेयर पूंजी को 1,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 7,500 करोड़ रुपए किये जाने की भी मंजूरी प्रदान की गई है।
संभावित लाभ:
- वांछित वित्तीय स्वायत्तता प्रदान करना:
- NSIL को इन परिसंपत्तियों का हस्तांतरण कंपनी को पूंजी गहन कार्यक्रमों/परियोजनाओं को साकार करने हेतु वांछित वित्तीय स्वायत्तता प्रदान करेगा और इस तरह अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों में रोज़गार की संभावना एवं इस प्रौद्योगिकी स्पिन-ऑफ की पेशकश को बढ़ावा देगा।
- अंतरिक्ष क्षेत्र में घरेलू गतिविधि को बढ़ावा देना:
- इस मंज़ूरी से घरेलू आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने और वैश्विक अंतरिक्ष बाज़ार में भारत के एक बड़ा हिस्सा प्राप्त करने की संभावना है।
- अंतरिक्ष क्षेत्र में व्यापार करने में सुविधा:
- सिंगल-विंडो ऑपरेटर के रूप में काम करने वाली NSIL अंतरिक्ष क्षेत्र में व्यापार सुगमता को बढ़ावा देगी।
- NSIL बोर्ड को अब उपग्रह संचार क्षेत्र में बाज़ार की गतिशीलता और वैश्विक प्रवृत्तियों के अनुसार ट्रांसपोंडरों का मूल्य निर्धारण करने का अधिकार होगा।
- NSIL अपनी आंतरिक नीतियों और दिशा-निर्देशों के अनुसार क्षमता प्रदान करने तथा आवंटित करने के लिये भी अधिकृत है।
- अंतरिक्ष क्षेत्र के सुधारों के अंतर्गत NSIL को व्यापक वाणिज्यिक अंतरिक्ष गतिविधियों को शुरू करने और एक पूर्ण उपग्रह संचालक के रूप में कार्य करने के लिये अधिकृत किया गया था।
- सिंगल-विंडो ऑपरेटर के रूप में काम करने वाली NSIL अंतरिक्ष क्षेत्र में व्यापार सुगमता को बढ़ावा देगी।
अंतरिक्ष सुधारों के चार स्तंभ:
- निजी क्षेत्र को नवाचार की स्वतंत्रता की अनुमति देना।
- सरकार सक्षमकर्त्ता की भूमिका निभा रही है:
- भारतीय अंतरिक्ष संघ (ISpA) का गठन: इसका गठन भारतीय अंतरिक्ष उद्योग को एकीकृत करने के उद्देश्य से किया गया है।
- भविष्य के लिये युवाओं को तैयार करना:
- हाल ही में एटीएल स्पेस चैलेंज, 2021 लॉन्च किया गया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को एक स्वतंत्र मंच प्रदान किया जा सके, जहाँ वे डिजिटल युग से संबंधित अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी समस्याओं को हल करने हेतु स्वयं को नवाचार के लिये सक्षम बना सकें।
- अंतरिक्ष क्षेत्र को आम आदमी की प्रगति के लिये एक संसाधन के रूप में देखना:
- विकास परियोजनाओं की निगरानी उपग्रह इमेजिंग द्वारा की जा रही है, फसल बीमा योजना और आपदा प्रबंधन योजना के दावों के निपटान में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है तथा नाविक प्रणाली मछुआरों की मदद कर रही है।
न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL):
- परिचय:
- NSIL भारत सरकार का एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है।
- इसकी स्थापना वर्ष 2019 में अंतरिक्ष विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में हुई थी।
- NSIL भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की वाणिज्यिक शाखा है, जिसकी प्राथमिक ज़िम्मेदारी भारतीय उद्योगों को उच्च प्रौद्योगिकी से संबंधित अंतरिक्ष गतिविधियों को शुरू करने में सक्षम बनाना है।
- मुख्यालय: इसका मुख्यालय बंगलूरू में है।
- मिशन:
- पृथ्वी अवलोकन और संचार अनुप्रयोगों के लिये उपग्रहों का स्वामित्व और अंतरिक्ष-आधारित सेवाएंँ प्रदान करना।
- उपग्रहों का निर्माण और मांग के अनुसार उन्हें लॉन्च करना।
- ग्राहक को संबंधित उपग्रह के लिये प्रक्षेपण सेवाएंँ प्रदान करना।
- भारतीय उद्योग के माध्यम से प्रक्षेपण वाहनों का निर्माण करना और उपग्रहों को ग्राहकों की आवश्यकता के अनुसार लॉन्च करना।
- वाणिज्यिक आधार पर पृथ्वी अवलोकन और संचार उपग्रहों से संबंधित अंतरिक्ष आधारित सेवाएंँ।
- भारतीय उद्योग के माध्यम से उपग्रह निर्माण।
- भारतीय उद्योग को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण।
विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न. भारत के उपग्रह प्रक्षेपण यान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) व्याख्या:
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