कच्छ के रण में पर्यटन कार्य समूह | 04 Feb 2023
प्रिलिम्स के लिये:भारत की G20 प्रेसीडेंसी, कच्छ का रण, यूनेस्को विश्व विरासत स्थल, धौलावीरा, विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद, स्वदेश दर्शन योजना, मसौदा राष्ट्रीय पर्यटन नीति 2022, देखो अपना देश पहल, राष्ट्रीय हरित पर्यटन मिशन, वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन। मेन्स के लिये:भारत में पर्यटन क्षेत्र की स्थिति, पर्यटन क्षेत्र से संबंधित चुनौतियाँ, पर्यटन विकास से संबंधित सरकार की पहल, G20 और पर्यटन। |
चर्चा में क्यों?
भारत की G20 अध्यक्षता के हिस्से के रूप में गुजरात 7 से 9 फरवरी, 2023 तक कच्छ के रण में पहले पर्यटन कार्य समूह (TWG) की बैठक की मेज़बानी करेगा।
- ग्रामीण और पुरातात्त्विक स्थल पर्यटन का फोकस क्षेत्र होगा। इसके अतिरिक्त धौलावीरा जो कि यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल है, यह विदेशी प्रतिनिधियों के लिये दूसरा पर्यटन स्थल होगा।
G20 द्वारा पर्यटन क्षेत्र में हस्तक्षेप:
- भारत की जी20 अध्यक्षता में पर्यटन के लिये 5 परस्पर संबंधित प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं। तद्नुसार, इन पाँच प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ज़ोर दिया जाएगा:
- पर्यटन क्षेत्र का कायाकल्प
- डिजिटलीकरण की शक्ति का उपयोग करना
- कौशल के साथ युवाओं को सशक्त बनाना
- पर्यटन MSME/स्टार्टअप को बढ़ावा देना
- लक्ष्यों के रणनीतिक प्रबंधन पर पुनर्विचार।
- साथ ही G20 मंच के माध्यम से कई प्राथमिकताओं में से एक यह है कि वर्ष 2030 तक सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals- SDG) को कैसे प्राप्त किया जाएगा, इस बारे में आम सहमति तय करना।
- इसके एक भाग के रूप में स्थायी पर्यटन पर ज़ोर दिया जाएगा जो न केवल पर्यावरण के लिये बल्कि स्थानीय उद्यम के लिये अवसर पैदा करने हेतु भी महत्त्वपूर्ण है।
- G20 आयोजनों के लिये चुने गए विभिन्न स्थानों में ग्रामीण पर्यटन (लाडपुरा खास गाँव, मध्य प्रदेश), पुरातात्त्विक पर्यटन (धौलावीरा) और इको टूरिज़्म (खोनोमा गाँव, नगालैंड) आदि जैसे विभिन्न क्षेत्र शामिल होंगे।
- इसके साथ ही G20 अध्यक्षता का लाभ उठाने के लिये 3 मेगा पर्यटन संबंधी कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इनमें अप्रैल 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, MICE अभिसमय और वर्ल्ड टूरिज़्म CEO फोरम की बैठक शामिल हैं।
भारत में पर्यटन क्षेत्र की स्थिति:
- परिचय:
- भारत अपनी विविध सांस्कृतिक विरासत, समृद्ध इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता हेतु जाना जाता है, यही कारण है कि यह प्रत्येक वर्ष लाखों घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करता है।
- भारत पर्यटन क्ष्रेत्र में विविधताओं से परिपूर्ण है, जिसमें इको-टूरिज़्म, परिभ्रमण, व्यवसाय, खेल, शैक्षिक, ग्रामीण और चिकित्सा यात्राएँ शामिल हैं।
- अर्थव्यवस्था में योगदान:
- विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद के अनुसार, वर्ष 2021 में सकल घरेलू उत्पाद में यात्रा और पर्यटन के कुल योगदान के मामले में भारत 6वें स्थान पर है।
- यात्रा और पर्यटन ने सकल घरेलू उत्पाद में 5.8% का योगदान दिया और इस क्षेत्र ने 32.1 मिलियन नौकरियाँ सृजित कीं, जो वर्ष 2021 की कुल नौकरियों के 6.9% के बराबर है।
- पर्यटन क्षेत्र से संबंधित चुनौतियाँ:
- अवसंरचनात्मक बाधाएँ: भारत आवास, परिवहन और मनोरंजन सुविधाओं सहित गुणवत्तापूर्ण पर्यटक अवसंरचना की कमी का सामना कर रहा है, जो अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने की इसकी क्षमता को सीमित करता है।
- सुरक्षा और संरक्षण: भारत को पर्यटकों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा और रक्षा के संबंध में चिंताओं का सामना करना पड़ा है जो संभावित पर्यटकों को देश में आने से रोक सकता है।
- मानकीकरण का अभाव: भारत को पर्यटन उद्योग में मानकीकरण की कमी का सामना करना पड़ता है, जिसमें आवास, टूर ऑपरेटर और परिवहन प्रदाता शामिल हैं, जो समग्र पर्यटक अनुभव को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
- भारत में पर्यटन से संबंधित पहलें:
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न 1. पर्वत पारिस्थितिकी तंत्र को विकास पहलों और पर्यटन के ऋणात्मक प्रभाव से किस प्रकार पुनःस्थापित किया जा सकता है? (मुख्य परीक्षा- 2019) प्रश्न 2. पर्यटन की प्रोन्नति के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्य अपनी पारिस्थितिक वहन क्षमता की सीमाओं तक पहुँच रहे हैं। समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। (मुख्य परीक्षा- 2015) |