लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

जैव विविधता और पर्यावरण

प्लास्टिक पुनर्चक्रण से खतरा

  • 31 May 2023
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

प्लास्टिक पुनर्चक्रण, प्लास्टिक प्रदूषण, अंतर-सरकारी वार्ता समिति, कार्सिनोजेन्स, कीटनाशकों, विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व से खतरे

मेन्स के लिये:

प्लास्टिक पुनर्चक्रण से खतरा

चर्चा में क्यों? 

पेरिस में अंतर-सरकारी वार्ता समिति की बैठक के दूसरे सत्र में ग्रीनपीस फिलीपींस की "फॉरएवर टॉक्सिक: द साइंस ऑन हेल्थ थ्रेट्स फ्रॉम प्लास्टिक रीसाइक्लिंग" नामक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है, जिसमें यह सुझाव दिया गया है कि हालाँकि रीसाइक्लिंग को प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान माना जाता है लेकिन इससे प्लास्टिक की विषाक्तता और अधिक बढ़ जाती है।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष:

  • रसायनों का उच्च स्तर:
    • पुनर्चक्रण से प्लास्टिक में अक्सर उच्च स्तर के रसायन उत्पन्न होते हैं जैसे कि विषाक्त लौ मंदक, बेंज़ीन और अन्य कार्सिनोजेन्स, ब्रोमिनेटेड एवं क्लोरीनयुक्त डाइऑक्सिन सहित पर्यावरण प्रदूषक तथा कई अंतःस्रावी व्यवधान जो शरीर के प्राकृतिक हार्मोन स्तरों में परिवर्तन का कारण बन सकते हैं।
      • प्लास्टिक में 13,000 से अधिक रसायन होते हैं और उनमें से 3,200 मानव स्वास्थ्य के लिये खतरनाक माने जाते हैं। 
  • विषाक्तता के कारक:
    • पुनर्चक्रण प्लास्टिक सामग्री में ज़हरीले रसायनों के जमा होने के तीन कारक हैं:
      • शुद्ध प्लास्टिक में ज़हरीले रसायनों से सीधा संदूषण।
      • कीटनाशकों, सफाई सॉल्वैंट्स और अन्य के लिये प्लास्टिक कंटेनर जैसे पदार्थ जो पुनर्चक्रण की शृंखला में प्रवेश करते हैं और प्लास्टिक को दूषित कर सकते हैं।
      • पुनर्चक्रण प्रक्रिया जब प्लास्टिक को गर्म किया जाता है।
  • प्लास्टिक रीसाइक्लिंग सुविधाओं में बढ़ता आग का जोखिम:
    • प्लास्टिक भंडार में वृद्धि के साथ पुनर्चक्रण सुविधाओं में व्यापक रूप से आग का खतरा बढ़ गया है, विशेषकर वहाँ जो उपयोग की गई बैटरी के साथ ई-अपशिष्ट प्लास्टिक रखते हैं। 
      • वर्ष 2022 में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में एक सर्वेक्षण के अनुसार प्लास्टिक पुनर्चक्रण/रीसाइक्लिंग और अपशिष्ट सुविधाओं में रिकॉर्ड 390 आग की घटनाएँ हुईं।
    • अप्रैल 2023 तक के 12 महीनों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, घाना, रूस, दक्षिणी ताइवान, थाईलैंड एवं यूनाइटेड किंगडम तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्लोरिडा, इंडियाना, उत्तरी कैरोलिना से प्लास्टिक रीसाइक्लिंग सुविधाओं में आग लगने की सूचना प्राप्त हुई है।
  • प्लास्टिक उत्पादन में वृद्धि:
    • प्लास्टिक उत्पादन के वर्ष 2060 तक तीन गुना होने तथा पुनर्चक्रण में केवल न्यूनतम वृद्धि का अनुमान है।  
    • 1950 के दशक से लगभग 8 बिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन किया गया है।  
      • इतना ही नहीं कि प्लास्टिक का केवल एक छोटा अनुपात (9%) का कभी भी पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है, वे भी विषाक्त रसायनों की उच्च सांद्रता के साथ समाप्त होते हैं, मानव, पशु एवं पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिये जोखिम को बढ़ाते हैं।
  • प्रभाव: 
    • प्लास्टिक उत्पादन, निपटान और दहन क्रिया सुविधाएँ अक्सर विश्व भर में कम आय वाले देशों तथा हाशिये वाले समुदायों के बीच स्थित हैं, जो कैंसर, फेफड़े की बीमारी की उच्च दर तथा विषाक्त रसायनों के संपर्क से जुड़े प्रतिकूल जन्म परिणामों से पीड़ित हैं।  

सिफारिशें: 

  • यदि देश और कंपनियाँ मौजूदा तकनीकों का उपयोग करके नीतियाँ एवं बाज़ारों में परिवर्तन करें तथा एक  चक्रीय अर्थव्यवस्था में बदलाव करें, तो वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण को वर्ष 2040 तक 80% तक कम किया जा सकता है।
  • चक्रीय अर्थव्यवस्था में प्लास्टिक का कोई स्थान नहीं है और प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने जैसे वास्तविक समाधान के माध्यम से प्लास्टिक उत्पादन को बड़े पैमाने पर कम किया जा सकता है।
  • एक महत्त्वाकांक्षी, कानूनी रूप से बाध्यकारी वैश्विक प्लास्टिक संधि की आवश्यकता है जो प्लास्टिक पर निर्भरता को समाप्त कर एक उचित मार्ग प्रदान करे।
    • संधि के माध्यम से सुरक्षित, विषाक्त-मुक्त और पुन: उपयोग-आधारित सामग्री, शून्य-अपशिष्ट अर्थव्यवस्थाओं और नए रोज़गार सृजन को बढ़ावा देना चाहिये। इन प्रथाओं का समर्थन करने के लिये मानव स्वास्थ्य और ग्रह की रक्षा करना, संसाधनों के उपयोग को सीमित करना तथा प्लास्टिक से प्रभावित श्रमिकों एवं समुदायों के लिये एक उचित आपूर्ति और अपशिष्ट शृंखला प्रदान करने की ज़रूरत है। 

प्लास्टिक प्रदूषण: 

  • परिचय: 
    • कागज़, फलों के छिलके, पत्तियाँ आदि जैसे अपशिष्ट के अन्य रूपों के विपरीत जो प्राकृतिक रूप से बायोडिग्रेडेबल (बैक्टीरिया या अन्य जीवित जीवों द्वारा विघटित होने में सक्षम) हैं, प्लास्टिक अपशिष्ट अपनी गैर-बायोडिग्रेडेबल प्रकृति के कारण बहुत लंबे समय (सौ या हज़ारों साल) तक पर्यावरण में बने रहते हैं।
    • माइक्रोप्लास्टिक्स: ये पाँच मिलीमीटर से कम आकार के प्लास्टिक के छोटे टुकड़े होते हैं।
      • माइक्रोप्लास्टिक में माइक्रोबीड्स (उनके सबसे बड़े आयाम में एक मिलीमीटर से कम के ठोस प्लास्टिक कण) शामिल हैं जो सौंदर्य प्रसाधन और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों, औद्योगिक स्क्रबर्स तथा वस्त्रों में उपयोग किये जाने वाले माइक्रोफाइबर तथा प्लास्टिक निर्माण प्रक्रियाओं में उपयोग किये जाने वाले वर्जिन राल छर्रों में इस्तेमाल किये जाते हैं। 
      • प्लास्टिक के बड़े टुकड़े जिन्हें पुर्नवीनीकरण नहीं किया गया होता है, सूर्य के संपर्क में आने से अपनी बनावट के कारण माइक्रोप्लास्टिक्स अवस्था में आने लिये टूट जाते है।
      • सिंगल-यूज़ प्लास्टिक: यह एक डिस्पोज़ेबल सामग्री है जिसे फेंकने या पुर्नवीनीकरण करने से पहले केवल एक बार उपयोग किया जा सकता है,सिंगल यूज़प्लास्टिक जैसे प्लास्टिक बैग, पानी की बोतलें, सोडा की बोतलें, स्ट्रॉ, प्लास्टिक प्लेट, कप, अधिकांश खाद्य पैकेजिंग और कॉफी स्टिरर आदि हैं। 

प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने की पहल:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न  

प्रश्न: पर्यावरण में निर्मुक्त हो जाने वाली ‘सूक्ष्ममणिकाओं (माइक्रोबीड्स)’ के विषय में अत्यधिक चिंता क्यों है?

(a) ये समुद्री पारितंत्रों के लिये हानिकारक मानी जाती हैं।
(b) ये बच्चों में त्वचा कैंसर का कारण मानी जाती हैं।
(c) ये इतनी छोटी होती हैं कि सिंचित क्षेत्रों में फसल पादपों द्वारा अवशोषित हो जाती हैं।
(d) अक्सर इनका इस्तेमाल खाद्य-पदार्थों में मिलावट के लिये किया जाता है।

उत्तर: (a) 

व्याख्या: 

  • सूक्ष्ममणिकाएँ (माइक्रोबीड्स) छोटे, ठोस, प्लास्टिक से निर्मित कण हैं जिनका आकर 5 मिली मीटर से कम होता है और जल में में घुलनशील नहीं होते हैं। 
  • मुख्य रूप से पॉलीएथिलीन से बने माइक्रोबीड्स को पॉलीस्टाइन और पॉलीप्रोपाइलीन जैसे पेट्रोकेमिकल प्लास्टिक से भी तैयार किया जा सकता है। उन्हें कई उत्पादों में मिलाया जा सकता है, जिसमें सौंदर्य प्रसाधन, व्यक्तिगत देखभाल और सफाई उत्पाद शामिल हैं।
  • अपने छोटे आकार के कारण माइक्रोबीड्स सीवेज/मलजल उपचार प्रणाली के माध्यम से बहते हुए जल निकायों तक पहुँच जाते हैं। जल निकायों में अनुपचारित माइक्रोबीड्स का उपभोग समुद्री जानवरों द्वारा किया जाता है जिससे उनमें विषाक्तता उत्पन्न होती है तथा समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को क्षति पहुँचती है।
  • यह विभिन्न उत्पादों में पाए जाते हैं जिनकी सूची में सौंदर्य प्रसाधन, व्यक्तिगत देखभाल और सफाई उत्पाद शामिल हैं। इन्हें समुद्री और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिये हानिकारक माना जाता है।
  • वर्ष 2014 में नीदरलैंड सौंदर्य प्रसाधन माइक्रोबीड्स पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश बना।
  • अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2