कैंसर जीनोम एटलस सम्मेलन, 2020 | 07 Dec 2020
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने नई दिल्ली में द्वितीय कैंसर जीनोम एटलस (The Cancer Genome Atlas- TCGA) सम्मेलन का उद्घाटन किया।
- भारतीय कैंसर जीनोम एटलस (Indian Cancer Genome Atlas) के निर्माण के लिये यह सम्मेलन दुनिया भर के वैज्ञानिकों और चिकित्सकों को एक साथ लाता है।
प्रमुख बिंदु
- भारतीय कैंसर जीनोम एटलस:
- इसका उद्देश्य भारतीय आबादी में पाए जाने वाले सभी प्रकार के कैंसर के आणविक प्रोफाइल का स्वदेशी, ओपन-सोर्स और व्यापक डेटाबेस बनाना है।
- कैंसर के कारकों में आनुवंशिक और जीवन-शैली सहित विविध आणविक तंत्र को उत्तरदायी माना जाता है जो उपचार में अत्यधिक चुनौती की स्थिति उत्पन्न करते हैं।
- इसलिये रोगी द्वारा इन कारकों को बेहतर ढंग से समझना आवश्यक है।
- कैंसर जीनोम एटलस :
- यह आणविक रूप से 20,000 से अधिक प्राथमिक कैंसर और 33 कैंसर प्रकारों के साथ सामान्य नमूनों से मेल खाता है।
- जीनोमिक्स का उद्देश्य जीनोम की संरचना और कार्य को अनुक्रमित, एकत्रण और विश्लेषण करना है।
- जीनोम (Genome) एक जीव पाए जाने वाले सभी आनुवंशिक पदार्थ होते हैं। इसमें DNA (या RNA में RNA वायरस) भी शामिल है।
- TCGA राष्ट्रीय कैंसर संस्थान ( National Cancer Institute) और राष्ट्रीय मानव जीनोम अनुसंधान संस्थान (National Human Genome Research Institute) का एक संयुक्त प्रयास है जो राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग तथा मानव सेवा का हिस्सा है।
- इसे 2006 में शुरू किया गया था।
- TCGA ने जीनोमिक, एपिजीनोमिक (Epigenomic), ट्रांसस्क्रिप्टोमिक (Transcriptomic) और प्रोटिओमिक (Proteomic) डेटा की एक बड़ी मात्रा उत्पन्न की।
- ट्रांसस्क्रिप्टोमिक प्रौद्योगिकी (Transcriptomic Technology) एक जीव के ट्रांसक्रिप्टोम (Transcriptome) का अध्ययन करने के लिये उपयोग की जाने वाली तकनीक है।
- प्रोटम (Proteome) जीव में उत्पादित प्रोटीन का समूह है।
- इस डेटा से कैंसर के निदान, उपचार और रोकथाम की क्षमता में सुधार हुआ है।
- इसी तर्ज़ पर भारत सरकार के वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के नेतृत्व में प्रमुख हितधारकों के संघ द्वारा भारतीय कैंसर जीनोमिक्स एटलस (Indian Cancer Genomics Atlas) की स्थापना की गई है, जिसमें कई सरकारी एजेंसियाँ, कैंसर अस्पताल, अकादमिक संस्थान और निजी क्षेत्र भागीदार हैं।
- यह आणविक रूप से 20,000 से अधिक प्राथमिक कैंसर और 33 कैंसर प्रकारों के साथ सामान्य नमूनों से मेल खाता है।
इस प्रकार के अन्य मिशन:
- जीनोम इंडिया:
- इस परियोजना में कैंसर जैसे रोगों के उपचार के लिये नैदानिक परीक्षणों और प्रभावी उपचारों हेतु (अगले पाँच वर्षों में) 20,000 भारतीयों के जीनोम की स्कैनिंग (Scanning) किये जाने पर विचार करना है।
- परियोजना के पहले चरण में 10,000 स्वस्थ भारतीयों के संपूर्ण जीनोम का अनुक्रमण किया जाएगा।
- इंडीजेन जीनोम परियोजना:
- अप्रैल 2019 में शुरू हुई इंडीजेन जीनोम परियोजना (IndiGen Genome Project) को सी.एस.आई.आर.– जिनोमिकी और एकीकृत जीवविज्ञान संस्थान दिल्ली (CSIR-Institute of Genomics and Integrative Biology - IGIB) तथा कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र, हैदराबाद (CSIR-Centre for Cellular and Molecular Biology - CCMB) द्वारा लागू किया गया है।
- इंडीजेन परियोजना का उद्देश्य भारत के विभिन्न जातीय समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले हज़ारों लोगों का संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण करना है।