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वैश्विक जलवायु स्थिति रिपोर्ट 2024
- 20 Mar 2025
- 3 min read
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
चर्चा में क्यों?
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की वैश्विक जलवायु स्थिति रिपोर्ट 2024 के अनुसार, भूमंडलीय तापक्रम वृद्धि पेरिस समझौते की निर्धारित सीमा 1.5°C के निकट है।
वैश्विक जलवायु रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं?
- वर्तमान तापक्रम वृद्धि स्तर: वैश्विक तापक्रम वृद्धि पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.34-1.41 डिग्री सेल्सियस अधिक है, तथा गत 20 माहों में से 19 माहों में तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा से अधिक रहा।
- सितंबर 2029 तक विश्व का तापमान 1.5°C की सीमा से अधिक होने की संभावना है।
- चरम मौसम की घटनाएँ: वर्ष 2024 में चक्रवातों, बाढ़ और अनावृष्टि से हुए रिकॉर्ड स्तर के विस्थापन के कारण खाद्य संकट और भी गंभीर हो गया है, जबकि पूर्वी एशिया, दक्षिण-पूर्वी यूरोप, भूमध्य सागर, पश्चिम एशिया और दक्षिण-पश्चिमी अमेरिका में हीट वेव्स की तीव्रता जारी रही।
- कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर: वर्ष 2023 में, वायुमंडलीय CO₂ पूर्व-औद्योगिक स्तर के 151% तक पहुँच गया, जो 800,000 वर्षों में सबसे अधिक है।
- क्रायोस्फीयर में गिरावट: आर्कटिक समुद्री हिम लगातार 18 वर्षों तक रिकॉर्ड निम्न स्तर पर रही, जबकि अंटार्कटिक समुद्री हिम वर्ष 2024 में अपनी दूसरी सबसे निम्नतम सीमा पर पहुँच गई।
- अपरिवर्तनीय प्रभाव:
- महासागरीय तापमान में वृद्धि: वर्ष 2024 में महासागरीय तापमान में 65 वर्षों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई, तथा तापमान वृद्धि की दर वर्ष 1960 के बाद से दोगुनी हो गई।
- समुद्र के स्तर में वृद्धि: वैश्विक औसत समुद्र का स्तर रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गया, जिसकी दर 2.1 मिमी/वर्ष (वर्ष 1993-2002) से दोगुनी होकर 4.7 मिमी/वर्ष (वर्ष 2015-2024) हो गई।
- ग्लेशियर का पिघलना: वर्ष 2022-2024 की अवधि में सबसे नकारात्मक ग्लेशियर द्रव्यमान संतुलन दर्ज किया गया, जिसमें नॉर्वे, स्वीडन, स्वालबार्ड और उष्णकटिबंधीय एंडीज में महत्त्वपूर्ण नुकसान हुआ।
- महासागरीय अम्लीकरण: pH स्तर में तेज़ी से गिरावट आ रही है, विशेष रूप से हिंद महासागर, दक्षिणी महासागर और भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में, जिसका प्रभाव सदियों तक अपरिवर्तनीय रहेगा।
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