जैव विविधता और पर्यावरण
राजकीय पशु एवं पक्षी: लद्दाख
- 03 Sep 2021
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:हिम तेंदुआ, ब्लैक-नेक्ड क्रेन मेन्स के लिये:हिम तेंदुआ का पारिस्थितिकी महत्त्व एवं लद्दाख की भौगोलिक विशेषताएँ |
चर्चा में क्यों?
लद्दाख के तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर (जम्मू और कश्मीर) से एक अलग केंद्रशासित प्रदेश (UT) के रूप में स्थापना के दो वर्ष बाद हाल ही में लद्दाख ने ‘हिम तेंदुआ’ और ‘ब्लैक-नेक्ड क्रेन’ को राजकीय पशु एवं राजकीय पक्षी के रूप में अपनाया है।
प्रमुख बिंदु
- हिम तेंदुआ:
- परिचय:
- हिम तेंदुए (पैंथेरा यूनिया) खाद्य शृंखला में शीर्ष शिकारी के रूप में अपनी स्थिति के कारण उस पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के संकेतक के तौर पर कार्य करते हैं जिसमें वे रहते हैं।
- आवास;
- मध्य और दक्षिणी एशिया के पर्वतीय क्षेत्र। भारत में उनकी भौगोलिक सीमा में शामिल हैं:
- पश्चिमी हिमालय: जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश।
- पूर्वी हिमालय: उत्तराखंड और सिक्किम तथा अरुणाचल प्रदेश।
- विश्व की हिम तेंदुआ राजधानी: हेमिस, लद्दाख।
- हेमिस नेशनल पार्क भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है और इसमें हिम तेंदुओं की अच्छी उपस्थिति भी है।
- मध्य और दक्षिणी एशिया के पर्वतीय क्षेत्र। भारत में उनकी भौगोलिक सीमा में शामिल हैं:
- खतरे:
- शिकार की आबादी में कमी।
- अवैध शिकार और प्रजातियों के आवास में मानव आबादी की घुसपैठ में वृद्धि।
- वन्यजीवों के अंगों और उत्पादों का अवैध व्यापार।
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN: सुभेद्य
- CITES: अनुसूची- I
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972: अनुसूची- I
- यह ‘कन्वेंशन ऑन माइग्रेटरी स्पीशीज़’ (CMS) में भी सूचीबद्ध है, जो विश्व स्तर पर और भारत में प्रजातियों को उच्चतम संरक्षण का दर्जा प्रदान करता है।
- ब्लैक-नेक्ड क्रेन:
- परिचय:
- ‘ब्लैक-नेक्ड क्रेन’ (ग्रस निग्रीकोलिस), जिसे तिब्बती क्रेन भी कहा जाता है, एक बड़ा पक्षी और मध्यम आकार का क्रेन है।
- नर और मादा दोनों लगभग एक ही आकार के होते हैं लेकिन नर मादा से थोड़ा बड़ा होता है।
- इसके सिर पर एक विशिष्ट रेड क्राउन मौजूद होता है।
- आवास:
- तिब्बती पठार, सिचुआन (चीन) और पूर्वी लद्दाख (भारत) की उच्च ऊंँचाई वाली आर्द्रभूमि भूमि इन प्रजातियों के मुख्य प्रजनन स्थल हैं। यह पक्षी सर्दी का मौसम कम ऊंँचाई वाले स्थानों पर बिताता है।
- भूटान और अरुणाचल प्रदेश में यह केवल सर्दियों के दौरान आता है।
- खतरा:
- जंगली कुत्तों के कारण अंडे और चूजों को नुकसान।
- आर्द्रभूमि पर बढ़ते मानव दबाव (विकास परियोजनाएंँ) के कारण आवास का नुकसान।
- आर्द्रभूमि के पास सीमित चरागाहों पर बढ़ता चराई का दबाव।
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN रेड लिस्ट: संकट के निकट (Near Threatened)
- CITES: परिशिष्ट- I
- भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची- I
लद्दाख
- इसे जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अधिनियमन के बाद 31 अक्तूबर 2019 को भारत के केंद्रशासित प्रदेश (UT) का दर्जा दिया गया था।
- इससे पहले यह जम्मू और कश्मीर राज्य का हिस्सा था।
- यह भारत का सबसे बड़ा और दूसरा सबसे कम आबादी वाला केंद्रशासित प्रदेश है।
- यह काराकोरम रेंज में सियाचिन ग्लेशियर से उत्तर में मुख्य महान हिमालय के दक्षिण तक फैला हुआ है।
- इसका पूर्वी छोर निर्जन अक्साई चिन के मैदानों (Aksai Chin Plains) से मिलकर बना है जिस पर भारत सरकार द्वारा लद्दाख के हिस्से के रूप में दावा किया जाता है, वर्ष 1962 से यह चीन के नियंत्रण में है।
- लद्दाख का सबसे बड़ा शहर लेह है, इसके बाद कारगिल है, जिसमें से प्रत्येक का मुख्यालय एक ज़िला है।
- लेह ज़िले में सिंधु, श्योक और नुब्रा नदी घाटियाँ शामिल हैं।
- कारगिल ज़िले में सुरू, द्रास और ज़ांस्कर नदी घाटियाँ शामिल हैं।
- इससे पहले वर्ष 2020 में भारतीय और चीनी सैनिकों के मध्य नकु ला (सिक्किम) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और पैंगोंग त्सो झील (पूर्वी लद्दाख) के पास एक अस्थायी और छोटी झड़प सामने आई।
- हालाँकि हाल ही में भारत और चीन ने सैद्धांतिक रूप से पूर्वी लद्दाख में एक प्रमुख गश्ती बिंदु पर अलगाव को लेकर सहमति व्यक्त की है।