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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

सीमा पर तनाव कम करने हेतु सहमत हुए भारत-चीन

  • 03 Aug 2021
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और 17A, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट, पैंगोंग त्सो झील, गलवान घाटी, चांग चेनमो नदी, कोंगका पास  

मेन्स के लिये:

भारत-चीन विवाद  

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को हल करने के लिये भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच 12वें दौर की चर्चा हुई जिसमें दोनों ने सीमा पर तनाव कम करने हेतु सैद्धांतिक रूप से पूर्वी लद्दाख में एक प्रमुख गश्ती बिंदु पर अलगाव की सहमति व्यक्त की है।

  • 11वीं कोर कमांडर स्तर की वार्ता अप्रैल 2021 में हुई थी जब दोनों पक्ष एक संयुक्त बयान पर भी सहमत नहीं हो पाए थे।

PP14

प्रमुख बिंदु

वर्तमान अलगाव:

  • भारत और चीन की सेना के मध्य पेट्रोलिंग प्वाइंट (PP) 17A (गोगरा पोस्ट) पर समझौता हो गया था लेकिन चीन PP15 (हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र) से पीछे हटने को इच्छुक नहीं है; वह इस बात पर ज़ोर देता है कि यह क्षेत्र उसकी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के अधीन है।
    • PP17A में अलगाव की उस प्रक्रिया का पालन करने की संभावना है जिसे PP14 के लिये गलवान घाटी और पैंगोंग त्सो में अपनाया गया था, जहाँ वापसी के लिये एक समय-सीमा निर्धारित की गई थी।
  • दोनों पक्ष मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार इन शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने तथा बातचीत एवं वार्ता की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए।
  • वे इस बात पर भी सहमत हुए कि अंतरिम तौर पर वे पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये अपने प्रभावी प्रयास जारी रखेंगे और संयुक्त रूप से शांति बनाए रखेंगे।

पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और 17A:

  • भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ भारतीय सेना को कुछ ऐसे स्थान दिये गए हैं, जहाँ इसके सैनिकों की पहुँच अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में गश्त करने तक है।
  • इन पॉइंट्स को पेट्रोलिंग प्वाइंट या PP के रूप में जाना जाता है और इनका निर्धारण चीन स्टडी ग्रुप (CAG) द्वारा तय किया जाता है।
    • CSG की स्थापना वर्ष 1976 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के काल के दौरान हुई थी और यह चीन के संदर्भ में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था हैं।
  • डेपसांग मैदानों जैसे कुछ क्षेत्रों को छोड़कर, ये पेट्रोलिंग प्वाइंट LAC पर ही स्थित हैं और सैनिक इन बिंदुओं तक पहुँच कर क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित करते हैं।
    • यह एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है क्योंकि भारत और चीन के बीच की सीमा अभी तक आधिकारिक रूप से सीमांकित नहीं हुई है।
    • LAC वह सीमांकन है जो भारत-नियंत्रित क्षेत्र को चीन-नियंत्रित क्षेत्र से अलग करता है।
  • PP15 और PP17A, वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ लद्दाख में स्थित 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स में से दो हैं।
    • ये दोनों पॉइंट्स ऐसे क्षेत्र में हैं जहाँ भारत और चीन LAC के संरेखण पर काफी हद तक सहमत हैं।
  • PP15 हॉट स्प्रिंग्स के रूप में पहचाने जाने वाले क्षेत्र में स्थित है, जबकि PP17A गोगरा पोस्ट नामक क्षेत्र के पास है।

हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट की अवस्थिति:

  • हॉट स्प्रिंग्स चांग चेनमो (Chang Chenmo) नदी के उत्तर में है और गोगरा पोस्ट इस नदी के गलवान घाटी से दक्षिण-पूर्व दिशा से दक्षिण-पश्चिम की ओर मुड़ने पर बने हेयरपिन मोड़ (Hairpin Bend) के पूर्व में है।
  • यह क्षेत्र काराकोरम श्रेणी (Karakoram Range) के उत्तर में है जो पैंगोंग त्सो (Pangong Tso) झील के उत्तर में और गलवान घाटी के दक्षिण में स्थित है।

हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट का महत्त्व:

  • यह क्षेत्र कोंग्का दर्रे (Kongka Pass) के पास है जो चीन के अनुसार भारत और चीन के बीच की सीमा को चिह्नित करता है।
  • भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा का दावा पूर्व की ओर अधिक है, क्योंकि इसमें पूरा अक्साई चिन (Aksai Chin) का क्षेत्र भी शामिल है।
  • हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट, चीन के दो सबसे अशांत प्रांतों (शिनजियांग और तिब्बत) की सीमा के करीब हैं।

प्रमुख घर्षण बिंदु:

  • PP15 व PP17A के अलावा गलवान घाटी (Galwan Valley) में PP14 और पैंगोंग त्सो (Pangong Tso) के उत्तरी तट पर फिंगर 4 तथा चांग चेनमो नदी (Chang Chenmo River) के दक्षिणी तट पर रेजांग ला एवं रेचिन ला (Rezang La and Rechin La) को घर्षण बिंदुओं के रूप में पहचाना गया है।

पैंगोंग त्सो झील (Pangong Tso lake):

  • पैंगोंग झील केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में स्थित है।
  • यह लगभग 4,350 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और विश्व की सबसे ऊँची खारे पानी की झील है।
  • लगभग 160 किमी. तक फैली पैंगोंग झील का एक-तिहाई हिस्सा भारत में और अन्य दो-तिहाई चीन में स्थित है।

गलवान घाटी (Galwan Valley):

  • गलवान घाटी सामान्यतः उस भूमि को संदर्भित करती है, जो गलवान नदी (Galwan River) के पास मौजूद पहाड़ियों के बीच स्थित है।
  • गलवान नदी का स्रोत चीन की ओर अक्साई चिन में मौजूद है और आगे चलकर यह भारत की श्योक नदी (Shyok River) से मिलती है।
  • घाटी रणनीतिक रूप से पश्चिम में लद्दाख और पूर्व में अक्साई चिन के बीच स्थित है, जो वर्तमान में चीन द्वारा अपने झिंजियांग उइघुर स्वायत्त क्षेत्र के हिस्से के रूप में नियंत्रित है।

चांग चेनमो नदी (Chang Chenmo River):

  • चांग चेनमो नदी या चांगचेनमो नदी श्योक नदी की एक सहायक नदी है, जो सिंधु नदी प्रणाली का हिस्सा है।
  • यह विवादित अक्साई चिन क्षेत्र के दक्षिणी किनारे और पैंगोंग झील बेसिन के उत्तर में है।
  • चांग चेन्मो का स्रोत लनक दर्रे के पास है।

कोंगका पास (Kongka Pass):

  • कोंगका दर्रा या कोंगका ला एक पहाड़ी के ऊपर एक निचला पहाड़ी दर्रा है जो चांग चेन्मो घाटी में प्रवेश करता है। यह लद्दाख में विवादित भारत-चीन सीमा क्षेत्र में है।

काराकोरम रेंज (Karakoram Range):

  • इसे कृष्णागिरी के नाम से भी जाना जाता है जो ट्रांस-हिमालयी पर्वतमाला की सबसे उत्तरी सीमा में स्थित है। यह अफगानिस्तान और चीन के साथ भारत की सीमाएँ बनाता है।
  • यह पामीर से पूर्व की ओर लगभग 800 किमी. तक फैला हुआ है। यह ऊँची चोटियों [ऊँचाई 5,500 मीटर और उससे अधिक] वाली एक श्रेणी है ।
  • कुछ चोटियाँ समुद्र तल से 8,000 मीटर से अधिक ऊँची हैं। K2 (8,611 मीटर) [गॉडविन ऑस्टेन या क्यूगीर] विश्व की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है और भारतीय संघ की सबसे ऊँची चोटी है।
  • लद्दाख का पठार काराकोरम रेंज के उत्तर-पूर्व में स्थित है।

स्रोत: द हिंदू

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