विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी मंत्रिस्तरीय ऑनलाइन गोलमेज सम्मेलन | 05 Oct 2020
प्रीलिम्स के लियेविज्ञान प्रौद्योगिकी संबंधी मंत्रिस्तरीय ऑनलाइन गोलमेज सम्मेलन मेन्स के लियेविज्ञान प्रौद्योगिकी संबंधी मंत्रिस्तरीय ऑनलाइन गोलमेज सम्मेलन से संबंधित विषय |
चर्चा में क्यों?
3 अक्तूबर 2020 को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 17वें वार्षिक विज्ञान प्रौद्योगिकी और समाज (Science Technology and Society) फोरम में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी मंत्रिस्तरीय ऑनलाइन गोलमेज सम्मेलन (The online Science & Technology Ministerial Roundtable) में भारत द्वारा वैज्ञानिक आँकड़ों को साझा करने पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया।
प्रमुख बिंदु:
- भारत की राष्ट्रीय डेटा साझाकरण और सुगम्यता नीति (National Data Sharing and Accessibility Policy- INDSAP) और एक खुले सरकारी डेटा पोर्टल से वैज्ञानिक आँकड़ों का साझाकरण बढ़ाया जा सकता है।
- भारत में कोरोना वायरस के टीके के उन्नत चरणों के परीक्षण तथा मानवता के एक बड़े हिस्से को टीके की आपूर्ति करने की क्षमता है।
- केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अनुसार, वैज्ञानिक डेटा साझा करने को नए एसटीआईपी 2020 में शामिल किये जाने पर विचार किया जा रहा है। तथा इसे वैश्विक साझेदारों के रूप में साझा किया जा रहा है।”
सम्मेलन से संबंधित अन्य बिंदु
- विज्ञान प्रौद्योगिकी संबंधी मंत्रिस्तरीय ऑनलाइन गोलमेज सम्मेलन का आयोजन 3 अक्तूबर, 2020 को किया गया था और जापान ने इसकी मेजबानी की। सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास सहयोग, सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी और विज्ञान की भूमिका पर विचार-विमर्श किया गया। इसमें दुनिया भर के लगभग 50 देशों के विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रमुखों ने भाग लिया। इसमें COVID-19 से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से उत्पन्न अवसरों का पता लगाया गया।
- भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव ने इस मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान में भारत द्वारा की गई प्रमुख पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत विकास और स्वास्थ्य, जल, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, संचार और प्राकृतिक आपदाओं की चुनौतियों के समाधान के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को असाधारण महत्व देता है। ”
- उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया के 40 से अधिक देशों के साथ भारत के सक्रिय सहयोग के बारे में बात की।
- केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अनुसार, “भारत सभी प्रमुख बहुपक्षीय और क्षेत्रीय विज्ञान और तकनीक प्लेटफार्मों और ईयू, ब्रिक्स, आसियान, G-20, अफ्रीका पहल, यूएन और ओईसीडी विज्ञान और तकनीक प्लेटफॉर्म के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय मेगा-विज्ञान परियोजनाओं जैसे आईईआरटी, टीएमटी, लीगो का भी हिस्सा है और इसी तरह ‘डिज़ास्टर रिसिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर’, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन आपदाओं और स्वच्छ ऊर्जा के प्रबंधन में भारत की वैश्विक पहल हैं।
- कोरोनावायरस के टीके का परीक्षण अंतिम चरण में हैं और भारत में लोगों के एक बड़े हिस्से को टीके की आपूर्ति करने की क्षमता है।
- इस उच्च मंत्रिस्तरीय बैठक में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, इंडोनेशिया, भारत, इराक, रूस, दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों ने भागीदारी की।
- इस मंच ने वर्तमान महामारी की स्थिति से लड़ने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और इस बात पर सहमति व्यक्त की कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मज़बूत अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, अत्याधुनिक विज्ञान ने वर्तमान संकट को हल करने में और आगामी तैयारी में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भविष्य में ऐसे संकट से निपटने की तैयारी की।
आगे की राह
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रियों का गोलमेज सम्मेलन हर वर्ष विज्ञान प्रौद्योगिकी और समाज फोरम के साथ आयोजित किया जाता है। विज्ञान प्रौद्योगिकी और समाज फोरम का उद्देश्य अनौपचारिक आधार पर खुली चर्चा के लिये एक नया तंत्र प्रदान करना और मानव नेटवर्क का निर्माण करना है, जो समय के साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग से उपजी नई प्रकार की समस्याओं का समाधान करेगा।