शासन व्यवस्था
SASCI योजना द्वारा वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों का विकास
- 30 Nov 2024
- 10 min read
प्रिलिम्स के लिये:पूंजीगत निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता के लिये योजना, सार्वजनिक-निजी भागीदारी, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्वदेश दर्शन योजना मेन्स के लिये:पूंजीगत निवेश, सतत पर्यटन एवं बुनियादी ढाँचे के लिये राज्यों को विशेष सहायता के लिये योजना |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार ने पूंजीगत निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता के लिये योजना(SASCI) - वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के विकास के तहत 23 राज्यों में 40 पर्यटन परियोजनाओं के विकास के लिये 3,295 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।
- यद्यपि पूंजीगत निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता के लिये योजना(SASCI) वित्तीय वर्ष 2020-21 से लागू है, यह पहली बार है जब पर्यटन के लिये विशेष रूप से धनराशि आवंटित की गई है।
वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित पर्यटन केन्द्रों का SASCI विकास क्या है?
- SASCI योजना के तहत वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के विकास घटक का उद्देश्य भारत में पर्यटन के बुनियादी ढाँचे को विकसित करना, पर्यटन में विविधता लाने के लिये बटेश्वर (उत्तर प्रदेश), पोंडा (गोवा) और गंडिकोटा (आंध्र प्रदेश) जैसे कम देखे जाने वाले स्थलों को बढ़ावा देना है।
- उद्देश्य: यह योजना राज्यों को प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के विकास, ब्रांडिंग और वैश्विक विपणन के लिये 50 वर्षों के लिये ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करती है।
- इसका उद्देश्य चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देना, रोज़गार सृजन करना, स्थायी पर्यटन को बढ़ावा देना और संपूर्ण पर्यटन मूल्य शृंखला (जिसमें परिवहन, आवास, गतिविधियाँ और सेवाएँ शामिल हैं) को मज़बूत करना है।
- योजना की मुख्य विशेषताएँ: राज्य द्वारा प्रस्तुत केवल चयनित प्रस्तावों के लिये ही वित्तपोषण प्रदान किया जाता है जो योजना के दिशानिर्देशों और उद्देश्यों को पूरा करते हैं।
- पर्यटन मंत्रालय कनेक्टिविटी, मौजूदा पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र, साइट क्षमता, उपयोगिताओं की उपलब्धता, परियोजना प्रभाव, वित्तीय व्यवहार्यता और स्थिरता जैसे मानदंडों के आधार पर प्रस्तावों का मूल्याँकन करेगा।
- प्रस्तावों को चुनौतीपूर्ण विकास प्रक्रिया का पालन करना होगा।
- चुनौतीपूर्ण विकास प्रक्रिया निर्धारित मानदंडों के आधार पर प्रतिस्पर्द्धी मूल्याँकन के माध्यम से सर्वोत्तम प्रस्तावों का चयन करती है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाली, नवीन परियोजनाएँ सुनिश्चित होती हैं।
- राज्यों को बिना किसी कीमत के बिना किसी बाधा के भूमि उपलब्ध करानी चाहिये। परियोजनाएँ धारणीय होनी चाहिये, जिनका संचालन और रखरखाव लंबे समय तक हो।
- परियोजनाओं के पूरा होने की अवधि दो वर्ष निर्धारित की गई है तथा धनराशि 31 मार्च 2026 तक उपलब्ध रहेगी।
- राज्य सरकार संभवतः सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मोड के माध्यम से परियोजना के संचालन और रखरखाव के लिये पूरी तरह से ज़िम्मेदार है।
- राज्य विश्व स्तरीय पर्यटन विकास के लिये निजी फर्मों को आकर्षित करने हेतु प्रोत्साहन दे सकते हैं।
- सहायता का स्वरूप: राज्य एकाधिक परियोजनाएँ प्रस्तुत कर सकते हैं, जिनमें से प्रत्येक परियोजना के लिये अधिकतम वित्तपोषण 100 करोड़ रुपए होगा।
- असाधारण परियोजनाओं के लिये, पर्यटन मंत्रालय व्यय विभाग (DoE) के अनुमोदन के अधीन, अधिक धनराशि का प्रस्ताव कर सकता है।
- भारत सरकार परियोजना लागत का 100% वहन करेगी, जबकि राज्यों को परिधीय बुनियादी ढाँचे, सुरक्षा, कनेक्टिविटी और क्षमता निर्माण में योगदान देना होगा।
- किसी भी राज्य को 250 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि नहीं मिलेगी, तथा धनराशि पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर आवंटित की जाएगी।
- कार्यान्वयन और निगरानी: राज्य परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिये ज़िम्मेदार हैं, जबकि पर्यटन मंत्रालय उनकी प्रगति की देखरेख करेगा।
SASCI योजना क्या है?
- परिचय: कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2020-21 में 'पूंजीगत निवेश के लिये राज्यों को विशेष सहायता योजना' शुरू की गई थी। इसके बाद इसे वर्ष 2022-23 और 2023-24 में 'पूंजी निवेश के लिये राज्यों को विशेष सहायता योजना' के रूप में लागू किया गया।
- उद्देश्य: राज्यों को 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- योजना की संरचना: यह योजना प्रमुख विकास क्षेत्रों पर केंद्रित है, जिसमें वाहन परिमार्जन (स्क्रैपेज) पहल, शहरी नियोजन सुधार, पुलिस कर्मियों के लिये आवास और यूनिटी मॉल परियोजनाओं के माध्यम से राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देना शामिल है।
- यह शैक्षिक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये पंचायत और वार्ड स्तर पर डिजिटल बुनियादी ढाँचे के साथ पुस्तकालयों की स्थापना का भी समर्थन करता है।
- योजना का उद्देश्य: इस योजना का उद्देश्य मांग को प्रोत्साहित और रोज़गार सृजन करके अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है, साथ ही राज्य के वित्तपोषण के माध्यम से जल जीवन मिशन और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी प्रमुख परियोजनाओं को गति देना है।
- यह शहरों में जीवन की गुणवत्ता और शासन को बढ़ाने के लिये शहरी नियोजन और वित्त में सुधारों को भी प्रोत्साहित करता है।
पूंजीगत व्यय
- पूंजीगत व्यय (Capex) से तात्पर्य बुनियादी ढाँचे और मशीनरी जैसी भौतिक परिसंपत्तियों के अधिग्रहण या सुधार, आर्थिक उत्पादकता और रोज़गार बढ़ाने हेतु सरकारी निधियों से है।
- केंद्रीय बजट 2024-25 में पूंजीगत व्यय के लिये 11.11 लाख करोड़ रुपए (या सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3.4%) आवंटित किया गया है।
पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु भारत की पहल
- स्वदेश दर्शन योजना
- राष्ट्रीय पर्यटन नीति 2022 का मसौदा
- देखो अपना देश पहल
- ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’
- अतुल्य भारत टूरिस्ट फैसिलिटेटर सर्टिफिकेशन प्रोग्राम
- ई-वीज़ा
- क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS-UDAN)
- राष्ट्रीय तीर्थस्थल पुनरुद्धार और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान मिशन (PRASHAD)
- पर्यटन अवसंरचना विकास योजना हेतु केंद्रीय एजेंसियों को सहायता: पर्यटन अवसंरचना एवं सांस्कृतिक पर्यटन के विकास हेतु वित्तीय सहायता।
- आतिथ्य सहित घरेलू संवर्द्धन एवं प्रचार (DPPH) योजना: पर्यटन कार्यक्रमों, मेलों एवं त्योहारों के आयोजन में राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को सहायता प्रदान करना।
दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न: प्रश्न: पूंजी निवेश योजना हेतु राज्यों को विशेष सहायता से धारणीय पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ राज्य के पूंजीगत व्यय में किस प्रकार वृद्धि होती है? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)मेन्स:प्रश्न. पर्वत पारिस्थितिकी तंत्र को विकास पहलों और पर्यटन के ऋणात्मक प्रभाव से किस प्रकार पुनःस्थापित किया जा सकता है ? (2019) प्रश्न. पर्यटन की प्रोन्नति के कारण जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के राज्य अपनी पारिस्थितिकी वहन क्षमता की सीमाओं तक पहुँच रहे हैं? समालोचनात्मक मूल्याँकान कीजिये। (2015) |