विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
KKNP हेतु रूस का उन्नत ईंधन विकल्प
- 26 Nov 2022
- 10 min read
प्रिलिम्स के लिये:परमाणु ऊर्जा, भारत के परमाणु संयंत्र मेन्स के लिये:परमाणु ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा का महत्त्व, भारत के परमाणु संयंत्र |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रूसी राज्य के स्वामित्व वाली परमाणु ऊर्जा निगम रोसाटॉम ने तमिलनाडु के कुडनकुलम में भारत के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा केंद्र के लिये अधिक उन्नत ईंधन विकल्प की पेशकश की है।
- यह अपने रिएक्टरों को ताज़ा ईंधन लोड करने के लिये रोके बिना दो साल के विस्तारित चक्र के लिये चलने में सहायता करेगा।
रूस द्वारा भारत को पेशकश:
- KKNPP रिएक्टरों में अद्यतन:
- रोसाटॉम का परमाणु ईंधन प्रभाग, TVEL फ्यूल कंपनी कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना (Kudankulam Nuclear Power Project- KKNPP) में बिजली पैदा करने वाले दो VVER 1,000 मेगावाट रिएक्टरों के लिये TVS-2M ईंधन का वर्तमान आपूर्तिकर्त्ता है। इस ईंधन में 18 महीने का ईंधन चक्र होता है, जिसका अर्थ है कि रिएक्टर को प्रत्येक डेढ़ वर्ष में ताज़ा ईंधन लोड करने के लिये रोकना पड़ता है।
- TVEL ने अब अधिक आधुनिक उन्नत प्रौद्योगिकी ईंधन (Advanced Technology Fuel- ATF) की पेशकश की है, जिसका ईंधन चक्र 24 महीने का है।
- रोसाटॉम का परमाणु ईंधन प्रभाग, TVEL फ्यूल कंपनी कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना (Kudankulam Nuclear Power Project- KKNPP) में बिजली पैदा करने वाले दो VVER 1,000 मेगावाट रिएक्टरों के लिये TVS-2M ईंधन का वर्तमान आपूर्तिकर्त्ता है। इस ईंधन में 18 महीने का ईंधन चक्र होता है, जिसका अर्थ है कि रिएक्टर को प्रत्येक डेढ़ वर्ष में ताज़ा ईंधन लोड करने के लिये रोकना पड़ता है।
- अद्यतन के लाभ:
- यह अधिक दक्षता, रिएक्टर के लंबे समय तक संचालन के कारण अतिरिक्त बिजली उत्पादन और रूस से ताज़ा ईंधन खरीदने के लिये आवश्यक विदेशी मुद्रा की बड़ी बचत सुनिश्चित करेगी।
परमाणु ऊर्जा:
- परिचय:
- परमाणु ऊर्जा, रिएक्टर में परमाणु विखंडने से जल को भाप में गर्म करने, टरबाइन को चालू करने और बिजली उत्पन्न करने से उत्पन्न होती है।
- परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के अंदर परमाणु रिएक्टर और उनके उपकरण विखंडन के माध्यम से गर्मी पैदा करने के लिये यूरेनियम-235 द्वारा सबसे अधिक ईंधन वाली शृंखला प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं।
- परमाणु ऊर्जा उत्पादन से उत्सर्जन:
- परमाणु ऊर्जा शून्य-उत्सर्जन करती है। इसमें कोई ग्रीनहाउस गैस या वायु प्रदूषक नहीं होते।
- भूमि उपयोग:
- अमेरिकी सरकार के आँकड़ों के अनुसार, 1,000 मेगावाट क्षमता के परमाणु संयंत्र को इतनी ही क्षमता के पवन ऊर्जा संयंत्र या ‘विंड फार्म’ की तुलना में 360 गुना कम और सौर संयंत्रों की तुलना में 75 गुना कम भूमि की आवश्यकता होती है।
- भारत के लिये महत्त्व:
- थोरियम की उपलब्धता:
- भारत थोरियम नामक परमाणु ईंधन के नए संसाधन का अगुआ है, जिसे भविष्य का परमाणु ईंधन माना जाता है।
- थोरियम की उपलब्धता के साथ भारत जीवाश्म ईंधन मुक्त राष्ट्र के सपने को साकार करने वाला पहला राष्ट्र बनने की क्षमता रखता है।
- आयात बिलों में कटौती:
- परमाणु ऊर्जा उत्पादन से राष्ट्र को सालाना लगभग 100 बिलियन डॉलर की बचत होगी जिसे हम पेट्रोलियम और कोयले के आयात पर खर्च करते हैं।
- स्थिर और विश्वसनीय स्रोत:
- विद्युत के सबसे हरित स्रोत निश्चित रूप से सौर एवं पवन हैं।
- लेकिन अपने सभी लाभों के बावजूद सौर एवं पवन ऊर्जा स्थिर नहीं हैं और मौसम व धूप की स्थिति पर अत्यधिक निर्भर हैं।
- दूसरी ओर परमाणु ऊर्जा अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति के साथ विश्वसनीय ऊर्जा का अपेक्षाकृत स्वच्छ, उच्च घनत्व वाला स्रोत प्रदान करती है।
- विद्युत के सबसे हरित स्रोत निश्चित रूप से सौर एवं पवन हैं।
- थोरियम की उपलब्धता:
परमाणु ऊर्जा संबंधी भारत की पहल:
- भारत ने बिजली उत्पादन के उद्देश्य से परमाणु ऊर्जा के दोहन की संभावना का पता लगाने के लिये सचेत रूप से कदम आगे बढ़ाए हैं।
- इस दिशा में होमी जहाँगीर भाभा द्वारा 1950 के दशक में एक तीन चरणीय परमाणु उर्जा कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई।
- भारतीय परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों में दो प्राकृतिक रूप से उपलब्ध तत्त्वों यूरेनियम और थोरियम को परमाणु ईंधन के रूप में उपयोग करने के निर्धारित उद्देश्यों के साथ परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 को तैयार एवं कार्यान्वित किया गया।
- दिसंबर 2021 में भारत सरकार ने संसद को बताया कि 10 स्वदेशी ‘दाबित भारी जल रिएक्टरों (Pressurised Heavy Water Reactors- PHWRs) का निर्माण किया जा रहा है जिन्हें फ्लीट मोड में स्थापित किया जाएगा, जबकि 28 अतिरिक्त रिएक्टरों के लिये सैद्धांतिक अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है जिनमें से 24 रिएक्टर फ्राँस, अमेरिका और रूस से आयात किये जाएंगे।
- हाल ही में केंद्र ने महाराष्ट्र के जैतापुर में छह परमाणु ऊर्जा रिएक्टर स्थापित करने के लिये सैद्धांतिक (प्रथम चरण) मंज़ूरी प्रदान की है।
- जैतापुर संयंत्र विश्व का सबसे शक्तिशाली परमाणु ऊर्जा संयंत्र होगा।
- यहाँ 6 गीगावाट की स्थापित क्षमता वाले छह अत्याधुनिक इवोल्यूशनरी पावर रिएक्टर (EPRs) होंगे जो निम्न-कार्बन वाली बिजली का उत्पादन करेंगे।
- ये छह परमाणु ऊर्जा रिएक्टर (जिनमें प्रत्येक की क्षमता 1,650 मेगावाट होगी) फ्राँस के तकनीकी सहयोग से स्थापित किये जाएंगे।
भारत में परमाणु ऊर्जा संयंत्र:
- वर्तमान में भारत में 22 प्रचालनरत परमाणु ऊर्जा रिएक्टर हैं, जिनकी क्षमता 6780 मेगावाट विद्युत (MWe) है।
- तारापुर परमाणु ऊर्जा स्टेशन (TAPS), महाराष्ट्र में 4 इकाइयाँ
- राजस्थान परमाणु ऊर्जा स्टेशन (RAPS), राजस्थान में 6 इकाइयाँ
- मद्रास एटॉमिक पावर स्टेशन (MAPS), तमिलनाडु में 2 इकाइयाँ
- कैगा जनरेटिंग स्टेशन (KGS), कर्नाटक में 4 इकाइयाँ
- कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा स्टेशन (KKNPS), तमिलनाडु में 2 इकाइयाँ
- नरोरा परमाणु ऊर्जा स्टेशन (NAPS), उत्तर प्रदेश में 2 इकाइयाँ
- काकरापार परमाणु ऊर्जा स्टेशन (KAPS), गुजरात में 2 इकाइयाँ
- इनमें से 18 रिएक्टर दाबित भारी जल रिएक्टर (PHWRs) हैं और 4 हल्के जल रिएक्टर (LWRs) हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न. प्रकृति के ज्ञात बलों को चार वर्गों में विभाजित किया जा सकता है, अर्थात् गुरुत्वाकर्षण, विद्युत चुंबकत्व, दुर्बल नाभिकीय बल और प्रबल नाभिकीय बल। उनके संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है? (2013) (a) गुरूत्व, चारों में सबसे प्रबल है उत्तर: (a) प्रश्न. एक नाभिकीय रिएक्टर में भारी जल का क्या कार्य होता है? (a) न्यूट्रॉन की गति को कम करना उत्तर: (a) मेन्सप्रश्न. जीवाश्म ईंधन की बढ़ती कमी के साथ परमाणु ऊर्जा भारत में अधिक-से-अधिक महत्त्व प्राप्त कर रही है। भारत और विश्व में परमाणु ऊर्जा के उत्पादन के लिये आवश्यक कच्चे माल की उपलब्धता पर चर्चा कीजिये। (2013) प्रश्न. भारत में परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी की वृद्धि और विकास का लेखा-जोखा दीजिये। भारत में फास्ट ब्रीडर रिएक्टर कार्यक्रम का क्या लाभ है? (2017) प्रश्न. बढ़ती ऊर्जा जरूरतों के साथ क्या भारत को अपने परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का विस्तार करना जारी रखना चाहिये? परमाणु ऊर्जा से जुड़े तथ्यों और आशंकाओं पर चर्चा कीजिये। (2018) |