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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत की अध्यक्षता में IORA का विकास पथ

  • 25 Mar 2025
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA), हिंद महासागर, आतंकवाद, मानव तस्करी, आपदा जोखिम प्रबंधन, समुद्री सुरक्षा, मत्स्य प्रबंधन, ब्लू इकोनॉमी, क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास (SAGAR) विज़न

मेन्स के लिये:

IORA में भारत की भूमिका और योगदान, क्षेत्रीय सहयोग में IORA की भूमिका

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों?

भारत नवंबर 2025 में इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) के अध्यक्ष (वर्तमान में उपाध्यक्ष) का कार्यभार ग्रहण करेगा। इसका उद्देश्य संगठन के प्रशासन को और अधिक स्थिति स्थापक बनाना है।

  • भारत आगामी दो वर्षों में IORA के बजट में वृद्धि करने, प्रौद्योगिकी के साथ डेटा प्रबंधन को उन्नत बनाने और समुद्री कार्य करने हेतु संस्थानों के साथ सहयोग करने की योजना बना रहा है।

इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) क्या है?

  • परिचय: इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) हिंद महासागर की सीमा से लगे देशों के बीच आर्थिक सहयोग एवं क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने हेतु स्थापित एक अंतर-सरकारी संगठन है।
    • IORA के सदस्य देश हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में व्यापार, निवेश तथा सतत् विकास से संबंधित विभिन्न पहलों पर कार्य करते हैं।

  • पृष्ठभूमि: इसकी स्थापना 7 मार्च 1997 को हुई थी। IORA की परिकल्पना वर्ष 1995 में दक्षिण अफ्रीका के दिवंगत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला की भारत यात्रा के दौरान की गई।

    • इस विचार के परिणामस्वरूप वर्ष 1995 में हिंद महासागर रिम पहल (IORI) और वर्ष 1997 में हिंद महासागर रिम क्षेत्रीय सहयोग संघ (IOR-ARC) का गठन हुआ, जिसे वर्तमान में IORA कहते हैं।

  • सदस्यता: हिंद महासागर क्षेत्र के सभी संप्रभु देश जो चार्टर के सिद्धांतों और उद्देश्यों का पालन करने के लिये सहमत हैं, वे इसकी सदस्यता प्राप्त कर सकते हैं।

    • वर्तमान में, इसमें 23 सदस्य देश और 10 संवाद साझेदार शामिल हैं तथा IORA हिंद महासागर क्षेत्र के माध्यम से देशों को जोड़ते हुए एशिया, अफ्रीका और ओशिनिया को कवर करता है।

हिंद महासागर क्षेत्र

  • हिंद महासागर क्षेत्र, व्यापक हिंद-प्रशांत क्षेत्र के भीतर एक अद्वितीय भू-राजनीतिक और आर्थिक अंचल है।
  • यहाँ विश्व की दो-तिहाई जनसंख्या का वास है और वैश्विक व्यापार तथा ऊर्जा सुरक्षा में इसकी अहम भूमिका है।
  • वैश्विक व्यापार का 75% और दैनिक तेल खपत का 50% व्यापार हिंद महासागर से होता है, जिससे 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन होता है तथा वर्ष 2023 में अंतर-IORA व्यापार 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।

IORA में भारत की भूमिका और रणनीतिक योगदान क्या है?

  • SAGAR विज़न के साथ संरेखण: क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास (SAGAR) का भारत का दृष्टिकोण IORA के रणनीतिक उद्देश्यों के साथ निकटता से संबद्ध है, जिसमें समुद्री सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और सतत् विकास पर ज़ोर दिया गया है।
  • राजनयिक और आर्थिक संबंधों का पूर्णतम उपयोग: भारत को क्षेत्रीय चुनौतियों के लिये दीर्घकालिक, सतत् और सहयोगात्मक समाधान को बढ़ावा देने के लिये IORA सदस्य देशों के साथ अपने सुदृढ़ राजनयिक और आर्थिक संबंधों का पूर्णतम उपयोग करना चाहिये।

  • IORA के बजट में वृद्धि: भारत आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिये शिपिंग, तेल, गैस और पर्यटन जैसे समुद्री क्षेत्रों का लाभ उठाते हुए सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से IORA के लिये स्थायी वित्तपोषण प्राप्त करने की योजना बना रहा है।

  • प्रौद्योगिकी का एकीकरण: भारत का लक्ष्य डिजिटल उपकरणों के माध्यम से डेटा प्रशासन और नीति विश्लेषण को बढ़ाना है, ताकि पारदर्शिता, दक्षता और तेज़ी से निर्णय लेना सुनिश्चित हो सके।

  • समुद्री क्षमता निर्माण: भारत समुद्री-केंद्रित पाठ्यक्रम शुरू करने के लिये शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी करेगा, तथा नीली अर्थव्यवस्था में नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिये कुशल कार्यबल का निर्माण करेगा।

हिंद महासागर क्षेत्र में IORA की भूमिका क्या है?

  • क्षेत्रीय सहयोग में भूमिका: IORA को सबसे दीर्घकालिक क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठनों में से एक माना जाता है, तथा यह अपने सदस्य देशों के बीच बहुमुखी सहयोग को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • संवाद की सुविधा: IORA सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान, आपदा जोखिम प्रबंधन और समुद्री सुरक्षा पर संरचित संवाद को सक्रिय रूप से सुविधाजनक बनाता है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय लचीलापन को मज़बूत करना और सतत् विकास को बढ़ावा देना है।

  • मध्यम और छोटी शक्तियों का प्रभाव: जबकि अमेरिका, चीन और यूरोपीय संघ जैसी वैश्विक शक्तियाँ संवाद भागीदार (Dialogue Partners) के रूप में संलग्न हैं, IORA मुख्य रूप से मध्यम और छोटी शक्तियों द्वारा संचालित है जो इसके एजेंडे और निर्णयों को आकार देते हैं।

IORA के सामने क्या चुनौतियाँ हैं?

  • वित्तीय बाधाएँ: IORA को महत्वपूर्ण वित्तीय बाधाओं (वर्ष 2020-2025 के लिये 1.3 बिलियन अमरीकी डॉलर का बजट) का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि इसका वार्षिक बजट सदस्य-राज्य के योगदान पर बहुत अधिक निर्भर रहता है, जो इसके संचालन का विस्तार करने और व्यापक पैमाने पर पहल को लागू करने की क्षमता को सीमित करता है।
  • सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात और फ्राँस को छोड़कर अधिकांश IORA सदस्य, सीमित बजट वाली विकासशील अर्थव्यवस्थाएँ हैं, जिससे संगठन की वित्तीय स्थिरता कमज़ोर हो रही है। 

  • संसाधन-गहन सहभागिता क्षेत्र: समुद्री सुरक्षा, मत्स्य प्रबंधन, आपदा जोखिम न्यूनीकरण, नीली अर्थव्यवस्था जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में IORA का विस्तारित अधिदेश, निरंतर वित्तीय और संस्थागत संसाधनों की मांग करता है, जो इसके प्रभावी कार्यान्वयन और दीर्घकालिक प्रभाव के लिये चुनौती प्रस्तुत करता है।

  • निजी क्षेत्र की भागीदारी: IORA को शिपिंग, तेल एवं गैस, तथा पर्यटन जैसे प्रमुख समुद्री उद्योगों से निजी क्षेत्र की भागीदारी आकर्षित करने में कठिनाई हो रही है।

  • मज़बूत साझेदारी के बिना, वैकल्पिक वित्तपोषण स्रोतों, बेहतर परिचालन दक्षता और दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता से वंचित होने का जोखिम है।
  • सीमित संस्थागत क्षमता: मॉरीशस में IORA का सचिवालय एक छोटे कार्यबल और सीमित संसाधनों के साथ काम करता है, जो प्रशासनिक और रणनीतिक कार्यों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की इसकी क्षमता को सीमित करता है।
  • डेटा प्रबंधन में चुनौतियाँ: उन्नत डेटा प्रबंधन प्रणालियों की कमी के कारण रिकॉर्ड रखने में अक्षमता होती है, त्रुटि की संभावना बढ़ जाती है और सटीक नीति निर्माण और निर्णय लेने में बाधा उत्पन्न होती है।

निष्कर्ष

  • कुशल समुद्री कार्यबल के निर्माण के लिये उद्योग-अकादमिक सहयोग और प्रमुख क्षेत्रों में विशेष पाठ्यक्रमों की आवश्यकता होती है। साझेदारी को मज़बूत करने से नवाचार को बढ़ावा मिल सकता है, चुनौतियों का समाधान हो सकता है और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित हो सकती है। चूँकि भारत IORA का नेतृत्व करता है, इसलिये क्षेत्रीय सहयोग और संसाधन संग्रहण में वृद्धि से इसका प्रभाव अधिकतम होगा।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न: IORA में भारत की रणनीतिक भूमिका का परीक्षण कीजिये। भारत सतत् क्षेत्रीय शासन के लिये निवेश और पारंपरिक ज्ञान का लाभ कैसे उठा सकता है?

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष प्रश्न  

प्रश्न. 'क्षेत्रीय सहयोग के लिये इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन फॉर रीजनल को-ऑपरेशन (IOR-ARC)' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015)

  1. इसकी स्थापना हाल ही में घटित समुद्री डकैती की घटनाओं और तेल अधिप्लाव (आयल स्पिल्स) की दुर्घटनाओं के प्रतिक्रियास्वरूप की गई है। 
  2.  यह एक ऐसी मैत्री है जो केवल समुद्री सुरक्षा हेतु है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (d)

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