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शासन व्यवस्था

भारत में सड़क दुर्घटनाएँ-2022

  • 02 Nov 2023
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019, भारत में सड़क दुर्घटनाएँ- 2022, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, एशिया एवं प्रशांत के लिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामाजिक आयोग (UNESCAP), राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेसवे

मेन्स के लिये:

भारत में सड़क दुर्घटनाएँ- 2022, विभिन्न क्षेत्रों में विकास हेतु सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप एवं उनकी रूपरेखा तथा कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

स्रोत: पी.आई.बी

हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 'भारत में सड़क दुर्घटनाएँ- 2022' शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जो सड़क दुर्घटनाओं और इससे होने वाली मृत्यु से संबंधित मामलों पर प्रकाश डालती है।

  • यह रिपोर्ट एशिया प्रशांत सड़क दुर्घटना डेटा (APRAD) आधार परियोजना के अंतर्गत एशिया और प्रशांत के लिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (UNESCAP) द्वारा प्रदान किये गए मानकीकृत प्रारूपों में कैलेंडर वर्ष के आधार पर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस विभागों से प्राप्त डेटा/जानकारी पर आधारित है।
  • APRAD एक सॉफ्टवेयर टूल है जिसे विशेष रूप से UNESCAP और उसके सदस्य देशों के लिये एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सदस्य देशों द्वारा सड़क दुर्घटना डेटाबेस को विकसित करने, अद्यतन करने, बनाए रखने एवं प्रबंधित करने में सहायता करने के लिये विकसित किया गया है।

रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु:

  • सड़क दुर्घटनाओं की संख्या:
    • वर्ष 2022 में भारत में कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें 1,68,491 लोगों ने अपनी जान गँवाई और कुल 4,43,366 लोग घायल हो गए। 
      • विगत वर्षों की तुलना में दुर्घटनाओं में 11.9 प्रतिशत, मृत्यु में 9.4 प्रतिशत और घायल लोगों की संख्या में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • सड़क दुर्घटना वितरण:
    • वर्ष 32.9% दुर्घटनाएँ राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर, 23.1% राज्य राजमार्गों पर एवं शेष 43.9% अन्य सड़कों पर हुईं
    • 36.2% मौतें राष्ट्रीय राजमार्गों पर, 24.3% राज्य राजमार्गों पर और 39.4% अन्य सड़कों पर हुईं।
  • जनसांख्यिकीय प्रभाव:
    • वर्ष 2022 में दुर्घटना का शिकार होने वाले लोगों में 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के युवा वयस्कों की संख्या 66.5% थी।
    • इसके अतिरिक्त 18-60 वर्ष के कामकाज़ी आयु वर्ग के व्यक्ति सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली कुल मौतों का 83.4% हिस्सा थे।
  • ग्रामीण बनाम शहरी दुर्घटनाएँ:
    • वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटना में लगभग 68% मौतें ग्रामीण क्षेत्रों में हुईं, जबकि देश में कुल दुर्घटना मौतों में शहरी क्षेत्रों का योगदान 32% है।
  • वाहन श्रेणियाँ:
    • लगातार दूसरे वर्ष 2022 में कुल दुर्घटनाओं और मृत्यु दर दोनों में दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी सर्वाधिक रही।
    • कार, जीप और टैक्सियों सहित हल्के वाहन दूसरे स्थान पर रहे।
  • सड़क-उपयोगकर्ता श्रेणियाँ:
    • सड़क-उपयोगकर्ता श्रेणियों में कुल मृत्यु के मामलों में दोपहिया सवारों की हिस्सेदारी सबसे अधिक थी, जो वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए 44.5% व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करती है।
    • 19.5% मौतों के साथ पैदल सड़क उपयोगकर्ताओं दूसरे स्थान पर रहे।
  • राज्य-विशिष्ट डेटा:
    • वर्ष 2022 में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएँ तमिलनाडु में दर्ज़ की गईं, कुल दुर्घटनाओं में से 13.9%, इसके बाद 11.8% के साथ मध्य प्रदेश का स्थान आता है।
    • सड़क दुर्घटनाओं के कारण सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश (13.4%) में हुईं, उसके बाद तमिलनाडु (10.6%) का स्थान रहा। लक्षित हस्तक्षेपों के लिये राज्य-विशिष्ट रुझानों को समझना आवश्यक है।

  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तुलना:
    • सड़क दुर्घटनाओं के कारण मरने वाले कुल व्यक्तियों की संख्या भारत में सबसे अधिक है, इसके बाद चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका का स्थान है।
    • वेनेज़ुएला में प्रति 1,00,000 जनसंख्या पर मारे गए व्यक्तियों की दर सबसे अधिक है।

भारतीय सड़क नेटवर्क की स्थिति:

  • सत्र 2018-19 में भारत का सड़क घनत्व 1,926.02 प्रति 1,000 वर्ग किमी. क्षेत्र कई विकसित देशों की तुलना में अधिक था, हालाँकि सड़क की कुल लंबाई का 64.7% हिस्सा सतही/पक्की सड़क है, जो विकसित देशों की तुलना में तुलनात्मक रूप से कम है।
  • वर्ष 2019 में देश की कुल सड़क की लंबाई का 2.09% हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्गों का था।
  • शेष सड़क नेटवर्क में राज्य राजमार्ग (2.9%), ज़िला सड़कें (9.6%), ग्रामीण सड़कें (7.1%), शहरी सड़कें (8.5%) और परियोजना सड़कें (5.4%) शामिल हैं।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सड़क दुर्घटना न्यूनीकरण उपाय:

  • शिक्षा के उपाय:
    • सड़क सुरक्षा के बारे में प्रभावी जन जागरूकता बढ़ाने के लिये मंत्रालय द्वारा सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया के माध्यम से विभिन्न प्रचार उपाय एवं जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।
    • इसके अलावा मंत्रालय सड़क सुरक्षा समर्थन के संचालन हेतु विभिन्न एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये एक योजना लागू करता है।
  • इंजीनियरिंग उपाय:
    • योजना स्तर पर सड़क सुरक्षा को सड़क डिज़ाइन का एक अभिन्न अंग बनाया गया है। सभी राजमार्ग परियोजनाओं का सभी चरणों में सड़क सुरक्षा ऑडिट (RSA) अनिवार्य कर दिया गया है।
    • मंत्रालय ने वाहन की अगली सीट पर ड्राइवर के बगल में बैठे यात्री के लिये एयरबैग के अनिवार्य प्रावधान को अधिसूचित किया है।
  • प्रवर्तन उपाय:
    • मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019।
    • सड़क सुरक्षा नियमों की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और प्रवर्तन {इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्तन उपकरणों (स्पीड कैमरा, बॉडी वियरेबल कैमरा, डैशबोर्ड कैमरा आदि के माध्यम से) के व्यवहार के लिये विस्तृत प्रावधान को निर्दिष्ट करना}।

सड़क सुरक्षा से संबंधित पहल:

  • वैश्विक:
    • सड़क सुरक्षा पर ब्राज़ीलिया घोषणा (2015):
      • इस घोषणा पर ब्राज़ील में आयोजित सड़क सुरक्षा पर दूसरे वैश्विक उच्च-स्तरीय सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किये गए। भारत भी इस घोषणापत्र का एक हस्ताक्षरकर्त्ता है।
      • देशों की योजना सतत् विकास लक्ष्य 3.6 अर्थात् वर्ष 2030 तक सड़क यातायात दुर्घटनाओं से होने वाली वैश्विक मौतों और चोटों की संख्या को आधा करने की है।
    • सड़क सुरक्षा के लिये कार्रवाई का दशक 2021-2030:
      • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2030 तक कम-से-कम 50% सड़क यातायात दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों और चोटों को रोकने के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ "वैश्विक सड़क सुरक्षा में सुधार" संकल्प को अपनाया।
      • वैश्विक योजना सड़क सुरक्षा के लिये समग्र दृष्टिकोण के महत्त्व पर बल देते हुए स्टॉकहोम घोषणा के अनुरूप है।
    • अंतर्राष्ट्रीय सड़क मूल्यांकन कार्यक्रम (iRAP):
      • यह एक पंजीकृत चैरिटी है जो सुरक्षित सड़कों के माध्यम से लोगों की जान बचाने के लिये समर्पित है।
  • भारत:
    • मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019:
      • यह अधिनियम यातायात उल्लंघन, दोषपूर्ण वाहन, नाबलिकों द्वारा वाहन चलाने आदि के लिये दंड में वृद्धि करता है।
      • यह अधिनियम मोटर वाहन दुर्घटनाओं हेतु सहायक निधि प्रदान करता है तथा भारत में कुछ विशेष प्रकार की दुर्घटनाओं पर सभी सड़क उपयोगकर्त्ताओं को अनिवार्य बीमा कवरेज प्रदान करता है।
      • यह दुर्घटना के समय करने वाले व्यक्तियों के संरक्षण का भी प्रावधान करता है।
    • सड़क मार्ग द्वारा वाहन अधिनियम, 2007:
      • यह अधिनियम सामान्य माल वाहकों के विनियमन से संबंधित प्रावधान प्रदान करता है, उनकी देयता को सीमित करता है और उन्हें वितरित किये गए माल के मूल्य की घोषणा करता है ताकि ऐसे सामानों के नुकसान या क्षति के लिये उनकी देयता का निर्धारण किया जा सके, जो लापरवाही या आपराधिक कृत्यों के कारण स्वयं, उनके नौकरों या एजेंटों की गलती से/जानबूझकर हुआ हो।
    • राष्ट्रीय राजमार्ग नियंत्रण (भूमि और यातायात) अधिनियम, 2000:
      • यह अधिनियम राष्ट्रीय राजमार्गों के भीतर भूमि का नियंत्रण, रास्ते का अधिकार और राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात का नियंत्रण करने संबंधी प्रावधान प्रदान करता है तथा साथ ही उन पर अनधिकृत कब्ज़े को हटाने का भी प्रावधान करता है।
    • भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1998:
      • यह अधिनियम राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिये एक प्राधिकरण के गठन तथा उससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों से संबंधित प्रावधान प्रस्तुत करता है।
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