लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

भारतीय अर्थव्यवस्था

नगर निकाय वित्त रिपोर्ट: RBI

  • 11 Nov 2022
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

स्थानीय शासन, RBI, नगर निगम, GDP, GST।

मेन्स के लिये:

नगर निगम वित्त रिपोर्ट, RBI।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सभी राज्यों में 201 नगर निगमों (MCs) के लिये बजटीय आँकड़ों का संकलन और विश्लेषण करते हुए नगर निकाय निगम वित्त रिपोर्ट जारी की है।

  • RBI की रिपोर्ट 'नगर निगमों के लिये वित्तपोषण के वैकल्पिक स्रोतों' को अपने विषय के रूप में तलाशती है।

नगर निगम:

  • परिचय:
    • भारत में नगर निगम दस लाख से अधिक लोगों की आबादी वाले किसी भी महानगर/शहर के विकास के लिये ज़िम्मेदार एक शहरी स्थानीय निकाय है।
      • महानगर पालिका, नगर पालिका, नगर निगम, सिटी कारपोरेशन आदि इसके कुछ अन्य नाम हैं।
    • राज्यों में नगर निगमों की स्थापना राज्य विधानसभाओं के अधिनियमों द्वारा तथा केंद्रशासित प्रदेशों में संसद के अधिनियमों के माध्यम से की जाती है।
    • नगरपालिका अपने कार्यों के संचालन के लिये संपत्ति कर राजस्व पर अधिक निर्भर रहती है।
    • भारत में पहला नगर निगम वर्ष 1688 में मद्रास में स्थापित किया गया तथा उसके बाद वर्ष 1726 में बॉम्बे और कलकत्ता में नगर निगम स्थापित किये गए।
  • संवैधानिक प्रावधान:
    • भारत के संविधान में राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में अनुच्छेद-40 को शामिल करने के अलावा स्थानीय स्वशासन की स्थापना के लिये कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं किया गया था।
    • 74वें संशोधन अधिनियम, 1992 ने संविधान में एक नया भाग IX-A सम्मिलित किया है, जो नगर पालिकाओं और नगर पालिकाओं के प्रशासन से संबंधित है।
    • इसमें अनुच्छेद 243P से 243ZG शामिल हैं। इसने संविधान में एक नई बारहवीं अनुसूची भी जोड़ी। 12वीं अनुसूची में 18 मद शामिल हैं।

निष्कर्ष:

  • नगर निगमों (MCs) का खराब कामकाज:
    • भारत में स्थानीय शासन की संरचना के संस्थागतकरण के बावज़ूद नगरपालिका के कामकाज़ में कई खामियाँ हैं और उनके कामकाज़ में कोई सराहनीय सुधार नहीं हुआ है।
    • परिणामस्वरूप भारत में शहरी आबादी के लिये आवश्यक सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता खराब बनी हुई है।
  • वित्तीय स्वायत्तता की कमी:
    • अधिकांश नगरपालिकाएँ केवल बजट तैयार करती हैं और बजट योजनाओं के खिलाफ वास्तविक समीक्षा करती हैं, लेकिन बैलेंस शीट और नकदी प्रवाह प्रबंधन के लिये अपने लेखा परीक्षण वित्तीय विवरणों का उपयोग नहीं करती हैं, जिसके परिणामस्वरूप महत्त्वपूर्ण अक्षमताएँ देखी जाती हैं।
    • जबकि भारत में नगरपालिका बजट का आकार अन्य देशों के समकक्षों की तुलना में बहुत छोटा है, राजस्व में संपत्ति कर संग्रह और सरकार के ऊपरी स्तरों से करों एवं अनुदानों का अंतरण होता है, जिसके बावज़ूद वित्तीय स्वायत्तता की कमी बनी रहती है।
  • न्यूनतम पूंजीगत व्यय:
    • स्थापना व्यय, प्रशासनिक लागत और ब्याज तथा वित्त शुल्क के रूप में नगरपालिका का प्रतिबद्ध व्यय बढ़ रहा है, लेकिन पूंजीगत व्यय न्यूनतम है।
    • नगरपालिका बॉण्ड के लिये एक सुविकसित बाज़ार के अभाव में नगरपालिकाएँ ज़्यादातर बैंकों और वित्तीय संस्थानों से उधार व केंद्र / राज्य सरकारों से ऋण पर अपने संसाधन अंतराल को पूरा करने के लिये भरोसा करती हैं।
  • स्थिर राजस्व/व्यय:
    • भारत में नगरपालिका राजस्व/व्यय एक दशक से अधिक समय से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगभग 1% पर स्थिर है।
    • इसके विपरीत ब्राज़ील में सकल घरेलू उत्पाद का4% और दक्षिण अफ्रीका में सकल घरेलू उत्पाद का 6% नगरपालिका राजस्व / व्यय है।
  • अप्रभावी राज्य वित्त आयोग:
    • सरकारों ने नियमित और समयबद्ध तरीके से राज्य वित्त आयोगों (एसएफसी) का गठन नहीं किया है, जबकि उन्हें प्रत्येक पाँच वर्ष में स्थापित किया जाना अपेक्षित है। तदनुसार, अधिकांश राज्यों में, एसएफसी स्थानीय सरकारों को निधियों का नियम-आधारित अंतरण सुनिश्चित करने में प्रभावी नहीं रहे हैं।

सुझाव:

  • नगरपालिका को विभिन्न प्राप्ति और व्यय मदों की उचित निगरानी एवं प्रलेखन के साथ ठोस तथा पारदर्शी लेखांकन प्रथाओं को अपनाने व अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिये विभिन्न प्रगतिशील बॉण्ड, भूमि-आधारित वित्तपोषण तंत्र का पता लगाने की आवश्यकता है।
  • शहरी जनसंख्या घनत्व में तेज़ी से वृद्धि, हालांकि बेहतर शहरी बुनियादी ढाँचे की मांग करती है, इसलिये स्थानीय सरकारों को वित्तीय संसाधनों के अधिक प्रवाह की आवश्यकता होती है।
  • समय के साथ नगर निगमों की राजस्व सृजन क्षमता में गिरावट के साथ ऊपरी स्तरों से करों और अनुदानों के हस्तांतरण पर निर्भरता बढ़ी है। इसके लिये नवोन्मेषी वित्तपोषण तंत्र की आवश्यकता है।
  • भारत में नगर पालिकाओं को कानून द्वारा अपने बजट को संतुलित करने की आवश्यकता है, और किसी भी नगरपालिका उधार को राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित करने की आवश्यकता है।
  • नगर निगम राजस्व उछाल में सुधार लाने के लिये, केंद्र तथा राज्य अपने GST (वस्तु और सेवा कर) का छठवाँ हिस्सा साझा कर सकते हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष प्रश्न  

प्रश्न. भारत में पहला नगर निगम निम्नलिखित में से कहाँ स्थापित किया गया था? (2009)

(a) कलकत्ता
(b) मद्रास
(c) बॉम्बे
(d) दिल्ली

उत्तर: (B)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2