भारतीय अर्थव्यवस्था
बहुपक्षीय विकास बैंकों के लिये प्रस्तावित सुधार
- 23 Oct 2023
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:MDB, G20, विश्व बैंक समूह, एशियाई विकास बैंक, अफ्रीकी विकास बैंक, अंतर-अमेरिकी विकास बैंक, उभरते बाज़ार और विकासशील अर्थव्यवस्थाएँ (EMDE), सतत् विकास लक्ष्य (SDG), एशियाई बुनियादी ढाँचा निवेश बैंक मेन्स के लिये:बहुपक्षीय विकास बैंक, भारत को समर्थन देने में MDB का योगदान, महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में G20 विशेषज्ञ पैनल ने सिफारिश की है कि बहुपक्षीय विकास बैंकों (MDBs) को अपने दृष्टिकोण को व्यक्तिगत परियोजनाओं के वित्तपोषण के बजाय राष्ट्रीय सरकारों द्वारा उल्लिखित क्षेत्र-विशिष्ट कार्यक्रमों और दीर्घकालिक परिवर्तनकारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये।
बहुपक्षीय विकास बैंक:
- MDB अंतर्राष्ट्रीय संस्थान हैं जिनमें विकसित और विकासशील देश शामिल हैं।
- वे परिवहन, ऊर्जा, शहरी बुनियादी ढाँचे और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में विभिन्न परियोजनाओं के लिये वित्तपोषण तथा तकनीकी सहायता प्रदान करते हैं।
- विकसित देश MDB को ऋण देने में योगदान करते हैं, जबकि विकासशील देश आमतौर पर विकास परियोजनाओं के लिये उनसे उधार लेते हैं।
- MDB गरीबी में कमी, बुनियादी ढाँचे के विकास, मानव पूंजी निर्माण आदि जैसे मुद्दों को हल करके निम्न-आय और मध्यम-आय वाले देशों (LIC और MIC) दोनों के विकास का समर्थन करने में सहायक रहे हैं।
- MDB में विश्व बैंक समूह, एशियाई विकास बैंक, अफ्रीकी विकास बैंक, अंतर-अमेरिकी विकास बैंक आदि शामिल हैं।
विशेषज्ञों द्वारा MDB में सुधार के समर्थन का कारण:
- जलवायु संकट: G20 विशेषज्ञ पैनल का तर्क है कि जलवायु संकट के कारण वैश्विक चुनौतियों, विशेषकर उभरते बाज़ारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (EMDE) में MDB में सुधार किये जाने की आवश्यकता है।
- दीर्घकालिक परिवर्तन: MDB को दीर्घकालिक परिवर्तनकारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए राष्ट्रीय सरकारों द्वारा पहचाने गए सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) के साथ अपने संचालन को संरेखित करना चाहिये।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी: निजी और संप्रभु वित्तपोषण के अपने पिछले विभाजन के विपरीत MDB संचालन के लिये व्यापक निजी क्षेत्र की भागीदारी पर अधिक ज़ोर दिया जाना चाहिये।
- समन्वय: MDB की सफलता विभिन्न हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय पर निर्भर करती है। सुधारों का लक्ष्य घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय, सार्वजनिक एवं निजी हितधारकों के बीच समन्वय सुनिश्चित करने में आने वाली बाधाओं को कम करना होना चाहिये।
- राष्ट्रीय भागीदारी: लक्ष्यों, नीतियों, निवेश और वित्तपोषण की एकीकृत दृष्टि को आकार देने में राष्ट्रीय सरकारों की अधिक प्रमुख भूमिका होनी चाहिये।
भारत में पारंपरिक रूप से MDB का ऋण:
- भारत के प्रति विश्व बैंक की प्रतिबद्धता:
- विश्व बैंक की स्थापना वर्ष 1944 में हुई थी। विश्व बैंक ने भारत को पूर्ण तथा मौजूदा दोनों परियोजनाओं के लिये अब तक लगभग 97.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण दिया है।
- कुल आवंटित ऋण में से 19% सार्वजनिक प्रशासन क्षेत्र में परियोजनाओं के लिये 15% कृषि, मत्स्यपालन व वानिकी के लिये तथा 11% परिवहन क्षेत्र के लिये व्यय किया गया है।
- एशियाई विकास बैंक (ADB) की भागीदारी:
- एशियाई विकास बैंक फिलिपींस की राजधानी मनीला में स्थित है, जिसकी स्थापना वर्ष 1969 में हुई थी। ADB ने भारत को कुल 59.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की परियोजना संबंधी एवं तकनीकी सहायता प्रदान की है।
- बैंक द्वारा प्रदत्त कुल सहायता में से 34% धनराशि परिवहन क्षेत्र के लिये, 25% ऊर्जा क्षेत्र के लिये, तथा 10% शहरी आधारभूत अवसंरचना के लिये आवंटित की गई है।
- एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) का योगदान:
- AIIB की स्थापना वर्ष 2016 में हुई जिसका मुख्यालय बीजिंग (चीन) में स्थित है। इसके द्वारा भारत को 9.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता प्रदान की गई है।
- इस राशि में से 42% परिवहन क्षेत्र के लिये, 14% ऊर्जा क्षेत्र हेतु तथा 12.6% आर्थिक विकास के लिये आवंटित किया गया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न एशियाई आधारिक-संरचना निवेश बैंक [एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (AIIB)] के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019) AIIB के 80 से अधिक सदस्य राष्ट्र हैं। उपर्युत्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. भारत ने हाल ही में न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) और एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर बैंक (AIIB) का संस्थापक सदस्य बनने के लिये हस्ताक्षर किये हैं। इन दोनों बैंकों की भूमिका किस प्रकार भिन्न होगी? भारत के लिये इन दोनों बैंकों के रणनीतिक महत्त्व पर चर्चा कीजिये। (2012) |