इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


भारतीय अर्थव्यवस्था

लक्षद्वीप की संभावनाएँ

  • 20 Feb 2024
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

लक्षद्वीप , अरब सागर, प्रवाल, ब्लू फ्लैग प्रामाणीकरण, अंतरिम बजट 2024-25

मेन्स के लिये:

लक्षद्वीप की संभावनाएँ, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप।

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

लक्षद्वीप की अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग मार्गों से निकटता इसे लॉजिस्टिक हब बनने की क्षमता प्रदान करती है, द्वीपसमूह का निकटतम पड़ोसी मंगलुरु ऐतिहासिक व्यापारिक संबंधों को ऊपर उठाने की योजना बना रहा है।

लक्षद्वीप की पर्यटन और रसद संभावना क्या है?

  • पर्यटन: 
    • लक्षद्वीप के प्राचीन समुद्र तट, प्रवाल भित्तियों और स्वच्छ जल एक उल्लेखनीय पर्यटन स्थल प्रस्तुत करते हैं।
    • उचित बुनियादी ढाँचे के विकास और सतत् पर्यटन प्रथाओं के साथ, लक्षद्वीप एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण केंद्र बन सकता है।
  • व्यापार और रसद:
    • अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के निकट स्थित, लक्षद्वीप एक रणनीतिक लॉजिस्टिक केंद्र बनने की क्षमता रखता है। तटीय कर्नाटक, विशेष रूप से मंगलुरु (एक प्रमुख बंदरगाह) से इसकी निकटता, व्यापार साझेदारी और कार्गो हैंडलिंग के अवसर प्रदान करती है।
    • बंदरगाह कनेक्टिविटी और बुनियादी ढाँचे के प्रस्तावित विकास के साथ, लक्षद्वीप सुचारु व्यापार संचालन की सुविधा प्रदान कर सकता है, जिससे स्थानीय व्यवसायों तथा व्यापक क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था दोनों को लाभ होगा।
  • क्षेत्रीय विकास:
    • अंतरिम बजट 2024-25 प्रस्ताव में उल्लिखित लक्षद्वीप के लिये विकास पहल से न केवल द्वीपों को लाभ होता है, बल्कि, विशेष रूप से मंगलुरु जैसे क्षेत्रों हेतु, क्षेत्रीय विकास में भी योगदान मिलता है।
      • केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि घरेलू पर्यटन के प्रति उत्साह को देखते हुए लक्षद्वीप सहित भारतीय द्वीपों पर बंदरगाह कनेक्टिविटी, पर्यटन बुनियादी ढाँचे एवं सुविधाओं के लिये परियोजनाएँ शुरू की जाएंगी।
    • क्रूज़ मार्गों की स्थापना के साथ बढ़ी हुई कनेक्टिविटी, लक्षद्वीप और उसके पड़ोसी क्षेत्रों दोनों में पर्यटन के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे सकती है।
  • पारिस्थितिकीय महत्त्व: 
    • लक्षद्वीप को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करना के साथ इसके पारिस्थितिक महत्त्व को रेखांकित करता है। द्वीपों पर बड़े बुनियादी ढाँचे के निर्माण के बजाय समुद्र में क्रूज़ जहाज़ों को खड़ा करने का सुझाव सतत् प्रथाओं के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

लक्षद्वीप के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • परिचय:
    • भारत का सबसे छोटा केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप है जिसमें 32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले 36 द्वीप हैं।
    • केवल एक ज़िले वाले इस केंद्रशासित प्रदेश में दस बसे हुए द्वीप, तीन चट्टानें, पाँच जलमग्न तट एवं बारह एटोल हैं।
    • सभी द्वीप केरल के तटीय शहर कोच्चि से 220 से 440 किलोमीटर दूर अरब सागर में स्थित हैं।
    • यह प्रशासक के माध्यम से सीधे केंद्र के नियंत्रण किया जाता है।
  • द्वीपों के तीन मुख्य समूह हैं:
    • अमिनदीवी द्वीप समूह (सबसे उत्तरी द्वीप)
    • लक्कादीव द्वीप समूह
    • मिनिकॉय द्वीप (सबसे दक्षिणी द्वीप)
      • सभी कोरल मूल (एटोल) के छोटे द्वीप हैं तथा किनारे की चट्टानों से घिरे हुए हैं।
      • राजधानी कवारत्ती है और यह केंद्रशासित प्रदेश का प्रमुख शहर भी है।
  • जैविक कृषि क्षेत्र: भारत की सहभागिता गारंटी प्रणाली (Participatory Guarantee System- PGS) के तहत पूरे लक्षद्वीप द्वीप समूह को जैविक कृषि क्षेत्र घोषित किया गया है।
  • ब्लू फ्लैग प्रमाणन: लक्षद्वीप के दो नए समुद्र तटों- मिनिकॉय थुंडी तट और कदमत तट को ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्रदान किया गया है।

लक्षद्वीप में विकास से संबंधित चिंताएँ क्या हैं?

  • पर्यावरणीय प्रभाव:
    • प्रवाल भित्तियों और समुद्री जीवन सहित द्वीपों का सुभेद्य पारिस्थितिकी तंत्र, निर्माण-कार्य, प्रदूषण तथा बढ़ती मानव गतिविधि से होने वाले नुकसान के प्रति संवेदनशील है।
    • इन जोखिमों को कम करने के लिये सतत् विकास प्रथाएँ और सख्त पर्यावरणीय नियम आवश्यक हैं।
  • सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव:
    • लक्षद्वीप में स्थानीय समुदायों की पारंपरिक जीवन शैली और सांस्कृतिक विरासत तेज़ी से विकास तथा बढ़ते पर्यटन के कारण खतरे में पड़ सकती है। 
  • बुनियादी ढाँचे का विकास:
    • परिवहन, आवास और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं सहित पर्याप्त बुनियादी ढाँचे की कमी, लक्षद्वीप में पर्यटन तथा व्यापार के लिये एक महत्त्वपूर्ण चुनौती है।
    • द्वीपों की प्राकृतिक सुंदरता और अद्वितीय छवि को संरक्षित करते हुए आधुनिक बुनियादी ढाँचे का विकास करने के लिये सावधानीपूर्वक योजना तथा निवेश की आवश्यकता होती है।
  • सुरक्षा चिंताएँ:
    • लक्षद्वीप की अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग मार्गों से निकटता और इसे प्रतिबंधित क्षेत्र के रूप में नामित किया जाना सुरक्षा चिंताओं को बढ़ाता है। पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देने के साथ सुरक्षा आवश्यकताओं को संतुलित करने के लिये सरकारी एजेंसियों तथा हितधारकों के बीच समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है।
  • सामुदायिक संलग्नता:
    • विकास परियोजनाओं की योजना करने और उनके कार्यान्वयन के सफलता तथा स्थिरता के लिये स्थानीय समुदायों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।
    • सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा देने और विकास पहलों के लिये समर्थन प्राप्त करने हेतु विकास परियोजनाओं के लाभ का निवासियों के बीच समान रूप से वितरण तथा उनकी चिंताओं का समाधान सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

  • इन चिंताओं और चुनौतियों के समाधान के लिये सरकारी संस्थाओं, निजी क्षेत्र के हितधारकों, नागरिक समाज संगठनों तथा स्थानीय समुदायों के संयुक्त प्रयास की आवश्यकता है।
  • विकास के लिये समग्र और समावेशी दृष्टिकोण के माध्यम से लक्षद्वीप की इन चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है तथा पर्यटकों के लिये इसे एक सतत् एवं संपन्न द्वीप गंतव्य के रूप में इसकी क्षमता में वृद्धि की जा सकती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित द्वीपों के युग्मों में से कौन-सा एक 'दश अंश जलमार्ग' द्वारा आपस में पृथक किया जाता है? (2014)

(a) अंडमान एवं निकोबार
(b) निकोबार एवं सुमात्रा
(c) मालदीव एवं लक्षद्वीप
(d) सुमात्रा एवं जावा

उत्तर: (a)


मेन्स:

प्रश्न. 'द स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स' नीति से आप क्या समझते हैं? यह भारत को कैसे प्रभावित करती है? इसका मुकाबला करने के लिये भारत द्वारा उठाए गए कदमों का संक्षेप में वर्णन कीजिये। (2013) 

प्रश्न. पिछले दो वर्षों में मालदीव में राजनीतिक विकास पर चर्चा कीजिये। क्या वे भारत के लिये चिंता का कोई कारण हो सकते हैं? (2013)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2