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भारतीय अर्थव्यवस्था

सोलर मॉड्यूल हेतु PLI योजना

  • 22 Sep 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

सोलर मॉड्यूल हेतु PLI योजना।

मेन्स के लिये:

PLI योजना और इसका महत्त्व , PLI योजना के मुद्दे।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू सौर सेल मॉड्यूल के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिये 19,500 करोड़ रुपए के उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (Production Linked incentive-PLI) को मंज़ूरी दी है।

  • यह 500 करोड़ रुपए की किश्त का अनुवर्ती है, जिसे नवंबर 2020 में मंज़ूरी दे दी गई थी, जिसका उद्देश्य चीन-निर्मित पैनलों पर उद्योग की निर्भरता को कम करना है।
  • PLI योजना की दूसरी किश्त के साथ सरकार उम्मीद कर रही है कि देश में पूरी तरह से और आंशिक रूप से एकीकृत, सौर PV मॉड्यूल की लगभग 65 गीगा वाट प्रति वर्ष विनिर्माण क्षमता स्थापित की जाएगी।

महत्त्व:

  • इससे लगभग 94,000 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष निवेश होगा, प्रत्यक्ष रूप से लगभग 1,95,000 और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 7,80,000 लोगों को रोज़गार मिलेगा। इससे भारत को आयात में करीब 1.37 लाख करोड़ रुपए की बचत होगी।
  • इन योजनाओं के साथ 70-80 गीगावॉट क्षमता की उम्मीद है जो भारत घरेलू आवश्यकताओं के साथ-साथ निर्यात का भी ध्यान रखेगी।
  • राज्य सरकार की औद्योगिक नीतियों के तहत राज्य प्रोत्साहन के साथ PLI लाभ, सीमा शुल्क में रियायती/आस्थगित शुल्क योजनाओं से परियोजना के रिटर्न की आंतरिक दर (IRR) में सुधार करने और भारतीय निर्मित सौर PV मॉड्यूल को बाज़ार में प्रतिस्पर्द्धी बनाने में मदद मिलेगी।

‘उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन’ योजना (PLI Scheme):

  • परिचय:
    • उच्च आयात प्रतिस्थापन और रोज़गार सृजन के साथ घरेलू विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने के लिये PLI योजना की कल्पना की गई थी।
    • सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों हेतु PLI योजनाओं के तहत 1.97 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया तथा वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में सौर PV मॉड्यूल के लिये PLI हेतु 19,500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया गया है।
    • मार्च 2020 में शुरू की गई इस योजना ने शुरू में तीन उद्योगों को लक्षित किया था:
      • मोबाइल और संबद्ध घटक निर्माण
      • विद्युत घटक निर्माण
      • चिकित्सा उपकरण
  • योजना के तहत प्रोत्साहन:
    • संवर्द्धित बिक्री के आधार पर गणना की गई प्रोत्साहन राशि, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी उत्पादों के लिये न्यूनतम 1% से लेकर औषधियों के संबंध में अधिकतम 20% तक है।
    • उन्नत रसायन सेल बैटरी, कपड़ा उत्पाद और ड्रोन उद्योग जैसे कुछ क्षेत्रों में प्रोत्साहन की गणना पाँच वर्षों की अवधि में की गई बिक्री, प्रदर्शन एवं स्थानीय मूल्यवर्द्धन के आधार पर की जाएगी।
  • वे क्षेत्र जिनके लिये PLI योजना की घोषणा की गई है:
  • उद्देश्य:
    • सरकार ने चीन एवं अन्य देशों पर भारत की निर्भरता को कम करने के लिये इस योजना की शुरुआत की है।
    • यह श्रम प्रधान क्षेत्रों का समर्थन करती है और भारत में रोज़गार अनुपात को बढ़ाने का लक्ष्य रखती है।
    • यह योजना आयात बिलों को कम करने एवं घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये भी काम करती है।
      • PLI योजना विदेशी कंपनियों को भारत में अपनी इकाइयाँ स्थापित करने के लिये आमंत्रित करती है और घरेलू उद्यमों को अपनी उत्पादन इकाइयों का विस्तार करने हेतु प्रोत्साहित करती है।

PLI योजना के सामने चुनौतियाँ:  

  • मानकों का कोई सामान्य सेट नहीं:
    • PLI योजना के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने या ऐसी संभावना वाली कंपनियों द्वारा मूल्यवर्द्धन को समझने के लिये कोई सामान्य मानदंड नहीं थे।
    • वर्तमान में विभिन्न मंत्रालय अपनी संबंधित PLI योजनाओं के मूल्यवर्द्धन की निगरानी करते हैं और दो अलग-अलग योजनाओं की तुलना करने का कोई स्थापित तरीका नहीं है।
    • इसके अलावा विभिन्न वितरण योग्य जैसे कि नौकरियों की संख्या ने निर्यात में वृद्धि और गुणवत्ता में सुधार किया है तथा इन सभी को मापने के लिये कोई केंद्रीकृत डेटाबेस उपलब्ध नहीं है।
  • कंपनियों के लिये प्रोत्साहन लक्ष्य में भी वृद्धि:
    • अपने क्षेत्र में कार्य कर रही कंपनियों के साथ बातचीत करने वाले विभागों और मंत्रालयों को भी कुछ विशिष्ट मुद्दों का सामना करना पड़ता है।
      • उदाहरण- कई बार कंपनियों के लिये प्रोत्साहन हेतु अर्हता प्राप्त करने का लक्ष्य बहुत अधिक होता है।
  • एक या दो आपूर्ति शृंखलाओं पर निर्भर घरेलू कंपनियाँ:
    • पिछले वित्त वर्ष तक केवल 3-4 कंपनियाँ ही स्वीकृत चौदह कंपनियों से PLI योजना के लिये अर्हता प्राप्त करने हेतु संवर्द्धित बिक्री लक्ष्य (Incremental Sales Targets) हासिल करने में कामयाब रही थीं।
    • वैश्विक कंपनियों के विपरीत अधिकांश घरेलू कंपनियाँ एक या दो आपूर्ति शृंखलाओं पर निर्भर थीं, जो कि गंभीर रूप से बाधित हो गई हैं और बिना किसी गलती ये कंपनियाँ प्रोत्साहन हेतु योग्य नहीं होंगी।

आगे की राह

  • यदि मांग स्थिर है, तो कम निवेश होता है क्योंकि इसमें पूँजी की लागत के साथ-साथ इन्वेंट्री रखने की लागत भी शामिल होती है, इसलिये मांग के संदर्भ में चुनौतियों का समाधान करने के लिये निवेश को विनिर्माण से संबंधित PLI से अधिक रखने की आवश्यकता होती है।
  • केवल विनिर्माण ही नहीं, बल्कि प्रोत्साहन प्रदान करते समय सभी क्षेत्रों को ध्यान में रखने की आवश्यकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न. हाल ही में सौर ऊर्जा की उपकरण लागतों और टैरिफ में हाल के नाटकीय पतन के क्या कारक बताए जा सकते हैं? इस प्रवृत्ति के तापीय विद्युत उत्पादकों और संबंधित उद्योग के लिये क्या निहितार्थ हैं? (2015)

स्रोत: द हिंदू

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