PLI और भारत का विकास पारिस्थितिकी तंत्र | 01 Feb 2023

प्रिलिम्स के लिये:

उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (Production Linked Incentive scheme-PLI),  विनिर्माण क्षेत्र, ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस, 5G, ग्रीन टेक्नोलॉजी, कार्बन फुटप्रिंट, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स, वन-डिस्ट्रिक्ट-वन-प्रोडक्ट, SFURTI

मेन्स के लिये:

उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के तहत उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन, भारत के विकास पथ में PLI का योगदान

चर्चा में क्यों?  

दुनिया कोविड-19 महामारी के मद्देनज़र एक नए आर्थिक वातावरण के साथ समायोजित हो रही है, ऐसे समय में भारत वैश्विक मूल्य शृंखलाओं में खुद को एक प्रमुख अभिकर्त्ता के रूप में स्थापित करने के लिये इसे रणनीतिक अवसर के तौर पर देख रहा है। 

  • उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना के लिये विनिर्माण उद्योग की सकारात्मक प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप श्रम बल कौशल को उन्नत करने, पुरानी मशीनरी को बदलने, उत्पादन बढ़ाने, सुव्यवस्थित रसद और संचालन सुनिश्चित किया जाने की संभावना है, जिससे भारत को विनिर्माण क्षेत्र में एक प्रमुख अभिकर्त्ता के रूप में उभरने का अवसर प्राप्त होगा।   

FAR

उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (PLI):

  • परिचय:
    • भारत सरकार द्वारा 14 प्रमुख विनिर्माण क्षेत्रों में PLI योजना की शुरुआत विनिर्माण उद्योग के लिये अपने रणनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।  
      • 1.97 लाख करोड़ रुपए के बजट के साथ यह योजना विभिन्न प्रोत्साहनों और सहयोग उपायों के माध्यम से लक्षित उद्योग के विकास और स्थिरता को प्रोत्साहित करने के लिये अच्छी तरह से डिज़ाइन की गई है। 
    • मार्च 2020 में शुरू की गई इस योजना ने प्रारंभ में तीन उद्योगों को लक्षित किया: 
      • मोबाइल और संबद्ध घटक विनिर्माण
      • विद्युत घटक विनिर्माण 
      • चिकित्सीय उपकरण
  • लक्षित क्षेत्र: 
    • इसके तहत लक्षित 14 क्षेत्र इस प्रकार हैं- मोबाइल विनिर्माण, चिकित्सा उपकरणों का निर्माण, ऑटोमोबाइल और ऑटो घटक, फार्मास्यूटिकल्स, दवाएँ, विशेष इस्पात, दूरसंचार और नेटवर्किंग/संजाल उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, एसी और एलईडी, खाद्य उत्पाद, वस्त्र उत्पाद, सौर पीवी मॉड्यूल, उन्नत रसायन विज्ञान सेल (Advanced Chemistry Cell-ACC) बैटरी और ड्रोन एवं ड्रोन संबंधित घटक
  • योजना के तहत प्रोत्साहन: 
    • दिये जाने वाले प्रोत्साहनों की गणना बढ़ी हुई बिक्री के आधार पर की जाती है। 
      • उन्नत रसायनिक सेल बैटरी, वस्त्र उत्पाद और ड्रोन उद्योग जैसे कुछ क्षेत्रों में दिये जाने वाले प्रोत्साहनों की गणना पाँच वर्ष की अवधि में की गई बिक्री, प्रदर्शन तथा स्थानीय मूल्यवर्द्धन के आधार पर की जाएगी। 
    • अनुसंधान एवं विकास हेतु निवेश पर ज़ोर दिये जाने से किसी भी उद्योग को वैश्विक रुझानों के साथ अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में प्रतिस्पर्द्धी बने रहने में मदद मिलेगी।

भारत के विकास पारिस्थितिकी तंत्र में PLI की भूमिका: 

  • आयात निर्भरता में कमी: विनिर्माण परिदृश्य में यह बदलाव वैश्विक व्यापार पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है, साथ ही एकल-स्रोत देश पर निर्भरता को कम कर सकता है और उत्पादन के स्रोतों में विविधता ला सकता है।
  • मांग की आपूर्ति: 4G और 5G उत्पादों को तेज़ी से अपनाने के साथ खासकर दूरसंचार एवं नेटवर्किंग क्षेत्रों में उत्पादन की मात्रा में हुई वृद्धि उपभोक्ताओं की मांग को पूरा कर रही है।
    • बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण (Large-Scale Electronics Manufacturing- LSEM) क्षेत्र में PLI योजना के सफल परिणाम देखे गए हैं, भारत में उपयोग किये जाने वाले 97% मोबाइल फोन्स का निर्माण अब भारत में ही किया जा रहा है। PLI योजना के तहत सितंबर 2022 तक LSEM क्षेत्र के लिये 4,784 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया गया और 41,000 अतिरिक्त नौकरियाँ सृजित की गईं।
  • कार्बन फुटप्रिंट में कमी: PLI योजना के तहत हरित प्रौद्योगिकियों पर ज़ोर दिये जाने से कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलेगी और भारत, हरित नीति कार्यान्वयन में अग्रणी के रूप में स्थापित होगा।
  • मुक्त व्यापार समझौतों को बढ़ावा देना: बेहतर उत्पादकता बेहतर बाज़ार पहुँच के लिये मुक्त व्यापार समझौतों को बढ़ावा दे रही है और बिक्री में वृद्धि से बेहतर लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी की मांग बढ़ रही है। 
  • ग्रामीण भारत के विकास को आगे बढ़ावा देना: भारत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के उद्योगों और कारीगरों को देश की विकास गाथा का हिस्सा बनने में मदद करने के लिये राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है।
    • यह कार्य स्थानीय व्यवसायों का समर्थन करने के लिये "एक ज़िला-एक-उत्पाद" और पारंपरिक उद्योगों को बेहतर बनाने हेतु "स्फूर्ति (SFURTI)” जैसी पहलों के माध्यम से किया जा रहा है।

स्रोत: द हिंदू