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भारतीय अर्थव्यवस्था

पारंपरिक उद्योगों के उन्‍नयन एवं पुनर्निर्माण के लिये कोष की योजना (SFURTI)

  • 24 Feb 2021
  • 4 min read

हाल ही में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने MSME क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये 18 राज्यों में विस्तृत 50 कारीगर आधारित स्फूर्ति (SFURTI) क्लस्टर्स का उद्घाटन किया।

  • MSME मंत्रालय पारंपरिक उद्योगों और कारीगरों को समूहों में संगठित करने और उनकी आय को बढ़ाने के लिये ‘स्कीम ऑफ फंड फॉर रिजनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज़’ (Scheme of Fund for Regeneration of Traditional Industries- SFURTI) को लागू कर रहा है।

प्रमुख बिंदु:

  • MSME मंत्रालय ने क्लस्टर विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2005 में इस योजना को प्रारंभ किया।
  • SFURTI क्लस्टर दो प्रकार के होते हैं- नियमित क्लस्टर (500 कारीगर), जिनको 2.5 करोड़ रुपए तक की सरकारी सहायता दी जाती है। मेजर (Major) क्लस्टर (500 से अधिक कारीगर) जिनको 5 करोड़ रुपए तक की सरकारी सहायता प्रदान की जाती है।
  • मंत्रालय कॉमन सुविधा केंद्र (Common Facility Centers- CFCs) के माध्यम से बुनियादी ढाँचे की स्थापना, नई मशीनरी की खरीद, कच्चे माल के बैंक, डिज़ाइन हस्तक्षेप, बेहतर पैकेजिंग, बेहतर कौशल और क्षमता विकास आदि सहित विभिन्न प्रक्रियाओं को बढ़ावा देता है। 
  • इसके अतिरिक्त यह योजना हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के साथ ‘क्लस्टर गवर्नेंस सिस्टम’ को मज़बूत करने पर केंद्रित है, ताकि वे उभरती चुनौतियों और अवसरों का आकलन करने में सक्षम हों और प्रतिक्रिया दे सकें।
    • इसे नवीन और पारंपरिक कौशल, उन्नत प्रौद्योगिकियों, उन्नत प्रक्रियाओं, बाज़ार समझ और सार्वजनिक-निजी भागीदारी के नए मॉडल के निर्माण के माध्यम से शुरू किया जाता है, ताकि धीरे-धीरे क्लस्टर-आधारित पारंपरिक उद्योगों के समान मॉडल को दोहराया जा सके।

MSME क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये अन्य नवीन पहलें:

  • उद्योग आधार ज्ञापन (UAM): यह भारत में MSMEs के लिये व्यवसाय करने में आसानी प्रदान हेतु सरल एक-पृष्ठ का पंजीकरण फॉर्म है।
  • नवाचार, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता को बढ़ावा हेतु एक योजना (ASPIRE):  यह योजना ‘कृषि आधारित उद्योग में स्टार्ट अप के लिये फंड ऑफ फंड्स’, ग्रामीण आजीविका बिज़नेस इनक्यूबेटर (LBI), प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर (TBI) के माध्यम से नवाचार और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देती है।
  • क्रेडिट गारंटी फंड योजना: ऋण के आसान प्रवाह की सुविधा के लिये MSMEs को दिये गए संपार्श्विक मुक्त ऋण हेतु गारंटी कवर प्रदान किया जाता है।
  • प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (PMEGP): यह नए सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना और ग्रामीण एवं देश के शहरी क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिये एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना है।
  • प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिये क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी स्कीम (CLCSS): CLCSS का उद्देश्य संयंत्र और मशीनरी की खरीद के लिये 15% पूंजी सब्सिडी प्रदान करके सूक्ष्म और लघु उद्यमों (MSE) को प्रौद्योगिकी उन्नयन की सुविधा प्रदान करना है।

स्रोत- पीआइबी

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