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शासन व्यवस्था

ज़िलों का प्रदर्शन क्रम निर्धारण सूचकांक और PGI 2.0

  • 10 Jul 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

जिलों का प्रदर्शन क्रम सूचकांक, एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली प्लस (UDISE+), NAS, दक्ष और उत्कर्ष, NEP 2020

मेन्स के लिये:

ज़िलों का प्रदर्शन क्रम सूचकांक

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 के लिये ज़िलों के प्रदर्शन क्रम निर्धारण सूचकांक (PGI-D) पर संयुक्त रिपोर्ट जारी की

  • शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 के लिये राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों हेतु प्रदर्शन क्रम निर्धारण सूचकांक (PGI) 2.0 पर एक रिपोर्ट भी जारी की है।

ज़िलों का प्रदर्शन क्रम निर्धारण सूचकांक (Performance Grading Index for Districts (PGI-D);

  • परिचय: 
    • PGI-D एक व्यापक विश्लेषण के उद्देश्य से एक सूचकांक तैयार कर ज़िला स्तर पर स्कूली शिक्षा प्रणाली के प्रदर्शन का आकलन करता है
    • PGI-D द्वरा एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली प्लस (UDISE+), नेशनल अचीवमेंट सर्वे (NAS), 2017 और संबंधित ज़िलों द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा सहित विभिन्न स्रोतों से एकत्र किये गए आँकड़ों के आधार पर स्कूली शिक्षा में ज़िला-स्तरीय प्रदर्शन का आकलन किया गया।
      • वर्ष 2017-18 से, शिक्षा मंत्रालय ने अब तक पाँच वार्षिक रिपोर्ट जारी की हैं जो राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा की स्थिति पर जानकारी प्रदान करती हैं। 
  • क्रम: 
    • इस रिपोर्ट में 10 क्रम हैं जिनके अंतर्गत ज़िलों को वर्गीकृत किया गया है:
      • दक्ष: उच्चतम (90% से उपर) 
      • उत्कर्ष: 81% से 90% 
      • अति-उत्तम: 71%से 80% 
      • उत्तम: 61% से 70% 
      • प्रचेष्टा-1: 51% से 60% 
      • प्रचेष्टा-2: 41% से 50% 
      • प्रचेष्टा-3: 31% से 40% 
      • आकांक्षी-1: 21% से 30% 
      • आकांक्षी-2: 11% से 20% 
      • आकांक्षी-3: न्यूनतम (10% से कम) 
  • संकेतक: 
    • PGI-D संरचना में 600 अंकों के कुल भारांक वाले 83 संकेतक शामिल होते हैं, जिन्हें 6 श्रेणियों के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, जैसे परिणाम, प्रभावी कक्षा, बुनियादी ढाँचा सुविधाएँ और छात्र के अधिकार, स्कूल सुरक्षा तथा बाल संरक्षण, डिजिटल लर्निंग एवं शासन प्रक्रिया। 
  • महत्त्व: 
    • PGI-D रिपोर्ट की सहायता से राज्य शिक्षा विभागों द्वारा ज़िला स्तर पर कमियों की पहचान करने और विकेंद्रीकृत तरीके से प्रदर्शन में सुधार करने में सहायता मिलने की अपेक्षा है।
    • हस्तक्षेप क्षेत्रों को प्राथमिकता देकर विभिन्न ज़िले उच्चतम क्रम तक पहुँचने और समग्र शिक्षा गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में काम कर सकते हैं।

रिपोर्ट की मुख्य बिंदु:

  • ज़िले के प्रदर्शन पर महामारी का प्रभाव: 
    • कोई भी ज़िला शीर्ष दो ग्रेड (दक्ष और उत्कर्ष) प्राप्त करने में सक्षम नहीं था।
    • अति-उत्तम के रूप में वर्गीकृत ज़िलों की संख्या वर्ष 2020-21 में 121 से घटकर वर्ष 2021-22 में 51 हो गई, जो शैक्षिक प्रदर्शन पर महामारी के प्रभाव को दर्शाता है।
      • वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 दोनों में विभिन्न राज्यों के कई ज़िलों को अति-उत्तम के रूप में वर्गीकृत किया गया था, जिसमें आंध्र प्रदेश के कृष्णा और गुंटूर, चंडीगढ़, दादरा नगर हवेली, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, ओडिशा आदि राज्यों के ज़िले समाहित थे।
  • ग्रेड में परिवर्तन: 
    • वर्ष 2021-22 में, प्रचेष्टा-2 (छठी-उच्चतम श्रेणी) के रूप में वर्गीकृत ज़िलों की संख्या वर्ष 2020-21 में 86 से बढ़कर 117 हो गई।
    • इससे जानकारी प्राप्त होती है कि कई ज़िलों को महामारी के कारण हुए व्यवधानों के कारण अपना प्रदर्शन बनाए रखने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

 PGI 2.O 

  • परिचय PGI: PGI राज्य/केंद्रशासित प्रदेश स्तर पर स्कूल शिक्षा प्रणाली के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिये MoE द्वारा तैयार किया गया एक व्यापक मूल्यांकन उपकरण है।
    • यह विभिन्न संकेतकों के आधार पर प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है और साथ ही व्यापक विश्लेषण के लिये एक सूचकांक तैयार करता है
    • PGI को पहली बार वर्ष 2017-18 के लिये जारी किया गया था और इसे वर्ष 2020-21 में अद्यतन किया गया है।

  • संशोधित संरचना: PGI को वर्ष 2021-22 के लिये संशोधित किया गया और इसका नाम बदलकर PGI 2.0 कर दिया गया। नई संरचना में 73 संकेतक शामिल हैं जिन्हें दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है:  
    • परिणाम और शासन प्रबंधन (GM), गुणात्मक मूल्यांकन, डिजिटल पहल और शिक्षक शिक्षा पर अधिक बल दिया जाता है।
  • श्रेणियाँ और डोमेन: PGI 2.0 को छह डोमेन में बाँटा गया है:
    • अधिगम  परिणाम (LO), पहुँच (A), बुनियादी ढाँचे और सुविधाएँ (IF), इक्विटी (E), शासन प्रक्रिया (GP), और शिक्षक शिक्षा तथा प्रशिक्षण (TE & T)। ये डोमेन शिक्षा प्रणाली के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हैं।
  • ग्रेडिंग प्रणाली: राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को संकेतकों में उनके अंकों के आधार पर ग्रेड दिये जाते हैं।
    • ग्रेड उच्चतम दक्ष (941-1000) से लेकर निम्नतम आकांक्षी-3 (401-460) तक हैं। 
  • जाँच - परिणाम:
    • नवीनतम संस्करण में किसी भी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश ने शीर्ष ग्रेड हासिल नहीं किया।
    • केवल दो राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों, अर्थात् पंजाब और चंडीगढ़ ने ग्रेड प्रचेष्टा-2 (स्कोर 641-700) प्राप्त किया है।
    • आंध्र प्रदेश ने PGI 2.0 में ग्रेड 8 (श्रेणी: आकांक्षी-1) हासिल किया है।
    • आंध्र प्रदेश ने वर्ष 2017-18 में कोई ग्रेड नहीं होने से लेकर 901 के स्कोर के साथ स्तर  II हासिल करने तक पिछले कुछ वर्षों में अपने ग्रेड में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है।

स्कूली शिक्षा से संबंधित सरकारी पहल 

 स्रोत : पी.आई.बी

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