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शासन व्यवस्था

नगालैंड में ODOP संपर्क कार्यक्रम

  • 24 Jun 2023
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग, एक ज़िला एक उत्पाद (ODOP), पीएम गति शक्ति, कृषि उड़ान योजना, विश्व आर्थिक मंच, भारतमाला, सागरमाला, अंतर्देशीय जलमार्ग

मैन्स के लिये:

ODOP पहल और पीएम गतिशक्ति की विशेषताएँ

चर्चा में क्यों?  

हाल ही में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) तथा इन्वेस्ट इंडिया ने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, नगालैंड के सहयोग से नगालैंड में ODOP संपर्क कार्यक्रम का आयोजन किया।

आयोजन के प्रमुख बिंदु:

  • बाज़ार पहुँच बढ़ाना: आयोजन का एक प्राथमिक उद्देश्य यूरोपीय संघ (EU), स्विट्ज़रलैंड जैसे अन्य विदेशी बाज़ारों में भारतीय उत्पादों विशेष रूप से नगालैंड की बाज़ार तक पहुँच में सुधार करना था।
    • बुनियादी ढाँचे का विकास: नगालैंड के ODOP उत्पादों का समर्थन करने के लिये रसद सुविधाओं में सुधार के विभिन्न उपायों पर प्रकाश डाला गया जैसे:
      • बेहतर परिवहन के लिये कृषि उड़ान योजना का लाभ उठाना। 
      • रेलवे कनेक्टिविटी का विस्तार। 
    • केंद्रीय बजट 2023-24 ने देश भर में यूनिटी मॉल के निर्माण हेतु 5000 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं, जो ODOP उत्पादों के लिये केंद्रीकृत बाज़ार के रूप में कार्य करेंगे।
  • ODOP प्रदर्शनी: इस कार्यक्रम में मिर्च, मछली, कॉफी और हल्दी सहित नगालैंड के विभिन्न ODOP उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।

एक ज़िला एक उत्पाद पहल:  

  • परिचय:  
    • ODOP देश के प्रत्येक ज़िले से एक उत्पाद को बढ़ावा देने और ब्रांडिंग करके ज़िला स्तर पर आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की एक पहल है।
      • इसका उद्देश्य प्रत्येक ज़िले की स्थानीय क्षमता, संसाधनों, कौशल और संस्कृति का लाभ उठाना तथा घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में उनकी एक विशिष्ट पहचान बनाना है।
    • देश के सभी 761 ज़िलों से 1000 से अधिक उत्पादों का चयन किया गया है। इस पहल में कपड़ा, कृषि, प्रसंस्कृत सामान, फार्मास्यूटिकल्स और औद्योगिक वस्तुओं समेत कई क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
    • इसके अतिरिक्त जनवरी 2023 में स्विट्ज़रलैंड के दावोस में भारतीय पक्ष की ओर से विश्व आर्थिक मंच पर कई ODOP उत्पादों को प्रदर्शित किया गया था।
  • पृष्ठभूमि:
    • ODOP की अवधारणा को सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनवरी 2018 में विकसित की गई थी।
      • यह योजना राज्य के पारंपरिक उद्योगों और शिल्प, जैसे- चिकनकारी कढ़ाई, पीतल के बर्तन, मिट्टी के बर्तन, कालीन, चमड़े की वस्तुएँ आदि को पुनर्जीवित करने में सफल रही।
      • इससे प्रेरित होकर केंद्र सरकार ने इस अवधारणा को अपनाया और इसे एक राष्ट्रीय पहल के रूप में लॉन्च किया।
  • कार्यान्वयन:
    • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिये योजना लागू करता है।
    • वस्त्र मंत्रालय ने ODOP योजना के तहत उत्पादों को प्रदर्शित करने और विक्रय करने के लिये सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज़ कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIC) के अंतर्गत राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय, नई दिल्ली में 'लोटा शॉप' का उद्घाटन किया।
    • विदेश व्यापार महानिदेशालय ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिये ज़िलों को निर्यात हब पहल के रूप में ONOP के साथ संरेखित किया है। 
  • एक ज़िला एक उत्पाद पुरस्कार:  
    • आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में विभिन्न हितधारकों के प्रयासों की पहचान करते हुए DPIIT ने एक ज़िला एक उत्पाद पुरस्कार की स्थापना की है।
      • यह पुरस्कार राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों, ज़िलों और विदेश में भारतीय मिशनों द्वारा किये गए उत्कृष्ट कार्यों के लिये प्रदान किया जाएगा।
    • ये पुरस्कार राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल पर लॉन्च किये जाएंगे। 

पीएम गति शक्ति:

  • परिचय:  
    • पीएम गति शक्ति मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिये एक राष्ट्रीय मास्टर प्लान है, जो बुनियादी ढाँचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन के लिये रेलवे, नागरिक उड्डयन, MIETY, शिपिंग तथा सड़क परिवहन सहित 16 मंत्रालयों को एक मंच प्रदान करने के लिये एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है।
  • अभिलक्षण:  
    • इस योजना में विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों की बुनियादी ढाँचा योजनाएँ जैसे- भारतमाला, सागरमाला, अंतर्देशीय जलमार्ग, उड़ान (UDAAN) आदि शामिल हैं। यह वस्त्र उद्योग, फार्मास्यूटिकल क्षेत्र, रक्षा गलियारे, इलेक्ट्रॉनिक पार्क, औद्योगिक गलियारे, मत्स्य पालन क्षेत्र जैसे आर्थिक क्षेत्रों को कवर करता है। यह योजना कनेक्टिविटी में सुधार करने के साथ ही भारतीय व्यवसाय को और अधिक प्रतिस्पर्द्धी बनाने में मदद करती है।
  • यह योजना BiSAG-N (भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान) द्वारा विकसित ISRO इमेजरी के साथ स्थानिक योजना उपकरणों सहित व्यापक स्तर पर प्रौद्योगिकी का लाभ उठाती है तथा वर्तमान परियोजनाओं की निगरानी को पारदर्शी बनाती है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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