नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

कृषि उड़ान 2.0

  • 28 Oct 2021
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

कृषि उड़ान योजना, उड़ान योजना, कृषि संबंधी योजनाएँ

मेन्स के लिये:

कृषि उड़ान योजना: परिचय एवं लाभ, कृषि-मूल्य शृंखला में स्थिरता व लचीलापन लाने में योजना का योगदान

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने हवाई मार्ग से कृषि उपज की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिये कृषि उड़ान 2.0 (Krishi UDAN 2.0) की शुरुआत की।

  • इसका उद्देश्य कृषि-उपज और हवाई परिवहन के बेहतर एकीकरण एवं अनुकूलन के माध्यम से उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त करने तथा विभिन्न व गतिशील परिस्थितियों में कृषि-मूल्य शृंखला में स्थिरता व लचीलापन लाने में योगदान देना है।
  • इससे पहले उड़ान दिवस (21 अक्तूबर) से पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उड़ान योजना के तहत उत्तर-पूर्वी भारत की हवाई कनेक्टिविटी का विस्तार करते हुए 6 नए मार्गों को मंज़ूरी दी थी।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • कृषि उत्पादों के परिवहन में किसानों की सहायता करने के उद्देश्य से अगस्त 2020 में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय मार्गों पर कृषि उड़ान योजना शुरू की गई थी ताकि कृषि उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त किया जा सके।
    • कृषि उड़ान 2.0 पहाड़ी क्षेत्रों, पूर्वोत्तर राज्यों और आदिवासी क्षेत्रों में खराब होने वाले खाद्य उत्पादों (Perishable Food Products) के परिवहन पर ध्यान केंद्रित करेगा।
    • इसे देश भर के 53 हवाई अड्डों पर मुख्य रूप से पूर्वोत्तर और आदिवासी क्षेत्रों पर केंद्रित किया जाएगा तथा इससे किसान, मालवाहकों एवं एयरलाइन कंपनियों को लाभ होने की संभावना है।
      • चुने गए हवाई अड्डे न केवल क्षेत्रीय घरेलू बाज़ारों तक पहुँच प्रदान करते हैं बल्कि उन्हें देश के अंतर्राष्ट्रीय गेटवे से भी जोड़ते हैं।
  • मुख्य विशेषताएँ:
    • शुल्क में छूट:
      • लैंडिंग, पार्किंग, टर्मिनल नेविगेशन और मार्ग नविगेशन सुविधा शुल्क (Route Navigation Facilities Charges- RNFC) में पूर्ण छूट प्रदान कर हवाई परिवहन द्वारा कृषि उत्पादों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाना और उसे प्रोत्साहित करना। 
    • हब एंड स्पोक मॉडल:
      • हब एंड स्पोक मॉडल और फ्रेट ग्रिड के विकास को सुगम बनाते हुए हवाई अड्डों के भीतर व बाहर माल ढुलाई से संबंधित बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करना। 
        • हब और स्पोक मॉडल एक वितरण पद्धति को संदर्भित करता है जिसमें एक केंद्रीकृत "हब" मौजूद होता है।
    • संसाधन पूलिंग:
      • कनवर्ज़ेंस तंत्र की स्थापना के माध्यम से संसाधन पूलिंग अर्थात् अन्य सरकारी विभागों और नियामक निकायों के साथ करार करना।
        • यह कृषि उत्पादों के हवाई परिवहन को बढ़ाने के लिये मालवाहकों, एयरलाइंस और अन्य हितधारकों को प्रोत्साहन एवं रियायतें प्रदान करेगा।
    • ई-कौशल:
      • कृषि उपज के परिवहन के संबंध में सभी हितधारकों को सूचना प्रसार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये ई-कुशल (सतत् समग्र कृषि-लॉजिस्टिक्स हेतु कृषि उड़ान) नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी विकसित किया जाएगा।
      • मंत्रालय ने ई-कुशल को राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) के साथ जोड़ने का भी प्रस्ताव किया है।
  • संभावित लाभ:
    • कृषि विकास के नए रास्ते:
      • यह योजना कृषि क्षेत्र के विकास के लिये नए रास्ते खोलेगी और आपूर्ति शृंखला, रसद एवं कृषि उपज के परिवहन में बाधाओं को दूर कर किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।
    • खाद्य अपशिष्ट को कम करना:
      • यह देश में कृषि खाद्य अपशिष्ट की बर्बादी की समस्या को हल करने में मदद करेगा।
  • किसानों से संबंधित अन्य पहलें:

कृषि और उड्डयन का अभिसरण:

  • दो क्षेत्रों (A2A - कृषि से विमानन) के बीच अभिसरण तीन प्राथमिक कारणों से संभव है:
    • भविष्य में विमानों के लिये जैव ईंधन का विकासवादी संभावित उपयोग।
    • कृषि क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग।
    • कृषि उड़ान जैसी योजनाओं के माध्यम से कृषि उत्पादों का एकीकरण और अधिक मूल्य प्राप्त करना।

स्रोत: पी.आई.बी.

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow