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कृषि

ई-नाम पोर्टल पर मंडियों की संख्या में वृद्धि

  • 12 May 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

ई-नाम पोर्टल 

मेन्स के लिये:

ई-नाम पोर्टल की मदद से किसानों की सहायता हेतु सरकार द्वारा किये गए प्रयास

चर्चा में क्यों?

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture & Farmers Welfare) ने 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 177 नई मंडियों को कृषि उत्पाद के विपणन हेतु ‘ई-नाम’ (e-NAM) पोर्टल से जोड़ा है।

प्रमुख बिंदु:

  • उल्लेखनीय है कि ‘ई-नाम’ से जुड़ने वाली मंडियों की संख्या बढ़कर 962 (पहले इनकी संख्या 785) हो गई है।
  • ‘ई-नाम’ पोर्टल से जोड़ी गई मंडियाँ इस प्रकार हैं- गुजरात (17), हरियाणा (26), जम्‍मू और कश्‍मीर (1), केरल (5), महाराष्ट्र (54), ओडिशा (15), पंजाब (17), राजस्थान (25), तमिलनाडु (13) और पश्चिम बंगाल (1)।
  • ध्यातव्य है कि इससे पहले ‘ई-नाम’ पोर्टल से 17 राज्यों और 2 केंद्रशासित प्रदेशों की 785 मंडियों को जोड़ा गया था। इन मंडियों से 1.66 करोड़ किसान, 1.30 लाख व्यापारी और 71,911 कमीशन एजेंट जुड़े थे।
  • 9 मई 2020 तक 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक कीमत के बाँस और नारियल जैसे उत्पादों का कारोबार किया गया है। 
  • ध्यातव्य है कि 2 अप्रैल 2020 को COVID-19 के मद्देनज़र देशभर में लॉकडाउन के दौरान मंडियों से भीड़भाड़ कम करने हेतु ई-नाम पोर्टल में संशोधन कर एफपीओ ट्रेड मॉड्यूल (FPO Trade Module), लॉजिस्टिक्‍स मॉड्यूल (Logistics Module) और ईएनडब्ल्यूआर (eNWR) आधारित भंडारण मॉड्यूल की शुरूआत की गई थी।
  • 2 अप्रैल 2020 से अब तक ‘ई-नाम’ पोर्टल पर 15 राज्यों के 82 एफपीओ ने 12048 क्विंटल (2.22 करोड़ रूपये के) जिंसों का कारोबार किया है।
  • ‘ई-नाम’ पोर्टल के साथ 9 लॉजिस्टिक्स सर्विस एग्रीगेटर्स ने साझेदारी की है जिसमें 2,31,300 ट्रांसपोर्टर्स हैं, जो परिवहन सेवा ज़रूरतों को पूरा करने के लिये 11,37,700 ट्रकों को उपलब्ध करा रहे हैं।

ई-नाम पोर्टल में संशोधन:

  • ई-नाम में गोदामों से व्यापार की सुविधा हेतु वेयरहाउस आधारित ट्रेडिंग मॉड्यूल:
    • वेयरहाउसिंग विकास और विनियामक प्राधिकरण (Warehousing Development and Regulatory Authority- WDRA) से पंजीकृत वेयरहाउस में भुगतान की सुविधा शुरू की गई है। इस सुविधा से सीमांत किसान अपने उत्पादों को सीधे WDRA से पंजीकृत वेयरहाउस से कर सकेंगे। WDRA से पंजीकृत गोदामों में किसान अपने उत्पाद को रख सकेंगे।
  • किसान उत्पादक संगठन ट्रेडिंग मॉड्यूल:
    • ‘किसान उत्पादक संगठन ट्रेडिंग मॉड्यूल’ लॉन्च किया गया है ताकि किसान उत्पादक संगठन अपने संग्रह केंद्रों से उत्पाद और गुणवत्ता मानकों की तस्वीर अपलोड कर खरीददारों को बोली लगाने में मदद कर सकें।
  • लॉजिस्टिक मॉड्यूल:
    • वर्तमान में ई-नाम पोर्टल व्यापारियों को व्यक्तिगत ट्रांसपोर्टरों की जानकारी प्रदान करता है। लेकिन व्यापारियों द्वारा लॉजिस्टिक की ज़रूरत के मद्देनज़र एक बड़ा लॉजिस्टिक एग्रीगेटर प्लेटफार्म बनाया गया है, जो उपयोगकर्त्ताओं को विकल्प प्रदान करेगा। लॉजिस्टिक एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म के माध्यम से उपयोगकर्त्ताओं तक कृषि उत्पाद को शीघ्रता से पहुँचाया जा सकेगा।

ई-नाम’ (eNAM):

  • केंद्र सरकार द्वारा अप्रैल 2016 में ई-नाम (eNAM) नामक पोर्टल की शुरुआत की गई थी।
  • ई-नाम एक पैन इंडिया ई-व्यापार प्लेटफॉर्म है। कृषि उत्पादों के लिये एक एकीकृत राष्ट्रीय बाज़ार का सृजन करने के उद्देश्य से इसका निर्माण किया गया है।
  • इसके तहत किसान अपने नज़दीकी बाज़ार से अपने उत्पाद की ऑनलाइन बिक्री कर सकते हैं तथा व्यापारी कहीं से भी उनके उत्पाद के लिये मूल्य चुका सकते हैं। 
  • इसके परिणामस्वरूप व्यापारियों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे प्रतिस्पर्द्धा में भी बढ़ोतरी होगी। 
  • इसके माध्यम से मूल्यों का निर्धारण भली-भाँति किया जा सकता है तथा किसानों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त होगा।
  • ई-नाम पोर्टल पर वर्तमान में, खाद्यान्न, तिलहन, रेशे, सब्जियों और फलों सहित 150 वस्तुओं का व्यापार किया जा रहा है। साथ ही इस पर 1,005 से अधिक ‘किसान उत्पादक संगठन’ पंजीकृत हैं।

स्रोत: पीआईबी

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