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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भूटान में नया चीनी गाँव

  • 25 Nov 2020
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन, बिम्सटेक 

मेन्स के लिये:

भारत-भूटान संबंध  

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में चीनी मीडिया ने दावा किया है कि भूटान के पास चीन द्वारा बनाया गया एक नया सीमावर्ती गाँव चीनी क्षेत्र पर स्थित था। हालाँकि गाँव की जारी की गई छवियाँ दर्शाती हैं कि यह गाँव दोनों देशों के मध्य विवादित क्षेत्र पर अवस्थित है।

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प्रमुख बिंदु:

  • चीन द्वारा यह नवनिर्मित गाँव पांग्डा (Pangda) है और दक्षिण-पश्चिम चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के ‘याडोंग काउंटी’ (Yadong County) जो एक प्रशासनिक क्षेत्र है, में अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सितंबर 2020 में 124 लोगों के साथ 27 घर स्वैच्छिक रूप से शांगडुई (Shangdui) गाँव से पांग्डा गाँव में बसने के लिये जा चुके हैं। 
  • वर्ष 2017 के बाद यह पहली बार है कि डोकलाम क्षेत्र के पास एक चीनी आवासीय क्षेत्र देखा गया है जो भारत के लिये सामरिक रूप से महत्त्वपूर्ण है।
    • पांग्डा, डोकलाम पठार पर ‘भारत-भूटान-चीन ट्राइजंक्शन’ (India-Bhutan-China Trijunction) से पूर्व में स्थित है जहाँ वर्ष 2017 में चीन द्वारा सड़क निर्माण कार्य किये जाने  के कारण भारत और चीन के मध्य 72 दिनों तक तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी। 
  • भूटान का पक्ष: भूटान ने आधिकारिक तौर पर अपने क्षेत्र में किसी भी चीनी गाँव की उपस्थिति से इनकार किया है। 
  • भारत का पक्ष: भारत इसे चीन द्वारा एकतरफा रूप से ट्राइजंक्शन से आगे बढ़ने के प्रयास के रूप में देखता है। 
  • चीनी पक्ष: चीनी मानचित्र के अनुसार, पांग्डा गाँव चीन के क्षेत्र में है।
    • यह भारत को अस्थिर चीन-भूटान सीमा के के लिये भी ज़िम्मेदार ठहराता है और इस बात के लिये भी भारत को ज़िम्मेदार ठहराता है कि यह भ्रम उत्पन्न करता है कि चीन, भूटानी क्षेत्र का अतिक्रमण कर रहा है।

भारत-भूटान संबंध: 

Bhutan

  • भारत और भूटान के मध्य ‘शांति एवं मैत्री संधि-1949’ (Treaty of Peace and Friendship, 1949):
    • यह संधि शांति एवं मित्रता, मुक्त व्यापार एवं वाणिज्य और एक-दूसरे के नागरिकों के लिये समान न्याय का अवसर प्रदान करती है।
    • वर्ष 2007 में इस संधि पर पुनः बातचीत हुई और भूटान की संप्रभुता को प्रोत्साहित करने के लिये इस संधि से उस प्रावधान को समाप्त कर दिया गया जिसमें भारत द्वारा भूटान को अपनी विदेश नीति पर मार्गदर्शन लेने की आवश्यकता का उल्लेख किया गया था।
  • बहुपक्षीय साझेदारी (Multilateral Partnership): 
  • जलविद्युत ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग: 
    • वर्ष 2006 का जलविद्युत सहयोग समझौता: इस समझौते के एक प्रोटोकॉल के तहत, भारत ने वर्ष 2020 तक भूटान को न्यूनतम 10,000 मेगावाट जलविद्युत के विकास एवं उसी से अधिशेष बिजली आयात करने पर सहमति व्यक्त की है।  
  • व्यापार:
    • दोनों देशों के बीच व्यापार, भारत-भूटान व्यापार एवं पारगमन समझौते 1972 (India Bhutan Trade and Transit Agreement 1972) द्वारा शासित होता है जिसे अंतिम बार नवंबर, 2016 में नवीनीकृत किया गया था। 
    • यह समझौता दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार व्यवस्था स्थापित करता है और तीसरे अन्य देशों को भूटानी निर्यात के शुल्क मुक्त पारगमन के लिये भी अवसर प्रदान करता है।
  • आर्थिक सहायता: 
    • भारत, भूटान के विकास में प्रमुख भागीदार देश है। वर्ष 1961 में भूटान की पहली पंचवर्षीय योजना (FYP) के शुभारंभ के बाद से भारत, भूटान के FYPs के लिये वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है।
    • भारत ने भूटान की 12वीं पंचवर्षीय योजना (वर्ष 2018-23) के लिये 4500 करोड़ रुपये प्रदान किये हैं।
  • शैक्षिक और सांस्कृतिक सहयोग:
    • बड़ी संख्या में कॉलेज जाने वाले भूटानी छात्र भारत में पढ़ रहे हैं। भारत सरकार भूटानी छात्रों को कई तरह की छात्रवृत्ति प्रदान करती है।
  • पर्यावरण:
  • COVID-19 महामारी के दौरान सहायता: 
    • COVID-19 महामारी के दौरान भारत ने भूटान के साथ घनिष्ठ समन्वय बना रखा है और भूटान को COVID-19 महामारी नियंत्रण योजना में शामिल किया है।
    • इसके तहत भूटान में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये भूटान में रुपे कार्ड का दूसरा चरण शुरू किया।
      • सिंगापुर के बाद रुपे कार्ड स्वीकार करने वाला भूटान दूसरा देश है।

स्रोत: द हिंदू

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