MSME प्रतिस्पर्द्धी (LEAN) योजना | 11 Mar 2023
प्रिलिम्स के लिये:लीन मैन्युफैक्चरिंग, उद्यम प्लेटफॉर्म, MSME प्रदर्शन (RAMP) योजना को बढ़ाना और तीव्रता प्रदान करना, सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिये क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड (CGTMSE), ब्याज सब्सिडी पात्रता प्रमाणपत्र (ISEC), नवाचार, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये योजना (ASPIRE), ज़ीरो डिफेक्ट, ज़ीरो इफेक्ट (ZED)। मेन्स के लिये:भारत के लिये सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र का महत्त्व, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र से संबंधित वर्तमान चुनौतियाँ, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम से संबंधित हालिया सरकारी पहल। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने भारत के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिये वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता रोडमैप प्रदान करने के लिये MSME प्रतिस्पर्द्धी (LEAN) योजना शुरू की।
- इसका उद्देश्य गुणवत्ता, उत्पादकता, प्रदर्शन और निर्माताओं की मानसिकता को बदलने तथा उन्हें विश्व स्तर के निर्माताओं में बदलने की क्षमता में सुधार करना है।
लीन मैन्युफैक्चरिंग क्या है?
- परिचय: लीन मैन्युफैक्चरिंग या लीन उत्पादन, जिसे केवल लीन के रूप में जाना जाता है, एक उत्पादन अभ्यास है, जो अंतिम ग्राहक के लिये मूल्य के निर्माण के अलावा किसी भी लक्ष्य हेतु संसाधनों के व्यय को व्यर्थ मानता है और इसलिये इसे समाप्त कर देना चाहिये।
- लीन सिद्धांत: लीन मैन्युफैक्चरिंग में सिद्धांतों का एक सम्मुच्य शामिल होता है, जिसे लीन विचारक काइज़न के माध्यम से अपशिष्ट को खत्म करके उत्पादकता, गुणवत्ता और समयसीमा में सुधार के लिये उपयोग करते हैं। लीन मैन्युफैक्चरिंग के सिद्धांत हैं:
- मूल्य पहचान: निर्धारित करना कि ग्राहक के दृष्टिकोण से मूल्य का क्या अर्थ है। इसमें यह समझना शामिल है कि ग्राहक क्या चाहता है, उसकी आवश्यकता क्या है और क्या वह इसके लिये भुगतान करने को तैयार है।
- मूल्य शृंखला में चरणों का मानचित्रण: मूल्य शृंखला का एक मानचित्र तैयार करना, जो किसी उत्पाद के उत्पादन या सेवा प्रदान करने के लिये आवश्यक चरणों का अनुक्रम हो। यह अपशिष्ट और अक्षमता के क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करता है।
- प्रवाह सुनिश्चित करना: मूल्य शृंखला के माध्यम से कार्यों का एक सहज, निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करना। इसमें प्रक्रिया को धीमा करने वाली बाधाओं और रुकावटों को समाप्त करना शामिल है।
- ग्राहक पूल स्थापित करना: एक पूल प्रणाली लागू करना जो ग्राहक की मांग के आधार पर उत्पादों का उत्पादन केवल तभी करता है जब उनकी आवश्यकता होती है। यह इन्वेंट्री (वस्तु-सूची) और कचरे को कम करने में मदद करता है।
- पूर्णता हेतु प्रयास करना: कचरे की पहचान और उन्मूलन, प्रक्रियाओं में सुधार तथा गुणवत्ता सुनिश्चित कर पूर्णता के लिये निरंतर प्रयास करना।
नोट:
- काइज़न एक जापानी शब्द है जिसका अनिवार्य रूप से अर्थ है "बेहतर के लिये परिवर्तन" या अच्छा परिवर्तन।
- इसका लक्ष्य ग्राहक को जब इसकी आवश्यकता हो और जितनी मात्रा में आवश्यकता हो, एक दोष मुक्त उत्पाद या सेवा प्रदान करना है।
योजना के प्रमुख बिंदु:
- उद्देश्य:
- लीन (LEAN) के माध्यम से MSMEs क्षति को काफी हद तक कम कर सकते हैं, उत्पादकता बढ़ा सकते हैं, गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं, सुरक्षित रूप से काम कर सकते हैं, अपने बाज़ारों का विस्तार कर सकते हैं तथा अंततः प्रतिस्पर्धी एवं लाभदायक बन सकते हैं।
- उपकरण:
- इस योजना के तहत MSME बेसिक, इंटरमीडिएट और एडवांस जैसे लीन स्तरों को प्राप्त करने के लिये प्रशिक्षित एवं सक्षम लीन सलाहकारों के कुशल मार्गदर्शन में 5एस, काइज़न, कानबन, दृश्य कार्यस्थल, पोका योका आदि जैसे लीन मैन्युफैक्चरिंग उपकरणों को लागू करेंगे।
- शासकीय सहायता:
- कार्यान्वयन सहायता और परामर्श व्यय की लागत का 90% सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
- पूर्वोत्तर में जो क्षेत्र महिलाओं, SC (अनुसूचित जाति) या ST (अनुसूचित जनजाति) के स्वामित्त्व में हैं और जो स्फूर्ति क्लस्टर के सदस्य हैं, उन्हें MSMEs की ओर से 5% का अतिरिक्त योगदान मिलेगा।
- सभी स्तरों को पूरा करने के बाद उद्योग संघों/समग्र उपकरण निर्माण (OEM) संगठनों के माध्यम से पंजीकरण कराने वाले MSME को 5% का अतिरिक्त योगदान प्राप्त होगा।
- इस विशेष सुविधा का उद्देश्य OEM और उद्योग संघों से आग्रह करना है कि वे अपने आपूर्ति शृंखला विक्रेताओं को कार्यक्रम में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करें।
MSME से संबंधित हालिया सरकारी पहल:
- एमएसएमई के प्रदर्शन को बेहतर और तेज़ करने यानी RAMP (Rising and Accelerating MSME Performance) योजना
- सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिये क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड (CGTMSE)
- ब्याज सब्सिडी पात्रता प्रमाण पत्र (ISEC)
- नवाचार, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु योजना (ASPIRE)
- प्रौद्योगिकी उन्नयन हेतु क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी (CLCSS)
- ज़ीरो डिफेक्ट, ज़ीरो इफेक्ट (ZED)
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न.1 विनिर्माण क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहित करने के लिये भारत सरकार ने कौन-सी नई नीतिगत पहल की है/हैं? (2012)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d) प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन सरकार के समावेशी विकास के उद्देश्य को आगे बढ़ाने में सहायता कर सकता है? (2011)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d) प्रश्न. श्रम-प्रधान निर्यातों के लक्ष्य को प्राप्त करने में विनिर्माण क्षेत्र की विफलता के कारण बताइये। पूंजी-प्रधान निर्यात की अपेक्षा अधिक श्रम-प्रधान निर्यात के लिये उपायों को सुझाइये। (मुख्य परीक्षा, 2017) |