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शासन व्यवस्था

मिशन शक्ति

  • 15 Jul 2022
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

महिला सशक्तीकरण और सुरक्षा के लिये महत्त्वपूर्ण योजनाएँं

मेन्स के लिये:

मिशन शक्ति की अम्ब्रेला योजना, समाज पर सरकारी हस्तक्षेप का प्रभाव, समाज में महिलाओं का महत्त्व, संबंधित सरकारी योजनाएँं

चर्चा में क्यों?

हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 'मिशन शक्ति' योजना हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

  • 'मिशन शक्ति' के मानदंड 1 अप्रैल, 2022 से लागू होंगे

मिशन शक्ति:

  • परिचय:
  • घटक:
    • संबल:
      • यह महिलाओं की सुरक्षा के लिये है।
      • संबल' उप-योजना के घटकों में नारी अदालतों के एक नए घटक के साथ वन स्टॉप सेंटर (OSC), महिला हेल्पलाइन (WHL), बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) की पूर्ववर्ती योजनाएँ शामिल हैं, इसके अलावा यह योजना समाज और परिवार के भीतर वैकल्पिक विवाद के समाधान एवं लैंगिक न्याय को बढ़ावा देने का काम करेगी।
    • सामर्थ्य(Samarthya):

सेवाएँ और गतिविधियाँ:

  • आपातकालीन/तत्काल सेवाएँ और अल्पकालिक देखभाल:
    • राष्ट्रीय टोल-फ्री नंबर और एकीकृत सेवाएँ जैसे- अस्थायी आश्रय, कानूनी सहायता, मनो-सामाजिक परामर्श, चिकित्सा सहायता, पुलिस सुविधा और उन्हें वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से मौज़ूदा सेवाओं से जोड़ना।
  • दीर्घकालिक समर्थन के लिये संस्थागत देखभाल:
    • इसमें गर्भाधान के चरण से लेकर उस समय तक महिलाओं की ज़रूरतों का ख्याल रखा जाता हैं जब तक उन्हें इस तरह की देखभाल और समर्थन की आवश्यकता नहीं होती।
    • सखी निवास या वर्किंग वुमन हॉस्टल, कामकाजी महिलाओं के लिये एक सुरक्षित स्थान प्रदान करेगा।
  • महिलाओं के खिलाफ अपराध और हिंसा की रोकथाम के लिये संचार:
    • इसमें बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम और लैंगिक संवेदनशीलता के लिये सामुदायिक जुड़ाव शामिल होगा।
    • इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ हिंसा और लैंगिक रूढ़ियों का मुकाबला करने के लिये पुरुषों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

मिशन शक्ति का उद्देश्य:

  • हिंसा से प्रभावित महिलाओं एवं संकटग्रस्त महिलाओं को तत्काल और व्यापक निरंतर देखभाल, समर्थन और सहायता प्रदान करना।
  • सहायतकी आवश्यकता वाली महिलाओं और अपराध तथा हिंसा पीड़ितों के बचाव, संरक्षण और पुनर्वास के लिये गुणवत्ता तंत्र स्थापित करना।
  • विभिन्न स्तरों पर महिलाओं के लिये उपलब्ध विभिन्न सरकारी सेवाओं तक पहुंँच में सुधार करना।
  • दहेज, घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने और लैंगिक समानता आदि को बढ़ावा देने के लिये सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के साथ-साथ कानूनी प्रावधानों के बारे में लोगों को जागरूक करना।
  • नीतियों, कार्यक्रमों/योजनाओं के अभिसरण के लिये सहयोगी मंत्रालयों/विभागों/राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ सहयोग और सभी क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तीकरण हेतु सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिये सक्षम वातावरण बनाना।
  • लिंग आधारित लिंग चयन उन्मूलन के लिये बालिकाओं के अस्तित्व, संरक्षण, शिक्षा और विकास को सुनिश्चित करना।
  • यह महिलाओं पर देखभाल के बोझ को कम करने और कौशल विकास, क्षमता निर्माण, वित्तीय साक्षरता, माइक्रोक्रेडिट तक पहुंँच आदि को बढ़ावा देकर महिला श्रम बल की भागीदारी को बढ़ाने का भी प्रयास करता है।

स्रोत : पी.आई.बी.

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