मेटावर्स स्टैंडर्ड्स फोरम | 09 Jul 2022

प्रिलिम्स के लिये:

मेटावर्स, ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी।

मेन्स के लिये:

मेटावर्स स्टैंडर्ड्स फोरम, मेटावर्स में अंतरसंचालनीयता की आवश्यकता।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मेटावर्स स्टैंडर्ड्स फोरम की स्थापना के लिये कई बड़ी कंपनियाँ एक साथ आईं, जो मेटावर्स के विकास को गति प्रदान करने के लिये अंतरसंचालनीयता मानकों के विकास का नेतृत्व कर रही हैं।

मेटावर्स:

  • मेटावर्स कोई नया विचार नहीं है;साइंस फिक्शनलेखक नील स्टीफेंसन ने वर्ष 1992 में इस शब्द को गढ़ा था और यह अवधारणा वीडियो गेम कंपनियों के बीच आम है।
  • मेटावर्स सामाजिक संपर्क पर केंद्रित इंटरनेट का अगला संस्करण है।
    • इसे एक ‘सिम्युलेटेड’ डिजिटल वातावरण (Simulated Digital Environment) के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो वास्तविक दुनिया की नकल करते हुए समृद्ध उपयोगकर्त्ता संपर्क वाले स्थान के सृजन के लिये सोशल मीडिया से प्राप्त सूचनाओंं के साथ-साथ संवर्द्धित वास्तविकता (AR), आभासी वास्तविकता (VR) और ब्लॉकचेन तकनीकी का उपयोग करता है।
  • इसे लगातार विकसित होते पहलुओं वाली एक 3D आभासी दुनिया के रूप में समझा जा सकता है, जिसे इसके निवासियों द्वारा सामूहिक रूप से साझा किया जाता है; यह रियल-टाइम घटनाओं और ऑनलाइन अवसंरचना से युक्त एक आभासी दुनिया है।
  • सिद्धांतः यह वास्तविक दुनिया में होने वाली हर घटना को समाहित करता है और वास्तविक समय की घटनाओं और अद्यतित जानकारी को आगे ले जाता है। मेटावर्स में उपयोगकर्त्ता एक सीमा रहित आभासी दुनिया में मौजूद रहता है। 

मेटावर्स स्टैंडर्ड्स फोरम:

  • परिचय:
    • मेटावर्स की अवधारणा अभी पूरी तरह से स्थापित नहीं हुई है लेकिन आभासी और संवर्द्धित वास्तविकताओं में रुचि विभिन्न मेटावर्स परियोजनाओं के विकास को तेज़ी से ट्रैक करती है।
    • मेटावर्स के क्षेत्र में बढ़ती संभावना के आलोक में मेटावर्स स्टैंडर्ड्स फोरम की स्थापना "मेटावर्स हेतु खुले मानकों के विकास को बढ़ावा देने के लिये" की गई थी।
      • "खुले मानक" आम जनता के लिये उपलब्ध कराए गए मानक हैं तथा इन्हें सहयोगी और सर्वसम्मति संचालित प्रक्रिया के माध्यम से विकसित (या अनुमोदित) और बनाए रखा जाता है। "खुले मानक" विभिन्न उत्पादों या सेवाओं के बीच अंतरसंचालनीयता एवं डेटा विनिमय की सुविधा प्रदान करते हैं तथा व्यापक रूप से अपनाने हेतु उपलब्ध हैं।
    • जैसे HTML के द्वारा इंटरनेट अंतरसंचालनीय है, मेटावर्स को भी आभासी दुनिया के बीच स्वतंत्र रूप से नेविगेट करने हेतु उपयोगकर्त्ताओं के लिये एक समान इंटरफेस की आवश्यकता होती है।
  • उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य मेटावर्स के संचालन के लिये आवश्यक अंतःक्रियाशीलता का विश्लेषण करना है।
      • पारस्परिकता, ओपन मेटावर्स के विकास और उसे पनाने के लिये प्रेरक शक्ति है।
    • यह मेटावर्स मानकों के परीक्षण तथा अपनाने में तेज़ी लाने के लिये व्यावहारिक, क्रिया-आधारित परियोजनाओं जैसे- कार्यान्वयन प्रोटोटाइप, हैकथॉन, प्लगफेस्ट और ओपन-सोर्स टूलिंग पर ध्यान केंद्रित करेगा।
    • यह ऑनलाइन युनिवर्स का विस्तार करने के लिये सुसंगत भाषा और परिनियोजन दिशा-निर्देश भी विकसित करेगा।

मेटावर्स की अंतर-संचालनीयता की आवश्यकता

  • अंतरसंचालनीयता परियोजनाओं में विभिन्न विशेषताओं और गतिविधियों के लिये मेटावर्स को समर्थन प्रदान करती है।
  • खुले अंतरसंचालनीयता मानकों और दिशा-निर्देशों का पालन करने के साथ कंपनियाँं पूरी तरह से अंतरसंचालनीयता योजना लॉन्च कर सकती हैं, जिससे उन्हें अन्य परियोजनाओं के साथ अपने प्रोग्रामिंग इंटरफेस को एकीकृत करने की इजाज़त मिलती है।
  • मेटावर्स के क्षेत्र में काम करने के लिये आमतौर पर सहमत प्रोटोकॉल का एक सेट होना चाहिये, ठीक उसी तरह जैसे ट्रांसफर कंट्रोल प्रोटोकॉल/इंटरनेट प्रोटोकॉल (TCP/IP) ने इंटरनेट को चार दशक पहले लाइव होने में सक्षम बनाया था।
    • इस तरह के प्रोटोकॉल हमारे उपकरणों को बदले बिना घर और कार्यालय से वाईफाई नेटवर्क से जुड़ने में हमारी मदद करते हैं।
  • वे खुले मानकों के परिणाम हैं। मेटावर्स की क्षमता का सबसे अच्छा परिणाम तभी प्राप्त होगा जब इसे खुले मानकों पर बनाया गया हो।
  • मेटावर्स के समर्थक इसे इंटरनेट का भविष्य कहते हैं जिसके मूल में 3D है और डिजिटल दुनिया को पूरी तरह से इसका अनुकरण करने के लिये 3D अंतरसंचालनीयता को पूरा करना होगा।

मेटावर्स के निर्माण में भारत की भूमिका

  • भारत मेटावर्स हेतु तैयार:
    • वर्ष 2015 के बाद से भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक में लगभग 40 स्थानों की वृद्धि कर चुका है जो अब विश्व में 46वें स्थान पर है।
    • भारत में उद्यमिता की एक समृद्ध संस्कृति है जिसने हाल ही में महत्त्वपूर्ण वृद्धि प्राप्त की है।
    • इस वातावरण को अनुकूल उपभोक्ता प्रवृत्तियों के एक समूह द्वारा बल दिया गया है, जिसमें खर्च करने योग्य आय में वृद्धि, स्मार्टफोन अपनाने में वृद्धि और किफायती मोबाइल डेटा शामिल हैं।
  • उभरता हुआ डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर:
    • पिछले दशक में इंडिया स्टैक का निर्माण हुआ है, जो राष्ट्रीय डिजिटल पहचान और भुगतान बुनियादी ढांँचे सहित प्रौद्योगिकी परियोजनाओं का एक संयोजन है, जिसने मिलकर देश में वित्तीय समावेशन के एक नए युग की शुरुआत की।
    • ई-गवर्नेंस के लिये ब्लॉकचेन एप्लीकेशन का उपयोग करने की भारत की योजना में ब्लॉकचैन-समर्थित डिजिटल रुपय का प्रस्ताव शामिल है, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा वर्ष 2022-23 तक जारी किया जाएगा।
    • सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वह 5G मोबाइल सेवाओं के रोलआउट की सुविधा के लिये स्पेक्ट्रम नीलामी आयोजित करेगी, जिससे गेमिंग और मेटावर्स सहित क्लाउड एप्लीकेशन की मांग में तेज़ी आएगी।
  • विकसित नियामक परिदृश्य:
    • मेटावर्स के लिये तकनीकी, जनसांख्यिकीय और नीतिगत नींव भारत में मौजूद प्रतीत होती है, इसके बावजूद मेटावर्स के निर्माण की परिचालन चुनौती बनी हुई है।
    • यदि भारत को अग्रणी भूमिका निभानी है तो निजी क्षेत्र में सौदे के प्रवाह में तेज़ी लाने की आवश्यकता होगी।
    • नवीनतम केंद्रीय बजट वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30% कर लगाता है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी और संभावित रूप से नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) शामिल हो सकते हैं।
      • जबककर क्रिप्टो को संपत्ति के रूप में मान्यता देगा जिसे विनियमित किया जा सकता है, यह क्रिप्टो स्वामित्व को वैध नहीं बनाता है, जबकि उचित कानून के माध्यम से किया जा सकता है।
    • क्रिप्टो से परे मेटावर्स नीतिगत प्रश्न भी उठाता है कि गोपनीयता और सुरक्षा को कैसे संबोधित किया जाना चाहिये।
      • मेटावर्स में ऑनलाइन जोखिम बढ़ सकते हैं, जहांँ अवांछित संपर्क की व्यापक स्तर पर अधिक घुसपैठ हो सकती है।
    • आभासी दुनिया के लिये शासन तंत्र को डिजिटल साक्षरता, सुरक्षा और भलाई को बढ़ावा देने के प्रयासों को मज़बूत करने और बढ़ाने के लिये समर्थन की आवश्यकता होगी ताकि प्रतिभागी सचेत होकर हानिकारक सामग्री और व्यवहारों को नेविगेट करते हुए ऑनलाइन समुदायों में सार्थक रूप से संलग्न हो सकें।

स्रोत: हिंदू