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शासन व्यवस्था

डिजिटल इंडिया सप्ताह 2022

  • 05 Jul 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

डिजिटल इंडिया भाषिनी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस।

मेन्स के लिये:

भारत का डिजिटल इंडिया विज़न, प्रौद्योगिकी मिशन, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल गवर्नमेंट।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत डिजिटल इंडिया सप्ताह 2022 का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य व्यापार करने में सुगमता को बढ़ावा देना और जीवन को आसान बनाना है।

  • विषय: 'नव भारत प्रौद्योगिकी प्रेरणा '
    • देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलना।
  • कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी तक पहुँच बढ़ाने, जीवन को आसान बनाने के लिये सेवा वितरण को सुव्यवस्थित करने और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई डिजिटल पहलों की शुरुआत की।

डिजिटल पहल:

  • डिजिटल इंडिया भाषिनी:
  • डिजिटल इंडिया जेनेसिस (GENESIS):
    • डिजिटल इंडिया जेनेसिस '(जेन-नेक्स्ट सपोर्ट फॉर इनोवेटिव स्टार्टअप्स) भारत के टियर- II और टियर- III शहरों में सफल स्टार्टअप की खोज, समर्थन, विकास और सफल बनाने हेतु एक राष्ट्रीय गहन-तकनीकी स्टार्टअप मंच है।
  • माय स्कीम :
    • यह सरकारी योजनाओं तक पहुँच की सुविधा प्रदान करने वाला एक सर्च और डिस्कवरी मंच है।
    • इसका उद्देश्य वन-स्टॉप सर्च और डिस्कवरी पोर्टल को प्रस्तुत करना है, जहाँ उपयोगकर्त्ता उन योजनाओं को खोज सकते हैं जिनके लिये वे पात्र हैं।
  • मेरी पहचान:
    • यह एक नागरिक लॉगिन के लिये राष्ट्रीय एकल साइन ऑन (NSSO) है।
    • यह एक प्रयोक्ता प्रमाणीकरण सेवा है जिसमें क्रेडेंशियल्स का एक एकल समुच्चय एकाधिक ऑनलाइन अनुप्रयोगों या सेवाओं तक पहुंँच प्रदान करता है।
  • चिप्स स्टार्टअप (C2S) कार्यक्रम:
    • C2S कार्यक्रम का उद्देश्य बैचलर, परास्नातक और अनुसंधान स्तरों पर सेमीकंडक्टर चिप्स के डिजाइन के क्षेत्र में विशेष जनशक्ति को प्रशिक्षित करना है तथा देश में अर्द्धचालक डिज़ाइन में शामिल स्टार्टअप के विकास के लिये उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना है।
    • यह संगठनात्मक स्तर पर सलाह देने की पेशकश करता है और संस्थानों को डिज़ाइन के लिये अत्याधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराता है।
  • इंडिया स्टैक ग्लोबल:
    • यह आधार, यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस), डिजिलॉकर, काउइन वैक्सीनेशन प्लेटफॉर्म, गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस, दीक्षा प्लेटफॉर्म और आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन जैसी इंडिया स्टैक के तहत कार्यान्वित प्रमुख परियोजनाओं का वैश्विक भंडार है।
    • यह भारत को जनसंख्या स्तर पर डिजिटल परिवर्तन परियोजनाओं के निर्माण के नेता के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम:

  • परिचय:
    • इसे वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था।
    • इस कार्यक्रम को भारतनेट, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया, औद्योगिक गलियारों आदि जैसी कई महत्त्वपूर्ण सरकारी योजनाओं के लिये सक्षम किया गया है।
  • विज़न क्षेत्र:
    • प्रत्येक नागरिक हेतु डिजिटल बुनियादी ढाँचा।
    • मांग आधारित शासन और सेवाएँ।
    • नागरिकों का डिजिटल सशक्तीकरण।
  • उद्देश्य:
    • भारत के ज्ञान को भविष्य के लिये तैयार करना।
    • परिवर्तनकारी होने के लिये IT (भारतीय प्रतिभा) + आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) = आईटी (इंडिया टुमॉरो) को महसूस करना है।
    • परिवर्तन को सक्षम करने के लिये प्रौद्योगिकी को केंद्रीय बनाना।
      • कई विभागों को कवर करने वाला एक अम्ब्रेला कार्यक्रम-

Nine-Pillars

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की उपलब्धियांँ :

  • वर्ष 2014 से 23 लाख करोड़ रुपए से अधिक प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण या DBT के माध्यम से लाभार्थियों को हस्तांतरित किये गए हैं।
    • आधार, UPI, कोविन और डिजिलॉकर जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म सेवाओं ने "ईज़ज़ ऑफ लिविंग" में योगदान दिया है क्योंकि इससे नागरिकों को बिना सरकारी कार्यालयों या बिचौलियों के पास गए ऑनलाइन सेवाएँ मिलती हैं।
  • डिजिटल इंडिया ने सरकार को नागरिकों के दरवाज़ेज़े और फोन (Doorsteps and Phones) तक पहुँचा दिया है। 1.25 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) और ग्रामीण स्टोर अब ई-कॉमर्स को ग्रामीण भारत में ले जा रहे हैं।
    • इसी प्रकार ग्रामीण संपत्तियों के लिये संपत्ति के दस्तावेज़ज़ प्रौद्योगिकी के उपयोग से उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
  • वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) की मदद से 80 करोड़ से अधिक देशवासियों हेतु मुफ्त राशन सुनिश्चित किया गया।
  • Co-Win प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारत ने विश्व का सबसे बड़ा और सबसे कुशल कोविड टीकाकरण एवं कोविड राहत कार्यक्रम चलाया है।

आगे की राह

  • भारत की डिजिटल क्रांति भारत और उसकी अर्थव्यवस्था के लिये एक आदर्श बदलाव का कारण बनेगी। सार्वजनिक और निजी भागीदारी, अनुकूल सरकारी नीतियों, नवोन्मेषी सुधारों, जनसांख्यिकीय लाभ, बढ़ती आय व भारत की स्टार्टअप संस्कृति के उदय की मदद से भारत सबसे तेज़ी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था बन सकता है।
  • डिजिटल क्रांति ने बदलते समय के प्रति पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था को लचीला बनने में मदद की है। भविष्य में भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था से भारत को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलने की उम्मीद है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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