भारतीय अर्थव्यवस्था
नॉन-फंजिबल टोकन
- 22 Feb 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:नॉन-फंजिबल टोकन (NFTs), क्रिप्टोकरेंसी, ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी।. मेन्स के लिये:नॉन-फंजिबल टोकन (NFTs) का कार्य और संबंधित जोखिम, ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी (लाभ तथा चुनौतियांँ)। |
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में अपूरणीय टोकन/नॉन-फंजिबल टोकन (Non-Fungible Tokens- NFTs) की बिक्री 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ी क्योंकि क्रिप्टो संपत्ति की लोकप्रियता में काफी वृद्धि हुई। हालांँकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि एनएफटी में हुई वृद्धि क्षणिक है जिसकी विक्री में कभी भी गिरावट देखने को मिल सकती है।
प्रमुख बिंदु
नॉन-फंजिबल टोकन:
- नॉन-फंजिबल टोकन के बारे में:
- कोई भी चीज़ जिसे डिजिटल रूप में बदला जा सकता है, वह NFT हो सकती है।
- ड्रॉइंग, फोटो, वीडियो, जीआईएफ, संगीत, इन-गेम आइटम, सेल्फी और यहांँ तक कि एक ट्वीट सभी को NFT में परिवर्तित किया जा सकता है, जिसे बाद में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके ऑनलाइन कारोबार किया जा सकता है।
- NFT का कार्य: यदि कोई अपनी डिजिटल संपत्ति को NFT में परिवर्तित करता है, तो उसे ब्लॉकचेन द्वारा संचालित स्वामित्व का प्रमाण प्राप्त होगा।
- NFT की खरीद और विक्री हेतु एक क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और एक एनएफटी मार्केटप्लेस की आवश्यकता होती है।
- OpenSea.io, Rarible, Foundation कुछ एनएफटी मार्केटप्लेस हैं।
- एनएफटी अन्य डिजिटल रूपों से इस मायने में अलग हैं और वे ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा समर्थित हैं।
- NFT में एक समय में केवल एक ही मालिक हो सकता है।
- अनन्य स्वामित्व के अलावा, एनएफटी मालिक अपनी कलाकृति पर डिजिटल हस्ताक्षर भी कर सकते हैं और अपने एनएफटी मेटाडेटा में विशिष्ट जानकारी संग्रहीत कर सकते हैं।
- इसे केवल वह व्यक्ति देख सकेगा जिसने NFT खरीदी है।
- NFT की खरीद और विक्री हेतु एक क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और एक एनएफटी मार्केटप्लेस की आवश्यकता होती है।
- एनएफटी (NFT) का इतिहास: टेरा न्यूलियस एथेरियम ब्लॉकचेन पर आधारित पहला NFT (2015 में शुरू) था, हालाँकि इस परियोजना का एकमात्र विचार एक छोटे संदेश को अनुकूलित करने की अनुमति देना था जिसे बाद में ब्लॉकचेन पर रिकॉर्ड किया गया था।
- फिर 2017 में क्यूरियो कार्ड्स ( Curio Cards), क्रिप्टोपंक्स (CryptoPunks) और क्रिप्टो कैट्स (CryptoCats) का प्रयोग किया गया, इससे पहले NFTS धीरे-धीरे जन जागरूकता के साथ उपयोग में आने लगे, फिर वर्ष 2021 की शुरुआत में मुख्यधारा को अपनाने हेतु इसका विस्तार किया गया।
NFT तथा क्रिप्टोकरेंसी:
- ब्लॉकचेन पर आधारित NFTs और क्रिप्टोकरेंसी दोनों एक दूसरे से अलग हैं।
- क्रिप्टोकरेंसी एक परिवर्तनीय मुद्रा है, जिसका अर्थ है कि यह विनिमय करने योग्य है।
- उदाहरण के लिये यदि आप एक क्रिप्टो टोकन रखते हैं, तो उसे एक एथेरियम कहेंगे, आपके द्वारा धारित अगला एथेरियम भी उसी मूल्य का होगा।
- हालाँकि NFTs अपूरणीय हैं जिसका अर्थ है कि एक NFTs का मूल्य दूसरे के बराबर नहीं होता है।
- अपूरणीय का अर्थ है कि NFTs परस्पर विनिमेय नहीं हैं।
- हर कला दूसरों से अलग होती है, जो इसे अपूरणीय और अद्वितीय बनाती है।
NFTs की खरीद से जुड़े ज़ोखिम:
- धोखाधड़ी का जोखिम: हाल के दिनों में NFT घोटालों की कई घटनाएँ सामने आई हैं जिनमें नकली बाज़ारों का उदय, असत्यापित विक्रेता अक्सर वास्तविक कलाकारों का प्रतिरूपण करते हैं और उनकी कलाकृतियों की प्रतियाँ आधी कीमत पर बेचते हैं।
- पर्यावरणीय जोखिम: लेन-देन को मान्यता प्रदान करने हेतु क्रिप्टो माइनिंग किया जाता है, जिसके लिये उच्च क्षमता वाले कंप्यूटर की आवश्यकता होती है जो अति उच्च क्षमता पर चलते हैं और अंततः पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी क्या है?
- ब्लॉकचेन एक प्रकार का साझा डेटाबेस है जो एक सामान्य डेटाबेस से भिन्न होता है, एक सामान्य डेटाबेस डेटा को प्रत्यक्ष तौर पर संग्रहीत करता है; जबकि ब्लॉकचेन के तहत डेटा को ब्लॉक में संगृहीत किया जाता है, जो क्रिप्टोग्राफी के माध्यम से एक साथ जुड़े होते हैं।
- जैसे ही नया डेटा आता है, इसे एक नए ब्लॉक में दर्ज कर लिया जाता है। एक बार जब ब्लॉक डेटा से भर जाता है, तो इसे पिछले ब्लॉक से संलग्न कर दिया जाता है, जो डेटा का कालानुक्रमिक क्रम में एक साथ लिंक बना देता है।
- ब्लॉकचेन पर विभिन्न प्रकार की सूचनाओं को एक साथ संग्रहीत किया जा सकता है, लेकिन प्रायः इसका उपयोग लेनदेन को रिकॉर्ड करने हेतु एक ‘खाता बही’ के रूप में किया गया है।
- बिटकॉइन के मामले में ब्लॉकचेन का उपयोग विकेंद्रीकृत तरीके से किया जाता है ताकि इस पर किसी एक व्यक्ति या समूह का नियंत्रण न हो, बल्कि सभी उपयोगकर्त्ताओं को सामूहिक रूप से नियंत्रण प्राप्त हो।
- विकेंद्रीकृत ब्लॉकचेन अपरिवर्तनीय हैं, जिसका अर्थ है कि दर्ज किये गए डेटा को बदला नहीं जा सकता है। बिटकॉइन के लिहाज़ से इसका अर्थ है कि लेन-देन स्थायी रूप से रिकॉर्ड किये जाते हैं और इन्हें बाद में बदला नहीं जा सकता है।