‘मेरा राशन मोबाइल’ एप्लीकेशन | 15 Mar 2021
चर्चा में क्यों?
देश में 'वन नेशन वन राशन कार्ड' (One Nation One Ration Card) प्रणाली को सुविधाजनक बनाने हेतु उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय (Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution) द्वारा 'मेरा राशन' (Mera Ration) नामक मोबाइल एप लॉन्च किया गया है यह लाभार्थी को किसी भी उचित मूल्य की दुकान (Fair Price Shop- FPS) तक आसान पहुंँच प्रदान करेगा।
- इस एप का लाभ विशेष रूप से उन राशन कार्ड धारकों को मिलेगा जिन्हें आजीविका हेतु अन्य स्थानों पर जाना पड़ता है।
प्रमख बिंदु:
- एप के बारे में: इस एप्लीकेशन को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Center-NIC) द्वारा विकसित किया गया है।
- भाषा: फिलहाल इस एप में अंग्रेज़ी एवं हिंदी भाषा का विकल्प उपलब्ध है।
- यद्यपि इसे 14 भाषाओं में प्रस्तुत किये जाने की योजना है, जिन्हें उन स्थानों के आधार पर पहचाना जाएगा जहांँ से अधिकांश प्रवासी लोग आते हैं।
- लाभार्थियों को सुविधाएंँ:
- इसके द्वारा लाभार्थी आसानी से निकटतम उचित मूल्य की दुकान तक पहुँच सकते हैं।
- इस एप के माध्यम से लाभार्थी इस बात का पता लगा सकते हैं कि पूर्व में खाद्यान्न का कुल कितना हस्तांतरण किया गया है तथा कितना खाद्यान्न उसके द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा उसके आधार सीडिंग (Aadhaar Seeding) की स्थति (आधार कार्ड को बैंक खाता से जोड़ना) के बारे में जाना जा सकता है।
- इसकी सहायता से लाभार्थी के प्रवास का विवरण दर्ज किया जा सकता है।
- यह सुझाव/प्रतिक्रिया दर्ज करने का विकल्प प्रस्तुत करता है।
- भाषा: फिलहाल इस एप में अंग्रेज़ी एवं हिंदी भाषा का विकल्प उपलब्ध है।
वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC)
- कार्यान्वयन:
- ONORC योजना को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act- NFSA), 2013 के तहत राशन कार्डों की देशव्यापी पोर्टेबिलिटी प्रदान करने के उद्देश्य से खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- यह अधिनियम लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Targeted Public Distribution System) के तहत कानूनी तौर पर 75% ग्रामीण आबादी और 50% शहरी आबादी को सब्सिडी युक्त अनाज प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है।
- ONORC योजना को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act- NFSA), 2013 के तहत राशन कार्डों की देशव्यापी पोर्टेबिलिटी प्रदान करने के उद्देश्य से खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- महत्त्व:
- यह प्रणाली सभी NFSA लाभार्थियों, विशेष रूप से प्रवासी लाभार्थियों को देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (FPS) से बायोमेट्रिक/आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से सरल तरीके से मौजूदा राशन कार्ड द्वारा पूर्ण या आंशिक खाद्यान्न प्राप्त करने हेतु अनुमति देती है।
- किसी भी उचित मूल्य की दुकान को चुनने की स्वतंत्रता पहले उपलब्ध नहीं थी।
- ऐसे राज्य जो वन नेशन वन राशन कार्ड प्रणाली में सुधार करने में सक्षम रहे हैं वे सकल राज्य घरेलू उत्पाद (Gross State Domestic Product- GSDP) का 0.25% अतिरिक्त उधार लेने के पात्र थे।
- उत्तराखंड सहित सत्रह राज्यों में 'वन नेशन वन राशन कार्ड' प्रणाली संचालित है।
- यह प्रणाली सभी NFSA लाभार्थियों, विशेष रूप से प्रवासी लाभार्थियों को देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (FPS) से बायोमेट्रिक/आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से सरल तरीके से मौजूदा राशन कार्ड द्वारा पूर्ण या आंशिक खाद्यान्न प्राप्त करने हेतु अनुमति देती है।
- कवरेज:
- वर्ष 2019 में ONORC को 4 राज्यों में शुरू किया गया था तथा वर्ष 2020 तक यह 32 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में लागू किया जा चुका है।
- शेष 4 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों (असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पश्चिम बंगाल) में इस योजना के आने वाले कुछ महीनों में समन्वित होने की उम्मीद है।
- यह देश में लगभग 69 करोड़ NFSA लाभार्थियों (लगभग 86% NFSA जनसंख्या) को कवर करता है। ONORC के तहत लगभग 1.5 ~ 1.6 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेन-देन का मासिक औसत दर्ज किया जा रहा है।
- वर्ष 2019 में ONORC को 4 राज्यों में शुरू किया गया था तथा वर्ष 2020 तक यह 32 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में लागू किया जा चुका है।
- सभी के लिये ONORC की उपलब्धता:
- सरकार द्वारा 5.4 लाख राशन की दुकानों के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति को प्रति माह 5 किलो सब्सिडी युक्त खाद्यान्न की आपूर्ति की जा रही है।
- ONROC प्रणाली के साथ प्रवासी पोर्टल (Migrants’ Portal) का एकीकरण श्रम और रोज़गार मंत्रालय के सहयोग से किया जाता है।
- ONORC शहरी विकास मंत्रालय (Ministry of Housing & Urban Affairs) द्वारा संचालित प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (PM SANNidhi Program) का हिस्सा है।
- लोगों तक ONORC के बारे में जानकारियों का प्रचार, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, प्रेस सूचना ब्यूरो, MyGov, आउटरीच और संचार ब्यूरो की मदद से किया गया है।