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जैव विविधता और पर्यावरण

समुद्री संरक्षित क्षेत्र

  • 29 Mar 2023
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

समुद्री संरक्षित क्षेत्र, अंटार्कटिक, जलवायु परिवर्तन, क्रिल, समुद्री संसाधन, मत्स्यपालन।

मेन्स के लिये:

समुद्री संरक्षित क्षेत्र।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार ने घोषणा की है कि भारत समुद्री जीवन और इसकी पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं की रक्षा के लिये अंटार्कटिक में दो समुद्री संरक्षित क्षेत्रों (Marine Protected Areas- MPA) की स्थापना का समर्थन करेगा।

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समुद्री संरक्षित क्षेत्र:

  • परिचय:
    • MPA समुद्री संसाधनों, पारिस्थितिक तंत्र सेवाओं अथवा सांस्कृतिक विरासत के दीर्घकालिक संरक्षण के लिये प्रबंधित एक विशिष्ट क्षेत्र है।
    • विशिष्ट संरक्षण, आवास संरक्षण, पारिस्थितिक तंत्र निगरानी अथवा मत्स्य प्रबंधन उद्देश्यों को पूरा करने के लिये इस क्षेत्र के भीतर कुछ गतिविधियाँ सीमित या फिर पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं।
    • MPA में मत्स्यपालन, अनुसंधान और अन्य मानवीय गतिविधियाँ निश्चित तौर पर प्रतिबंधित नहीं है; वास्तव में कई MPAs अनेक उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं।
  • अंटार्कटिक में MPAs स्थापित करने की आवश्यकता:
    • अंटार्कटिक, जो कि विश्व के महासागरों का 10% है, यहाँ लगभग 10,000 विशिष्ट ध्रुवीय प्रजातियाँ पाई जाती हैं और यह दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है।
    • जलवायु परिवर्तन समुद्री बर्फ और हिम स्तर के नीचे समुद्री तल जैसे पर्यावासों को बदल रहा है जो विभिन्न प्रजातियों के आवास हैं।
    • व्यावसायिक मत्स्यपालन में क्रिल का उपयोग मछलियों की खुराक और लोगों को पोषक तत्त्व प्रदान करने हेतु किया जाता है।
    • क्रिल के बढ़ते मत्स्यन से उन जानवरों को खतरा है जो उन्हें खाते हैं। इनमें मछली, व्हेल, सील, पेंगुइन और अन्य समुद्री पक्षी शामिल हैं।
      • वर्ष 2022 के एक अध्ययन में क्रिल मत्स्य डेटा के चालीस से अधिक वर्षों का विश्लेषण किया गया, जिसमें पाया गया कि पश्चिमी अंटार्कटिक प्रायद्वीप के आसपास के क्षेत्रों और दक्षिण ऑर्कनी द्वीपों के पास क्रिल मछली पकड़ने की घटनाएँ सबसे अधिक हुई थीं।
    • क्षेत्र के जलवायु परिवर्तन और वाणिज्यिक मत्स्यन को कम करने की आवश्यकता है तथा इसके लिये MPA आवश्यक है।

अंटार्कटिक में MPAs की स्थिति:

  • दक्षिणी महासागर में दो MPAs हैं, एक दक्षिण ऑर्कनी द्वीप समूह के दक्षिणी शेल्फ में और दूसरा रॉस सागर में। ये पूरी तरह से समुद्र के केवल 5% की रक्षा करते हैं।
  • दक्षिण ऑर्कनी द्वीप MPA के दक्षिणी शेल्फ के भीतर वैज्ञानिक अनुसंधान के अतिरिक्त सभी प्रकार की मछली पकड़ने पर प्रतिबंध है। मछली पकड़ने के जहाज़ों से निर्वहन और डंपिंग की भी अनुमति नहीं है।
  • रॉस MPA में 72% जल क्षेत्र वाणिज्यिक मछली पकड़ने हेतु प्रतिबंधित है।
  • वर्ष 2012 से यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया ने पूर्वी अंटार्कटिक में एक MPA प्रस्तावित किया है। यूरोपीय संघ और नॉर्वे द्वारा वेडेल सागर में तथा चिली एवं अर्जेंटीना द्वारा अंटार्कटिक प्रायद्वीप के आसपास के जल क्षेत्र में एक MPA प्रस्तावित किया गया था।
  • वर्ष 2021 में भारत ने पूर्वी अंटार्कटिका और वेडेल सागर को MPA के रूप में नामित करने के लिये अपना समर्थन दिया।

क्रिल:

  • क्रिल छोटे, झींगे जैसे क्रस्टेशियन हैं जो विश्व के सभी महासागरों में पाए जाते हैं। वे समुद्री खाद्य शृंखला का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो मछलियों, पक्षियों एवं व्हेल की कई प्रजातियों हेतु प्राथमिक खाद्य स्रोत की भूमिका निभाते हैं।
  • क्रिल की लंबाई सामान्यतः 1 से 6 सेंटीमीटर तक होती है और ये अपनी विशिष्ट पहचान हेतु जाने जाते हैं, जिसमें बड़ी आँखें, पारदर्शी शरीर के साथ ही लंबे पंख जैसे एंटीना शामिल हैं।
  • क्रिल वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर एवं इसे गहरे समुद्र में जमा करके पृथ्वी की जलवायु को विनियमित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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स्रोत: डाउन टू अर्थ

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