जैव विविधता और पर्यावरण
काज़ा शिखर सम्मेलन 2024 और वन्यजीव उत्पाद व्यापार
- 04 Jun 2024
- 16 min read
प्रिलिम्स के लिये:कावांगो-ज़ाम्बेजी ट्रांस-फ्रंटियर संरक्षण क्षेत्र (KAZA-TFCA), वन्यजीव और वनस्पति की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora- CITES), हाथी व्यापार सूचना प्रणाली ( Elephant Trade Information System- ETIS), वन्यजीव अपराध के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय सहायक संघ (International Consortium on Combating Wildlife Crime- ICCWC), ट्रैफिक (वन्यजीव व्यापार निगरानी नेटवर्क)। मेन्स के लिये:हाथीदाँत व्यापार और समाधान, वन्यजीव संरक्षण, मानव-वन्यजीव संघर्ष, सतत् संरक्षण, वन्यजीव प्रबंधन, अंतर्राष्ट्रीय समझौते। |
स्रोत: डाउन टू अर्थ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में कावांगो-ज़ाम्बेजी ट्रांस-फ्रंटियर संरक्षण क्षेत्र (KAZA-TFCA) के लिये वर्ष 2024 का राष्ट्राध्यक्ष शिखर सम्मेलन, लिविंगस्टोन, ज़ाम्बिया में हुआ, जहाँ सदस्य राज्यों ने वन्यजीव और वनस्पति की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora- CITES) से बाहर होने के अपने आह्वान को दोहराया।
- यह आह्वान उनके प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हाथीदाँत और अन्य वन्यजीव उत्पादों को बेचने की अनुमति न दिये जाने की पृष्ठभूमि में किया गया है।
वर्ष 2024 के शिखर सम्मेलन में किन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई?
- KAZA-TFCA पहल:
- KAZA-TFCA पाँच दक्षिणी अफ्रीकी देशों अर्थात् अंगोला, बोत्सवाना, नामीबिया, ज़ाम्बिया और ज़िम्बाब्वे के ओकावांगो और ज़ाम्बेज़ी नदी घाटियों तक फैला हुआ है।
- काज़ा (KAZA) की लगभग 70% भूमि संरक्षण के अधीन है, जिसमें 103 वन्यजीव प्रबंधन क्षेत्र और 85 वन आरक्षित क्षेत्र शामिल हैं।
- इस क्षेत्र में अफ्रीका की दो-तिहाई से अधिक हाथी आबादी (लगभग 450,000) पाई जाती है, जबकि बोत्सवाना (132,000) और ज़िम्बाब्वे (100,000) में अकेले इस आबादी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा मौजूद है।
- KAZA-TFCA पाँच दक्षिणी अफ्रीकी देशों अर्थात् अंगोला, बोत्सवाना, नामीबिया, ज़ाम्बिया और ज़िम्बाब्वे के ओकावांगो और ज़ाम्बेज़ी नदी घाटियों तक फैला हुआ है।
- CITES को लेकर ऐतिहासिक विवाद:
- इस शिखर सम्मेलन की तरह पनामा में वर्ष 2022 में होने वाले पार्टियों के सम्मेलन में दक्षिणी अफ्रीकी देशों ने संरक्षण के लिये धन जुटाने और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिये हाथीदाँत व्यापार को वैध बनाने की वकालत की।
- हाथियों की बड़ी आबादी और उससे संबंधित चुनौतियों के बावजूद उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया, क्योंकि इन देशों ने उस पर वैज्ञानिक संरक्षण विधियों की तुलना में व्यापार-विरोधी विचारधाराओं को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया।
- 2024 के शिखर सम्मेलन के प्रमुख मुद्दे:
- लिविंगस्टोन शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधियों ने मौजूदा CITES प्रतिबंधों के आर्थिक नुकसान पर ध्यान केंद्रित किया, वन्यजीव उत्पाद बिक्री अधिकारों की वकालत की, जबकि हाथियों की मृत्यु दर और हाथीदाँत के भंडार से होने वाली आर्थिक क्षमता के नुकसान पर प्रकाश डाला गया।
- हाथीदाँत और वन्यजीव उत्पाद व्यापार को लेकर प्रतिबंध से संरक्षण निधि पर प्रभाव पड़ता है, क्योंकि बिक्री से प्राप्त राजस्व से वन्यजीव प्रबंधन में सहायता मिल सकती है।
- प्रतिनिधियों ने तर्क दिया कि निर्णय वैज्ञानिक साक्ष्य पर आधारित नहीं हैं, बल्कि लोकलुभावनवाद और राजनीतिक एजेंडे पर आधारित हैं, जो सतत् संरक्षण को बढ़ावा देने में CITES की प्रभावशीलता को कमज़ोर कर रहे हैं।
- शिखर सम्मेलन में CITES से बाहर निकलने के लिये नए सिरे से अपील की गई तथा समर्थकों ने सुझाव दिया कि इससे CITES को पुनर्विचार करने या काज़ा राज्यों को अपने वन्यजीव संसाधनों को स्वायत्त रूप से संभालने के लिये सशक्त बनाने हेतु प्रेरित किया जा सकता है।
- पश्चिमी देशों द्वारा ट्रॉफी हंटिंग (Trophy Hunting) के आयात पर बढ़ते प्रतिबंधों के जवाब में ज़िम्बाब्वे और अन्य काज़ा राज्य विशेष रूप से पूर्व में वैकल्पिक बाज़ारों की खोज कर रहे हैं।
- ट्रॉफी हंटिंग में जंगली जानवरों, अक्सर बड़े स्तनधारियों का चुनिंदा शिकार किया जाता है, ताकि उनके सींग या सींग जैसे शरीर के अंग प्राप्त किये जा सकें, जो उपलब्धि के प्रतीक के रूप में या प्रदर्शन के लिये उपयोग किये जाते हैं।
हाथीदाँत क्या है?
- हाथीदाँत, वास्तव में विशाल दाँत होते हैं जो हाथियों के मुँह से काफी आगे तक फैले होते हैं। इन दाँतों का अधिकांश भाग डेंटाइन (एक कठोर, घना, हड्डीदार ऊतक) से बना होता है।
- ये दाँत नर और मादा अफ्रीकी हाथियों दोनों में पाए जाते हैं, लेकिन कुछ नर एशियाई हाथियों में भी पाए जाते हैं।
- विश्व वन्यजीव कोष (World Wildlife Fund- WWF) ने हाथीदाँत के अवैध शिकार के मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि "हाथीदाँत" में मैस्टोडॉन (Mastodons), मैमथ (Mammoths), दरियाई घोड़े (Hippos), नरव्हेल (Narwhals) और वालरस (Walruses) जैसी विभिन्न प्रजातियों की सामग्रियाँ शामिल हैं, जो अमेरिकी द्वारा हाथीदाँत पर प्रतिबंध में शामिल नहीं हैं, लेकिन CITES जैसे अन्य कानूनों द्वारा विनियमित हो सकती हैं।
- हाथीदाँत से बनी हर वस्तु, दाँत से लेकर गहने तक, शिकारियों द्वारा मारे गए हाथी के दाँतों से बनती हैं। हाथीदाँत की मुख्य रूप से एशियाई मांग को पूर्ण करने हेतु प्रतिवर्ष लगभग 20,000 हाथियों को मार दिया जाता है।
वन्यजीव उत्पादों के व्यापार के क्या कारण हैं?
- संगठित वाणिज्यिक अवैध सोर्सिंग: संगठित अपराध दूरस्थ कार्यों के रूप में संलग्न होते हैं, जिनमें हाथी और बाघ का अवैध शिकार शामिल है, जो अक्सर अन्य आपराधिक नेटवर्कों के साथ मिलकर सत्ता की गतिशीलता, अवैध हथियारों और धन शोधन जैसे मार्गों का फायदा उठाते हैं।
- काला बाज़ार नई मांग उत्पन्न करता है: जब वैध बिक्री निम्न हो जाती है, तो अवैध व्यापारी उत्पाद को बेचने के लिये नए तरीके खोज लेते हैं, जैसे दुर्लभ पशु या लुप्तप्राय प्रजातियों की ट्राफियाँ (Endangered Species Trophies), जहाँ कमी के कारण अवैध बाज़ार खरीदारों के लिये अधिक आकर्षक हो सकते हैं।
- पूरक आजीविका और अवसरवादिता: हालाँकि कुछ मानव तस्करी के पीछे बड़े आपराधिक समूह हो सकते हैं, लेकिन कई गरीब लोग केवल अपनी आजीविका चलाने का प्रयास कर रहे हैं।
- भ्रष्टाचार: यह वन्यजीव तस्करी को रोकने और बाधित करने के प्रयासों को कमज़ोर करता है, जिसमें निरीक्षण स्थलों पर रिश्वतखोरी से लेकर परमिट जारी करने और कानूनी निर्णयों पर उच्च-स्तरीय प्रभाव शामिल है।
- अवैध शिकार की सांस्कृतिक जड़ें: वन्यजीवों का अवैध शिकार केवल वित्तीय उद्देश्यों से प्रेरित नहीं होता, बल्कि सांस्कृतिक भी हो सकता है।
- उदाहरण के लिये मध्य अफ्रीकी गणराज्य के चिंको रिज़र्व में हाथी का शिकार सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है, जो साहस और पुरुषत्व का प्रतीक है।
- वन्यजीव उत्पाद हेतु कानूनी बाज़ार का अस्तित्त्व: वन्यजीव उत्पाद हेतु कानूनी बाज़ार [उदाहरण के लिये लाओ पीडीआर (Lao PDR) बियर बायल के व्यापार की अनुमति देता है] के कारण यह पहचानना कठिन हो जाता है कि उत्पाद वन द्वारा एकत्र किया गया है या अवैध शिकार से उत्पन्न हुआ है।
- जापान विश्व का सबसे महत्त्वपूर्ण कानूनी हाथीदाँत बाज़ार है।
वन्यजीव अपराध से निपटने हेतु क्या उपाय आवश्यक हैं?
- अवैध वन्यजीव उत्पादों पर प्रतिबंध लगाना: इस दृष्टिकोण का उद्देश्य अनुचित रूप से वन्यजीवों से प्राप्त वस्तुओं को रखने या उनका व्यापार करने को अवैध बनाना है।
- वन्यजीव संरक्षण हेतु प्रभावी वित्तपोषण: यह वित्तपोषण सहायता सीधे तौर पर उन एजेंसियों को प्रदान की जानी चाहिये जो वन्यजीवों का संरक्षण करती हैं, जैसे पार्क रेंज़र्स और शिकार विरोधी टीम।
- जन जागरूकता और सशक्तीकरण: लोगों को वन्यजीव तस्करी के परिणामों के बारे में शिक्षित करना और उन्हें वन्यजीवों के महत्त्व के संबंध में बताना, जो अवैध उत्पादों की मांग को कम कर सकता है।
- हाथीदाँत हेतु विशिष्ट उपाय:
- दोनों पक्ष काज़ा देशों से संभावित हाथीदाँत व्यापार की स्थिरता का आकलन करने हेतु एक स्वतंत्र वैज्ञानिक समीक्षा पर सहमत हो सकते हैं।
- CITES और काज़ा देश संरक्षण हेतु आय के वैकल्पिक स्रोतों की खोज में सहयोग कर सकते हैं, जैसे कि काज़ा क्षेत्र में इकोटूरिज़्म उपक्रमों और कार्बन ऑफसेट कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।
- सर्वश्रेष्ठ प्रणालियाँ:
- TRAFFIC की तकनीकी विशेषज्ञता ने थाईलैंड में वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (World Wide Fund for Nature- WWF) अभियान का समर्थन किया, जिससे थाई कानून में महत्त्वपूर्ण सुधार हुआ और घरेलू हाथीदाँत बाज़ार लगभग समाप्त हो गया।
- चीन में WWF के कार्यालय ने अन्य गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर घरेलू हाथीदाँत प्रतिबंध को लागू करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- गैबॉन, कांगो और संयुक्त राज्य अमेरिका ने हाल ही में ज़ब्त किये गए हाथीदाँत के भंडार को नष्ट कर दिया है, ताकि इसे काले बाज़ार में वापस जाने से रोका जा सके और हाथीदाँत के व्यापार तथा अवैध शिकार की सार्वजनिक रूप से निंदा की जा सके।
- TRAFFIC की तकनीकी विशेषज्ञता ने थाईलैंड में वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (World Wide Fund for Nature- WWF) अभियान का समर्थन किया, जिससे थाई कानून में महत्त्वपूर्ण सुधार हुआ और घरेलू हाथीदाँत बाज़ार लगभग समाप्त हो गया।
वन्यजीव संरक्षण के लिये कानूनी ढाँचा
- वैश्विक वन्यजीव संरक्षण प्रयास (भारत भी एक पक्ष है):
- वन्यजीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES)
- वन्यजीवों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर कन्वेंशन (CMS)
- जैविक विविधता अभिसमय (CBD)
- वन्यजीव व्यापार निगरानी नेटवर्क (TRAFFIC)
- वनों पर संयुक्त राष्ट्र फोरम (UNFF)
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN)
- ग्लोबल टाइगर फोरम (GTF)
- भारत में कानूनी ढाँचा:
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972
- पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986
- जैविक विविधता अधिनियम, 2002
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. वन्यजीवों के संरक्षण के साथ व्यापार विनियमन को संतुलित करने में चुनौतियों और संभावित दृष्टिकोणों का पता लगाइये? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न. प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN) तथा वन्य प्राणिजात और वनस्पतिजात की संकटापन्न स्पीशीज़ के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2015)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (b) प्रश्न. वाणिज्य में प्राणिजात और वनस्पति-जात के व्यापार-संबंधी विश्लेषण (TRAFFIC) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) |