भारतीय इतिहास
जलियाँवाला बाग हत्याकांड
- 16 Apr 2025
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प्रिलिम्स के लिये:जलियाँवाला बाग हत्याकांड, रॉलेट एक्ट 1919, प्रथम विश्व युद्ध (1914-18), असहयोग आंदोलन (1920-22), हंटर आयोग। मेन्स के लिये:असहयोग आंदोलन (1920-22), भारत के संघर्ष का इतिहास |
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
भारत के प्रधानमंत्री ने वर्ष 1919 में जलियाँवाला बाग हत्याकांड के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की और राष्ट्रवादी न्यायविद सर चेट्टूर शंकरन नायर को सम्मानित किया, जिन्होंने इस हत्याकांड के लिये ज़िम्मेदार एक ब्रिटिश अधिकारी के खिलाफ ऐतिहासिक कानूनी लड़ाई लड़ी थी।
जलियाँवाला बाग हत्याकांड क्या था?
- परिचय: जलियाँवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 को हुआ था, जब ब्रिगेडियर-जनरल REH डायर के आदेश पर ब्रिटिश भारतीय सेना के सैनिकों, जिनमें अधिकांशतः गोरखा थे, ने सैकड़ों निर्दोष भारतीयों की हत्या कर दी थी।
- लोग वर्ष 1919 के रौलट एक्ट के विरोध में शांतिपूर्वक एकत्र हुए थे।
- जलियाँवाला बाग पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास एक ऐतिहासिक उद्यान और स्मारक है।
- पृष्ठभूमि: महात्मा गांधी ने रॉलेट एक्ट के विरुद्ध अहिंसक सत्याग्रह (पहली सामूहिक हड़ताल) का आह्वान किया था, जिसकी शुरुआत 6 अप्रैल 1919 को हड़ताल से हुई थी।
- पंजाब में 9 अप्रैल को राष्ट्रवादी नेता डॉ. सत्यपाल और सैफुद्दीन किचलू को बिना किसी कारण के गिरफ्तार कर लिया गया और अज्ञात स्थान पर ले जाया गया।
- इस घटना से व्यापक आक्रोश फैल गया और 10 अप्रैल को हज़ारों भारतीय विरोध में उतर आए। इसके जवाब में अंग्रेज़ों ने मार्शल लॉ लागू कर दिया और ब्रिगेडियर -जनरल डायर को सारे अधिकार दे दिए।
- घटना का दिन: 13 अप्रैल को, जो बैसाखी का दिन था, प्रतिबंधों से अनभिज्ञ बड़ी संख्या में ग्रामीण जलियाँवाला बाग में एकत्र हुए।
- डायर सैनिकों के साथ मौके पर पहुँचा, एकमात्र निकास मार्ग बंद कर दिया और निहत्थे भीड़ पर गोलीबारी का आदेश दिया। 1,000 से अधिक पुरुष, महिलाएँ और बच्चे मारे गए।
- परिणाम: जलियाँवाला बाग हत्याकांड भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, जिसने ब्रिटिश शासन में जनता के विश्वास को गहराई से हिला दिया।
- यह महात्मा गांधी के लिये असहयोग आंदोलन (NCM) (वर्ष 1920-22) शुरू करने का एक प्रमुख कारण बन गया, साथ ही खिलाफत मुद्दा, स्वराज की बढ़ती मांग और प्रथम विश्व युद्ध के कारण उत्पन्न कठिनाइयाँ जैसे अन्य कारक भी थे।
- गांधीजी ने कैसर-ए-हिंद की उपाधि त्याग दी और रवींद्रनाथ टैगोर ने विरोधस्वरूप अपनी नाइटहुड की उपाधि लौटा दी।
- व्यापक हिंसा से व्यथित होकर गांधीजी ने 18 अप्रैल 1919 को आंदोलन वापस ले लिया।
- ब्रिटिश सरकार ने जलियाँवाला बाग हत्याकांड की जाँच के लिये हंटर आयोग (वर्ष 1919) का गठन किया और अपनी वर्ष 1920 की रिपोर्ट में जनरल डायर के कृत्यों की सर्वसम्मति से निंदा की। हालाँकि, उसने उनके खिलाफ किसी दंडात्मक या अनुशासनात्मक कार्यवाही की सिफारिश नहीं की।
- काॅन्ग्रेस ने घटना की जाँच के लिये मोतीलाल नेहरू, गांधी और अन्य लोगों की एक गैर-सरकारी समिति गठित की, जिसमें डायर के कृत्यों की अमानवीयता की निंदा की गई तथा पंजाब में मार्शल लॉ लागू करने को अनुचित बताया गया।
- उधम सिंह, मूल नाम राम मोहम्मद सिंह आज़ाद, ने वर्ष 1919 के जलियाँवाला बाग हत्याकांड के लिये जिम्मेदार लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ'डायर की हत्या कर दी थी।
- उन्हें वर्ष 1940 में फाँसी दे दी गई और उनकी अस्थियाँ वर्ष 1974 में भारत लौटा दी गईं।
रॉलेट एक्ट 1919 क्या था?
- अराजक और क्रांतिकारी अपराध अधिनियम, 1919 (जिसे 1919 का रौलट अधिनियम भी कहा जाता है) प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के दौरान भारत की ब्रिटिश सरकार द्वारा उपनिवेश-विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिये बनाया गया एक दमनकारी कानून था।
- यह अधिनियम सर सिडनी रॉलेट की अध्यक्षता वाली राजद्रोह समिति की सिफारिशों के आधार पर पेश किया गया था।
- इसके माध्यम से प्रथम विश्व युद्ध के दौरान लागू किये गए भारत रक्षा अधिनियम (1915) को प्रभावी रूप से एक स्थायी कानून से प्रतिस्थापित कर दिया गया, तथा भारत में अभिव्यक्ति और एकत्र होने की स्वतंत्रता को पुनः प्रतिबंधित कर दिया गया।
- इसके अंतर्गत प्रेस पर सख्त नियंत्रण की अनुमति दी गई और सरकार को राजनीतिक असंतोष का दमन करने हेतु व्यापक शक्तियाँ प्रदान की गईं तथा बिना किसी अभियोग के 2 वर्ष तक व्यक्तियों को हिरासत में रखने का प्राधिकार दिया गया।
- इसमें 'राजद्रोह' के संदेह मात्र पर व्यक्तियों को गिरफ्तार करने तथा बिना किसी विधिक सहायता के गुप्त रूप से अभियोग करने का प्राधिकार दिया गया।
- ऐसे संदिग्धों पर अभियोग करने के उद्देश्य से तीन उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का एक विशेष पैनल नियुक्त किया गया था, तथा अपील के लिये कोई उच्चतर न्यायालय नहीं था।
- यह पैनल भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत अस्वीकार्य साक्ष्य को स्वीकार कर सकता था, तथा बंदी प्रत्यक्षीकरण कानून को निलंबित कर दिया गया, जिससे नागरिक स्वतंत्रता पर प्रभाव पड़ा।
- इस विधान से भारत में औपनिवेशिक दमन और तीव्र हो गया तथा स्वतंत्रता के लिये राष्ट्रीय आंदोलन को बढ़ावा देने में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।
सर चेत्तूर शंकरन नायर
- परिचय: वे एक प्रमुख भारतीय राष्ट्रवादी, वकील और समाज सुधारक थे जिनका जन्म वर्ष 1857 में केरल में हुआ था।
- कॅरियर और योगदान:
- उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में कार्य किया और वर्ष 1897 में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के सबसे युवा अध्यक्ष बने।
- एक प्रगतिशील न्यायविद के रूप में, उन्होंने बुदासना बनाम फातिमा (1914) जैसे ऐतिहासिक निर्णय किये, जिसमें उन्होंने अंतरजातीय और अंतर-धार्मिक विवाहों को बरकरार रखा और जाति-आधारित भेदभाव का विरोध किया।
- उन्हें वायसराय की कार्यकारी परिषद में नियुक्त किया गया और उन्होंने मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार (1919) में योगदान दिया, जिससे शासन में अधिक भारतीयों की भागीदारी संभव हुई।
- जलियाँवाला बाग कांड में भूमिका: नायर ने जलियाँवाला बाग हत्याकांड (1919) का कड़ा विरोध किया और विरोध स्वरूप वायसराय की कार्यकारी परिषद से इस्तीफा दे दिया।
- अपनी पुस्तक गांधी एंड एनार्की (1922) में उन्होंने माइकल ओ'डायर को इस नरसंहार के लिये ज़िम्मेदार ठहराया, जिसके कारण लंदन के एक न्यायालय में उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया।
- हालाँकि जूरी ने ओ'डायर के पक्ष में 11-1 से निर्णय किया, लेकिन नायर द्वारा माफी मांगने से इनकार करने से यह मुकदमा ब्रिटिश पूर्वाग्रह और अन्याय का प्रतीक बन गया, जिसने औपनिवेशिक दमन को उजागर किया और राष्ट्रवादी भावनाओं को सुदृढ़ किया।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी की भूमिका पर चर्चा कीजिये। उनके सिद्धांतों और कार्यनीति से स्वतंत्रता संग्राम की प्रकृति और दिशा में किस प्रकार परिवर्तन हुए? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान रॉलेट एक्ट ने किस कारण से सार्वजनिक रोष उत्पन्न किया? (2009) (a) इसने धर्म की स्वतंत्रता को कम किया उत्तर: (c) प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन अंग्रेज़ी में प्राचीन भारतीय धार्मिक गीतों के अनुवाद 'सॉन्ग्स फ्रॉम प्रिज़न' से संबंधित है? (2021) (a) बाल गंगाधर तिलक उत्तर: (c) प्रश्न. भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी के रचनात्मक कार्यक्रमों पर प्रकाश डालिये। (2021) |