लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत-वियतनाम साझेदारी

  • 10 Jun 2022
  • 14 min read

प्रिलिम्स के लिये:

वियतनाम और पड़ोसी देश। 

मेन्स के लिये:

भारत और वियतनाम संबंधों का महत्त्व एवं हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच रुचि के सामान्य क्षेत्र। 

चर्चा में क्यों?  

हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री ने वियतनाम का दौरा किया, जहांँ उन्होंने कुछ रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किये, जो मौजूदा रक्षा सहयोग के दायरे और पैमाने को महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगे। 

  • भारत और वियतनाम द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष पूरे कर रहे हैं। 
  • इससे पहले भारत एवं वियतनाम ने डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सहयोग करने के लिये एक आशय पत्र (LOI) पर हस्ताक्षर किये, जिससे दोनों देशों के बीच साझेदारी को और मज़बूत करने का मार्ग प्रशस्त हुआ। 

Vietnam

प्रमुख बिंदु: 

  • 2030 की दिशा में भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी: 
    • दोनों रक्षा मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मज़बूत करने के लिये '2030 की दिशा में भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर संयुक्त विज़न स्टेटमेंट' पर हस्ताक्षर किये। 
  • डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट: 
    • दोनों मंत्रियों ने वियतनाम को दी गई 500 मिलियन अमेरिकी डाॅलर की डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट को अंतिम रूप देने पर सहमति व्यक्त की, इसके तहत परियोजनाओं के कार्यान्वयन के साथ वियतनाम की रक्षा क्षमताओं में काफी वृद्धि हुई है और इसने सरकार के 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया है। 
  • म्युचुअल लॉजिस्टिक्स सपोर्ट: 
    • दोनों ने म्युचुअल लॉजिस्टिक्स सपोर्ट को लेकर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये। 
    • यह पारस्परिक रूप से लाभकारी लॉजिस्टिक्स सपोर्ट के लिये प्रक्रियाओं को सरल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है और यह पहला ऐसा प्रमुख समझौता है जिस पर वियतनाम ने किसी देश के साथ हस्ताक्षर किये हैं। 
    • भारत ने 2016 में अमेरिका के साथ लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट के साथ शुरुआत करते हुए सभी क्वाड देशों, फ्राँंस, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया सहित कई लॉजिस्टिक्स समझौतों पर हस्ताक्षर किये। 
    • लॉजिस्टिक्स समझौते प्रशासनिक व्यवस्थाएंँ हैं जो ईंधन के आदान-प्रदान के लिये सैन्य सुविधाओं तक पहुंँच प्रदान करती हैं और आपसी समझौते पर प्रावधान, लॉजिस्टिक्स सपोर्ट को सरल बनाने तथा भारत के बाहर संचालन के समय सेना के परिचालन में वृद्धि को बढ़ाती हैं। 
  • सिमुलेटर और मौद्रिक अनुदान: 
    • भारत वियतनामी सशस्त्र बलों के क्षमता निर्माण के लिये वायु सेना अधिकारी प्रशिक्षण स्कूल में भाषा और सूचना प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला की स्थापना के लिये दो सिमुलेटर एवं मौद्रिक अनुदान प्रदान करेगा। 

भारत-वियतनाम संबंध: 

  • पृष्ठभूमि: 
    • यद्यपि रक्षा सहयोग, वर्ष 2016 में दोनों देशों द्वारा शुरू की गई ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ के सबसे महत्त्वपूर्ण स्तंभों में से एक रहा है, किंतु दोनों देशों के बीच संबंध काफी पुराने माने जाते हैं। 
    • वर्ष 1956 में भारत ने हनोई (वियतनाम की राजधानी) में अपने महावाणिज्य दूतावास की स्थापना की थी। 
    • वियतनाम ने वर्ष 1972 में भारत में अपने राजनयिक मिशन की स्थापना की। 
    • भारत, वियतनाम में अमेरिकी हस्तक्षेप के विरुद्ध आवाज़ उठाने में वियतनाम के साथ खड़ा था, जिसका भारत-अमेरिका संबंधों पर काफी प्रभाव पड़ा था। 
    • वर्ष 1990 के दशक के शुरुआती वर्षों में दक्षिण-पूर्व एशिया और पूर्वी एशिया के साथ आर्थिक एकीकरण तथा राजनीतिक सहयोग के विशिष्ट उद्देश्य से भारत द्वारा अपनी ‘लुक ईस्ट नीति’ की शुरुआत के चलते भारत एवं वियतनाम के संबंध और भी मज़बूत हुए। 
  • सहयोग के क्षेत्र: 
    • सामरिक भागीदारी: 
      • भारत और वियतनाम ने भारत की ‘हिंद-प्रशांत सागरीय पहल’ (Indo-Pacific Oceans Initiative- IPOI) और हिंद-प्रशांत के संदर्भ में आसियान के दृष्टिकोण (‘क्षेत्र में सभी के लिये साझा सुरक्षा, समृद्धि और प्रगति’) को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करने पर सहमति व्यक्त की। 
    • आर्थिक सहयोग: 
      • आसियान-भारत मुक्त व्यापार संधि’ पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद से भारत और वियतनाम के बीच आर्थिक क्षेत्र में सहयोग पर काफी प्रगति देखने को मिली है।  
      • भारत को पता है कि वियतनाम दक्षिण-पूर्व एशिया में राजनीतिक स्थिरता और पर्याप्त आर्थिक विकास के साथ एक संभावित क्षेत्रीय शक्ति है। 
      • भारत द्वारा ‘त्वरित प्रभाव परियोजनाओं’ (Quick Impact Projects- QIP) के माध्यम से वियतनाम में विकास और क्षमता सहयोग में निवेश किया जा रहा है, इसके साथ ही वियतनाम के मेकांग डेल्टा क्षेत्र में जल संसाधन प्रबंधन, ‘सतत् विकास लक्ष्य’ (SDG), डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भी भारत द्वारा निवेश किया गया है। 
    • व्यापार सहयोग: 
      • वित्तीय वर्ष 2020-2021 के दौरान भारत और वियतनाम के बीच द्विपक्षीय व्यापार 11.12 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया। 
        • इस दौरान वियतनाम को भारतीय निर्यात 4.99 बिलियन अमेरिकी डॉलर और वियतनाम से भारतीय आयात 6.12 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। 
  • रक्षा सहयोग: 
    • भारत रणनीतिक क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिये अपने दक्षिण-पूर्व एशियाई भागीदारों की रक्षा क्षमताओं को पर्याप्त रूप से विकसित करने में रुचि रखता है, जबकि वियतनाम अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में रुचि रखता है। 
    • वियतनाम भारत के ध्रुव उन्नत हल्के हेलीकाप्टरों, सतह से हवा में मार करने वाली आकाश प्रणाली और ब्रह्मोस मिसाइलों में रुचि रखता है। 
      • इसके अलावा रक्षा संबंधों में क्षमता निर्माण, सामान्य सुरक्षा चिंताओं से निपटना, कर्मियों का प्रशिक्षण और रक्षा अनुसंधान एवं विकास में सहयोग शामिल हैं। 
      • भारतीय नौसेना के जहाज़ आईएनएस किल्टन ने मध्य वियतनाम (मिशन सागर III) के लोगों के लिये बाढ़ राहत सामग्री पहुँचाने हेतु वर्ष 2020 में हो ची मिन्ह सिटी का दौरा किया। 
        • इसने वियतनाम पीपुल्स नेवी के साथ PASSEX अभ्यास में भी भाग लिया। 
      • चीन कारक भी भारत और वियतनाम के रणनीतिक संबंध में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। 
        • दोनों देशों ने चीन के साथ युद्ध लड़े हैं और इनके चीन के साथ सीमा संबंधी विवाद भी हैं। चीन आक्रामक तरीके से दोनों देशों के क्षेत्रों में अतिक्रमण कर रहा है। 
        • इसलिये चीन की आक्रामक कार्रवाइयों को रोकने के लिये दोनों देशों का साथ आना स्वाभाविक है। 
    • कई मंचों पर सहयोग: 
    •  पीपल-टू -पीपल (P2P) संपर्क:  
      • वर्ष 2019 को आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के रूप में मनाया गया। दोनों देशों ने द्विपक्षीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये अपने वीज़ा  व्यवस्था को सरल बनाया है। 
      • भारतीय दूतावास ने वर्ष 2018-19 में महात्मा@150 को मनाने के लिये विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये। इनमें जयपुर कृत्रिम अंग शिविर शामिल हैं, जो भारत सरकार की 'मानवता के लिये भारत' पहल के तहत वियतनाम के चार प्रांतों में आयोजित किये गए, जिससे उस देश में लगभग 1000 लोग लाभान्वित हुए। 

आगे की राह 

  • वर्ष 2016 में 15 वर्षों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने वियतनाम का दौरा किया और यह संकेत दिया कि भारत अब चीन की परिधि में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने में संकोच नहीं कर रहा है। 
  • भारत की विदेश नीति में भारत को एशिया और अफ्रीका में शांति, समृद्धि तथा स्थिरता के लिये प्रमुख  भूमिका निभाने की परिकल्पना की गई है, वियतनाम के साथ संबंधों को सुदृढ़ करने से ही यह और मज़बूत होगा। 
  • चूँकि भारत और वियतनाम भौगोलिक रूप से उभरते हिंद-प्रशांत क्षेत्र के केंद्र में स्थित हैं, दोनों इस रणनीतिक योजना में प्रमुख भूमिका निभाएंगे जो प्रमुख शक्तियों के बीच शक्ति और प्रभाव के लिये प्रतिस्पर्द्धा हेतु एक मुख्य मंच है। 
  • व्यापक भारत-वियतनाम सहयोग ढाँचे के तहत रणनीतिक साझेदारी भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति के तहत निर्धारित दृष्टिकोण के निर्माण की दिशा में महत्त्वपूर्ण होगी, जो पारस्परिक रूप से सकारात्मक जुड़ाव का विस्तार करना चाहती है और इस क्षेत्र में सभी के लिये समावेशी विकास सुनिश्चित करती है। 
  • वियतनाम के साथ संबंधों को मज़बूत करने से अंततः SAGAR (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ ऑल इन द रीजन) पहल को साकार करने की दिशा में प्रोत्साहन मिलेगा। 
  • भारत और वियतनाम दोनों ही ब्लू  इकॉनमी और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में एक-दूसरे को लाभ पहुँचा सकते हैं। 

विगत वर्षों के प्रश्न: 

प्रश्न. मेकांग-गंगा सहयोग जो कि छह देशों की एक पहल है, में निम्नलिखित में से कौन-सा/से देश प्रतिभागी नहीं है/हैं? (2015) 

  1. बांग्लादेश 
  2. कंबोडिया 
  3. चीन 
  4. म्याँमार 
  5. थाईलैंड 

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1  
(b) केवल 2, 3 और 4 
(c) केवल 1 और 3 
(d) केवल 1, 2 और 5 

उत्तर: (c) 

  • मेकांग-गंगा सहयोग में छह देश, जिसमें भारत और पाँच आसियान देश अर्थात् कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।  
  • यह पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा, परिवहन और संचार में सहयोग की दिशा में प्रारंभ की गई एक पहल है।  
  • इसे वर्ष 2000 में लाओस के वियनतियाने (Vientiane) में प्रारंभ किया गया था। 
  • गंगा और मेकांग दोनों ही नदियों के क्षेत्र में प्राचीन सभ्यताएँ पनपी हैं, अत: MGC पहल का उद्देश्य इन दो प्रमुख नदी घाटियों में बसे लोगों के बीच संपर्कों को सुविधाजनक बनाना है। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2