अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-ताजिकिस्तान द्विपक्षीय संबंध
- 01 Jul 2022
- 12 min read
प्रिलिम्स के लिये:UNSC, SCO, ECOSOC, अजंता फार्मा, ICCR, भारत-मध्य एशिया संवाद मेन्स के लिये:भारत-ताजिकिस्तान संबंध, पूर्व-पश्चिम ट्रांस-यूरेशियन ट्रांज़िट आर्थिक गलियारे, भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम (आईटीईसी), आईसीसीआर, भारत-मध्य एशिया संबंध। |
चर्चा में क्यों?
भारत के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री ने ताजिकिस्तान गणराज्य के ऊर्जा एवं जल संसाधन मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
- सतत् विकास के लिये जल पर वैश्विक जल कार्रवाई और जलवायु प्रतिरोध का समर्थन करने हेतु जल संसाधन अनुसंधान, विशेष रूप से ग्लेशियर निगरानी, गैर-पारंपरिक ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के शांतिपूर्ण उपयोग और आपदा प्रबंधन जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
ताजिकिस्तान के साथ भारत के संबंध:
- सलाहकारी तंत्र:
- विदेशी कार्यालय परामर्श।
- आतंकवाद के निरोध पर संयुक्त कार्यसमूह।
- व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग पर संयुक्त आयोग।
- रक्षा सहयोग पर JWG।
- विकास हेतु अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के शांतिपूर्ण उपयोग पर JWG।
- अंतर्राष्ट्रीय मंचों में सहयोग:
- 2020 में ताजिकिस्तान ने 2021-22 की अवधि के लिये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट के लिये भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया।
- ताजिकिस्तान ने भारत के लिये शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य के दर्जे का पुरज़ोर समर्थन किया।
- भारत ने जल संबंधी मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र में ताजिकिस्तान के प्रस्तावों का लगातार समर्थन किया है।
- भारत ने मार्च 2013 में संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) में ताजिकिस्तान की उम्मीदवारी एवं विश्व व्यापार संगठन में शामिल होने का भी समर्थन किया।
- विकास और सहायता साझेदारी:
- विकास सहायता:
- 0.6 मिलियन अमेरिकी डाॅलर के अनुदान के साथ 2006 में एक सूचना और प्रौद्योगिकी केंद्र (बेदिल केंद्र) शुरू किया गया था।
- यह परियोजना 6 वर्षों के पूर्ण हार्डवेयरचक्र (Full Hardware Cycle) के लिये संचालित की गई जिसके तहत ताजिकिस्तान में सरकारी क्षेत्र में पहली पीढ़ी के लगभग सभी आईटी विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया गया।
- ताजिकिस्तान में 37 स्कूलों में कंप्यूटर लैब स्थापित करने की एक परियोजना पूरी हुई जिसे अगस्त 2016 में शुरू किया गया था।
- 0.6 मिलियन अमेरिकी डाॅलर के अनुदान के साथ 2006 में एक सूचना और प्रौद्योगिकी केंद्र (बेदिल केंद्र) शुरू किया गया था।
- मानवीय सहायता:
- जून 2009 में ताजिकिस्तान में बाढ़ से हुए नुकसान में मदद करने के लिये भारत द्वारा 200,000 अमेरीकी डाॅलर की नकद सहायता दी गई थी।
- दक्षिण-पश्चिम ताजिकिस्तान में पोलियो के फैलने के बाद भारत ने नवंबर 2010 में यूनिसेफ के माध्यम से ओरल पोलियो वैक्सीन की 2 मिलियन खुराक प्रदान की।
- विकास सहायता:
- मानव क्षमता निर्माण:
- वर्ष 1994 में दुशांबे में भारतीय दूतावास की स्थापना के बाद से ताजिकिस्तान भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम (Indian Technical & Economic Cooperation Programme- ITEC) का लाभार्थी रहा है।
- वर्ष 2019 में भारत-मध्य एशिया संवाद प्रक्रिया के तहत कुछ ताजिकिस्तानी राजनयिकों को विदेश सेवा संस्थान, दिल्ली में प्रशिक्षण प्रदान किया गया था।
- व्यापार और आर्थिक संबंध:
- भारत द्वारा ताजिकिस्तान को निर्यात में शामिल मुख्य वस्तुओं में फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा सामग्री, गन्ना या चुकंदर की चीनी, चाय, हस्तशिल्प और मशीनरी शामिल हैं।
- ताजिकिस्तान के बाज़ार में भारतीय फार्मास्यूटिकल् उत्पाद की लगभग 25%की हिस्सेदारी है।
- ताजिकिस्तान द्वारा विभिन्न प्रकार के अयस्क, स्लैग और राख, एल्युमीनियम, कार्बनिक रसायन, हर्बल तेल, सूखे मेवे और कपास भारत को निर्यात किये जाते हैं।
- वर्ष 2018 में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, आपदा प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा व कृषि अनुसंधान और शिक्षा के शांतिपूर्ण उपयोग के क्षेत्रों में आठ समझौता ज्ञापनों पर दोनों देशों के मध्य हस्ताक्षर किये गए।
- भारत द्वारा ताजिकिस्तान को निर्यात में शामिल मुख्य वस्तुओं में फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा सामग्री, गन्ना या चुकंदर की चीनी, चाय, हस्तशिल्प और मशीनरी शामिल हैं।
- सांस्कृतिक लगाव और लोगों के मध्य संबंध:
- गहरे मज़बूत ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों ने दोनों देशों के मध्य संबंधों को नए स्तर पर विस्तारित करने में मदद की है।
- दोनों देशों के बीच सहयोग में सैन्य और रक्षा संबंधों पर विशेष ध्यान देने के साथ मानव प्रयास के सभी पहलू शामिल हैं।
- दुशांबे में स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र भारत से भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा नियुक्त शिक्षकों के माध्यम से कथक और तबला पाठ्यक्रम प्रदान करता है। केंद्र संस्कृत और हिंदी भाषा की कक्षाएंँ भी प्रदान करता है।
- वर्ष 2020 में 'माई लाइफ माई योगा' वीडियो ब्लॉगिंग प्रतियोगिता में ताजिकिस्तान के लोगों द्वारा उत्साह के साथ योग में भागीदारी की गई।
- गहरे मज़बूत ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों ने दोनों देशों के मध्य संबंधों को नए स्तर पर विस्तारित करने में मदद की है।
भारत-मध्य एशिया संबंध:
- परिचय:
- तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से ही भारत का मध्य एशिया के साथ संबंध रहा है क्योंकि ये देश पौराणिक रेशम मार्ग पर स्थित थे।
- बौद्ध धर्म ने मध्य एशियाई शहरों जैसे- मर्व, खलाचायन, तिर्मिज़ व बोखरा आदि में स्तूपों और मठों के रूप में प्रवेश किया।
- मध्य एशिया, एशिया और यूरोप के बीच एक भू-सेतु के रूप में कार्य करता है, जो इसे भारत के लिये भू-राजनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण बनाता है।
- यह क्षेत्र पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, सुरमा, एल्युमीनियम, सोना, चांँदी, कोयला और यूरेनियम जैसे प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, जिनका भारतीय ऊर्जा आवश्यकताओं के लिये सर्वोत्तम उपयोग किया जा सकता है।
- मध्य एशियाई क्षेत्र तेज़ी से उत्पादन, कच्चे माल की आपूर्ति और सेवाओं के लिये वैश्विक बाज़ार से जुड़ रहे हैं।
- वे पूर्व-पश्चिम ट्रांस-यूरेशियन ट्रांँज़िटआर्थिक गलियारों में भी तेज़ी से एकीकृत हो रहे हैं।
- भारत-मध्य एशिया संवाद:
- यह भारत और मध्य एशियाई देशों जैसे- कज़ाखस्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान व उज़्बेकिस्तान के बीच एक मंत्री स्तरीय संवाद है।
- शीत युद्ध के पश्चात् वर्ष 1991 में USSR के पतन के बाद सभी पाँच राष्ट्र स्वतंत्र राज्य बन गए।
- तुर्कमेनिस्तान को छोड़कर वार्ता में भाग लेने वाले सभी देश शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य हैं।
- बातचीत कई मुद्दों पर केंद्रित है जिसमें कनेक्टिविटी में सुधार और युद्ध से तबाह अफगानिस्तान में स्थिरता संबंधी उपाय शामिल हैं।
- भारत और मध्य एशिया संबंधों के बीच हाल के विकास:
- मध्य एशिया में परियोजनाओं के लिये भारत की 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट, चाबहार बंदरगाह और तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (TAPI) गैस पाइपलाइन के बीच व्यापार बढ़ाने के लिये चाबहार बंदरगाह का उपयोग करके कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।
- ‘अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर’ (INSTC), अंतर्राष्ट्रीय परिवहन और पारगमन गलियारे (ITTC) पर अश्गाबात समझौते के संयोजन के साथ भारत व मध्य एशियाई देशों के बीच संपर्क बढ़ा रहा है।
- पाँच मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों ने तीसरी भारत-मध्य एशिया वार्ता में भाग लेने के लिये दिसंबर 2021 में नई दिल्ली का दौरा किया।
- कोविड-19 से निपटने के दौरान मध्य एशियाई देशों ने महामारी के अपने प्रारंभिक चरण के दौरान कोविड-19 टीकों और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति हेतु भारत द्वारा की गई सहायता की सराहना की।
- जनवरी 2022 में भारत के प्रधानमंत्री ने आभासी प्रारूप में पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेज़बानी की।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: (2022)
उपर्युक्त में से किन देशों की सीमाएँ अफगानिस्तान से लगती हैं? (a) केवल 1, 2 और 5 उत्तर: C |