नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 16 जनवरी से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

आंतरिक सुरक्षा

भारत की एकीकृत थिएटर कमान

  • 21 Mar 2025
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

एकीकृत थिएटर कमांड, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, कारगिल युद्ध, सीमा सड़क संगठन

मेन्स के लिये:

भारत में एकीकृत थिएटर कमांड का महत्त्व और चुनौतियाँ, भारत की रक्षा का आधुनिकीकरण

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स

चर्चा में क्यों? 

रक्षा मंत्रालय (MoD) ने रक्षा पर एक संसदीय स्थायी समिति को सूचित किया है कि एकीकृत थिएटर कमांड (ITC) को लागू करने से पहले कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान दिया जाना चाहिये। यह रक्षा मंत्रालय की वर्ष 2025 को 'सुधारों का वर्ष' घोषित करने की घोषणा का हिस्सा है।

एकीकृत थिएटर कमान क्या है?

  • परिचय: ITC एक एकीकृत संरचना है जहाँ सेना, नौसेना और वायु सेना की परिसंपत्तियाँ एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र के लिये एक ही कमांडर के अधीन कार्य करती हैं। 
    • इससे बेहतर समन्वय, तीव्र निर्णय-प्रक्रिया और बेहतर युद्ध प्रभावशीलता सुनिश्चित होती है। 
    • ITC एकल-सेवा संचालन की कमियों को कम करेगा तथा साइबर और अंतरिक्ष युद्ध जैसी उभरती युद्ध-लड़ने की क्षमताओं को एकीकृत करेगा।
  • समिति की प्रमुख सिफारिशें: कारगिल समीक्षा समिति, 1999 ने कारगिल युद्ध के दौरान संयुक्त अभियानों में सुधार लाने और समन्वय विफलताओं को दूर करने के लिये एकीकृत थिएटर कमांड और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के गठन की सिफारिश की थी।
    • शेकटकर समिति, 2016 ने तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और संसाधन दक्षता बढ़ाने के लिये तीन एकीकृत थिएटर कमांड (पश्चिमी, उत्तरी और दक्षिणी) का प्रस्ताव रखा था।
  • भारत में प्रस्तावित थिएटर कमांड: उत्तरी थिएटर कमांड (लखनऊ) चीन से खतरों का सामना करने पर केंद्रित है।
    • पश्चिमी थिएटर कमान (जयपुर) पाकिस्तान से खतरों के इर्द-गिर्द केंद्रित है।
    • समुद्री थिएटर कमान (तिरुवनंतपुरम) ने हिंद महासागर क्षेत्र में परिचालन प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया।
  • थिएटराइज़ेशन की दिशा में प्रगति: सैन्य मामलों के विभाग के प्रमुख के रूप में CDS की नियुक्ति रक्षा बलों के एकीकरण और उन्नति की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।
    • अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) अधिनियम 2023 थिएटर कमांडरों को तीनों सेवाओं पर अनुशासनात्मक नियंत्रण प्रदान करता है और क्रॉस-पोस्टिंग के माध्यम से संयुक्तता को बढ़ावा देता है।
    • पहला ट्राई सर्विस कमांड डिफेंस स्टेशन (मुंबई, 2024) तीनों सेवाओं के लिये रसद और रखरखाव सुविधाओं को एक नेतृत्व के अंतर्गत एकीकृत करता है।

मौजूदा ट्राई सर्विस कमांड

  • पोर्ट ब्लेयर स्थित अंडमान और निकोबार कमांड भारत की पहली ट्राई सर्विस थिएटर कमांड है, जो दक्षिण-पूर्व एशिया और दक्षिण चीन सागर पर निगरानी रखती है।
  • दिल्ली स्थित सामरिक बल कमान (SFC) भारत की परमाणु निवारक क्षमताओं को संभालने के लिये ज़िम्मेदार है

Theaterisation_of_Armed_Forces

थिएटर कमांड को लागू करने से पहले किन चुनौतियों का समाधान किया जाना आवश्यक है?

  • संयुक्त सिद्धांत का अभाव: भारतीय सशस्त्र बलों के परिचालन क्षेत्र एक-दूसरे से परस्पर व्याप्त (ओवरलैप) होते हैं, लेकिन रणनीतिक संस्कृति और प्राथमिकताएँ भिन्न-भिन्न होती हैं। 
  • एकीकृत युद्ध-लड़ाई सिद्धांत की कमी कमांड संरचनाओं पर आम सहमति को जटिल बनाती है। भारतीय वायुसेना ने परिचालन नियंत्रण के कमज़ोर होने और सीमित संसाधनों के डर से थिएटर कमांड का विरोध किया है।
  • संसाधन आवंटन: भारतीय वायुसेना स्वीकृत 42 के बजाय 31 स्क्वाड्रन के साथ कार्य करती है, जिससे थिएटर आवंटन में लचीलापन सीमित हो जाता है। नौसेना का सीमित बजट समुद्री कमान में उसकी भूमिका को प्रभावित करता है। 
  • सेना बजटीय आबंटन और जनशक्ति पर हावी है, जिससे कमांड प्रभाव और संसाधन वितरण में संभावित रूप से असंतुलन उत्पन्न हो सकता है।
    • इसके अतिरिक्त, भारत की सैन्य शिक्षा प्रणाली काफी हद तक सेवा-विशिष्ट बनी हुई है, तथा इसमें संस्थागत क्रॉस-सर्विस प्रशिक्षण का अभाव है। 
      • एकीकृत कमान संरचना के तहत कार्मिकों को एकीकृत करने से कैरियर की प्रगति, रैंक समतुल्यता और कमान पदानुक्रम के बारे में चिंताएँ उत्पन्न होती हैं, जिससे संक्रमण जटिल हो जाता है।
  • पुराने उपकरण: मिग-21 जैसी पुरानी प्रणालियाँ अभी भी बिना अपग्रेड के कार्य कर रही हैं, जो खरीद और योजना में गहरी खामियों को दर्शाता है।
  • अवसंरचना एवं रसद: अविकसित अवसंरचना, विशेष रूप से उत्तरी क्षेत्र में, अपर्याप्त सड़क और रेल संपर्क के कारण संयुक्त परिचालन में बाधा उत्पन्न करती है।
    • तकनीकी एकीकरण: भारत के थिएटर कमांड को साइबर, अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं को बढ़ाना होगा, क्योंकि चीन की तुलना में भारत में ISR (खुफिया, निगरानी, ​​टोही) एकीकरण अभी भी प्रारंभिक अवस्था में है
  • दो मोर्चों पर खतरा: भारत के थिएटर कमानों को विभिन्न इलाकों में एक साथ संचालन के लिये तत्परता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सैन्य और आर्थिक रूप से एकजुट चीन और पाकिस्तान से दो मोर्चों पर खतरे के लिये तत्पर रहना चाहिये। 

ITC संबंधी चुनौतियों का समाधान किस प्रकार किया जा सकता है?

  • एकीकृत सैन्य सिद्धांत: थिएटर कमान संचालनों का मार्गदर्शन करने के लिये सेवाओं के बीच आम सहमति के माध्यम से एक संयुक्त युद्ध सिद्धांत की स्थापना किये जाने की आवश्यकता है।
    • CDS के नेतृत्व में तीनों सेनाओं की रणनीतिक योजना और संचालन को बढ़ावा देना चाहिये।
  • चरणबद्ध कार्यान्वयन: थिएटर कमान संरचना का मूल्यांकन और परिशोधन करने के लिये वायु रक्षा या समुद्री संचालन जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में पायलट परियोजनाएँ आरंभ की जानी चाहिये।
  • कमान और कंट्रोल आर्किटेक्चर का आधुनिकीकरण: देशज रूप से विकसित सुदृढ़, सुरक्षित और अंतर-संचालनीय C4ISR प्रणाली (कमान, नियंत्रण, संचार, कंप्यूटर, आसूचना, निगरानी और टोही) में निवेश करना आवश्यक है। 
    • साइबर और अंतरिक्ष कमान को थिएटर कमान योजना में एकीकृत किया जाना चाहिये।
  • अग्रिम क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देना: सीमा सड़क संगठन (BRO) और वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे का तेज़ी से विकास किया जाना चाहिये।
    • अग्रिम परिनियोजन की दीर्घकालिक स्थिरता के लिये रसद और ऊर्जा आपूर्ति शृंखला में सुधार करना आवश्यक है।
  • संयुक्त प्रशिक्षण की स्थापना: राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज की तरह त्रि-सेवा युद्ध कॉलेज का विस्तार करने और संयुक्त प्रशिक्षण मॉड्यूल के साथ सेवा अकादमियों को एकीकृत किये जाने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

एकीकृत थिएटर कमान का लक्ष्य भारत की सेना संरचना का रूपांतरण करना है, लेकिन इसके समक्ष अंतर-सेवा समन्वय और प्रौद्योगिकी एकीकरण जैसी चुनौतियाँ विद्यमान हैं। वर्ष 2025 को "सुधारों का वर्ष" घोषित किये जाने के साथ थिएटरीकरण की संभावना बढ़ रही है, जिससे भारत की रक्षा में वृद्धि होगी।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. भारत में एकीकृत थिएटर कमान के कार्यान्वन संबंधी प्रमुख चुनौतियाँ कौन-सी हैं? समाधानों का सुझाव दीजिये। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. सीमा प्रबंधन विभाग निम्नलिखित में से किस केंद्रीय मंत्रालय का एक विभाग है? (2008)

(a) रक्षा मंत्रालय
(b) गृह मंत्रालय
(c) नौवहन, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय
(d) पर्यावरण और वन मंत्रालय

उत्तर: (b)


मेन्स:

प्रश्न. भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिये बाह्य राज्य और गैर-राज्य कारकों द्वारा प्रस्तुत बहुआयामी चुनौतियों का विश्लेषण कीजिये। इन संकटों का मुकाबला करने के लिये आवश्यक उपायों पर भी चर्चा कीजिये। (2021)

प्रश्न. आंतरिक सुरक्षा खतरों तथा नियंत्रण रेखा (LoC) सहित म्याँमार, बांग्लादेश और पाकिस्तान सीमाओं पर सीमा पार अपराधों का विश्लेषण कीजिये। विभिन्न सुरक्षा बलों द्वारा इस संदर्भ में निभाई गई भूमिका की भी चर्चा कीजिये। (2020)

प्रश्न. दुर्गम क्षेत्र एवं कुछ देशों के साथ शत्रुतापूर्ण संबंधों के कारण सीमा प्रबंधन एक कठिन कार्य है। प्रभावशाली सीमा प्रबन्धन की चुनौतियों एवं रणनीतियों पर प्रकाश डालिये। (2016)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2