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कृषि

भारत के कृषि निर्यात में गिरावट

  • 10 Nov 2023
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), खाद्य मूल्य सूचकांक (FPI), रूस-यूक्रेन युद्ध, मुद्रास्फीति, न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP), गैर बासमती, बासमती,

मेन्स के लिये:

भारत में कृषि निर्यात में गिरावट के कारण आर्थिक वृद्धि और विकास पर चिंताएँ एवं शामिल मुद्दे।      

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों ?

वाणिज्य विभाग के हालिया आँकड़ों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर 2023 में कृषि वस्तुओं का निर्यात 23.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो अप्रैल-सितंबर 2022 के 26.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर से कम था।

  • आयात में भी 19.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 16.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक गिरावट आई है, जिसके परिणामस्वरूप कृषि व्यापार अधिशेष में भी गिरावट आई है। 

कृषि निर्यात में गिरावट के क्या कारण हैं?

  • निर्यात पर सरकारी प्रतिबंध:
    • अप्रैल-सितंबर 2023 की अवधि में भारत के कृषि निर्यात में पिछले वर्ष की तुलना में 11.6% की गिरावट आई है। इस गिरावट का श्रेय सरकार द्वारा गेहूँ, चावल एवं चीनी सहित कई वस्तुओं के निर्यात पर प्रतिबंधों को लागू करने को दिया जा सकता है।
      • सितंबर 2022 में टूटे हुए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया एवं सभी सफेद (गैर-उबला हुआ) गैर-बासमती किस्मों के शिपमेंट पर 20% शुल्क लगाया गया। जुलाई 2023 में सफेद गैर-बासमती चावल के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके पश्चात केवल उबले हुए गैर-बासमती तथा बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी गई।
      • भारत सरकार द्वारा मई 2022 में चीनी निर्यात को "मुक्त" से "प्रतिबंधित" श्रेणी में स्थानांतरित कर दिया गया साथ ही किसी भी वर्ष निर्यात की जाने वाली चीनी की कुल मात्रा को सीमित कर दिया।
  • वैश्विक कीमतों में नरमी:
    • इसके अतिरिक्त, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद वैश्विक कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर पहुँचने के बाद नरम हो गई हैं।

खाद्य निर्यात में गिरावट पर वैश्विक कीमतों का क्या प्रभाव है?

  • भारत का कृषि व्यापार एवं वैश्विक कीमतों से इसका संबंध:
  • FFPI के रुझान भारत के कृषि निर्यात को प्रभावित कर रहे हैं:
    • FFPI, खाद्य पदार्थों की एक शृंखला के लिये अंतर्राष्ट्रीय कीमतों को दर्शाता है, जिसमें हाल के वर्षों में उल्लेखनीय बदलाव देखे गए हैं। भारत का कृषि निर्यात FFPI में हुए परिवर्तनों से प्रभावित होता है, जो वर्ष 2013-14 में FFPI (119.1 से 96.5 अंक तक) के साथ 43.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 2019-20 में 35.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया तथा वर्ष 2022-23 में सूचकांक के अभूतपूर्व स्तर पर पहुँचने के साथ बढ़ गया। 
  • भारत के कृषि व्यापार पर विश्व की घटती कीमतों का प्रभाव:
    • वैश्विक कीमतों में हुई कमी के साथ भारत में कृषि निर्यात व आयात दोनों का मूल्य वर्ष 2023-24 में कम होने की उम्मीद हैरूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण आपूर्ति में व्यवधान कम होने के बावजूद यह पैटर्न जारी है। खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के नवीनतम आपूर्ति और मांग विवरण के अनुसार वर्ष 2023-2024 के लिये वैश्विक अनाज भंडार के समाप्त होने के संकेत हैं।

भारतीय कृषि के लिये अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में गिरावट के परिणाम क्या हैं?

  • किसानों की आय में कमी:
    • अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में गिरावट से न केवल देश के कृषि निर्यात की लागत प्रतिस्पर्धात्मकता कम हो गई है, अपितु किसान आयात के प्रति अधिक संवेदनशील भी बन गए हैं। कपास और खाद्य तेलों में यही प्रभाव देखने को मिल रहा है।
      • कीमतों में गिरावट के कारण न केवल भारत के कपास निर्यात में गिरावट आई है, अपितु वर्ष 2021-22 से वर्ष 2022-23 के बीच आयात भी 2.5 गुना बढ़ गया है।
  • खाद्य तेल पर प्रभाव:
    • वर्ष 2019-20 तथा वर्ष 2022-23 के बीच भारत के खाद्य तेल आयात का मूल्य दोगुना से अधिक हो गया। यह विशेष रूप से यूक्रेन में युद्ध के बाद वैश्विक कीमतों के बढ़ने के कारण हुआ था।
      • अधिक चिंता की बात यह है कि कीमतें गिर गई हैं, लेकिन कच्चे पाम, सोयाबीन एवं सूरजमुखी तेल का आयात शुल्क अभी भी 5.5% पर है।
  • प्रक्रियात्मक चिंताएँ: 
    • राष्ट्रीय चुनावों से पहले खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने साथ ही उत्पादकों पर उपभोक्ताओं के हितों को प्राथमिकता देने पर सरकार का ध्यान केंद्रित करने का अर्थ है कि अनाज, चीनी  एवं प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध के साथ-साथ खाद्य तेल और दालों का आयात निर्बाध रूप से जारी रहेगा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारत में निम्नलिखित में से किसे कृषि में सार्वजनिक निवेश माना जा सकता है? (2020)

  1. सभी फसलों की कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करना
  2. प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का कम्प्यूटरीकरण
  3. सामाजिक पूंजी का विकास
  4. किसानों को निःशुल्क विद्युत आपूर्ति
  5. बैंकिंग प्रणाली द्वारा कृषि ऋणों की माफी
  6. सरकारों द्वारा शीत भण्डारण सुविधाओं की स्थापना

नीचे दिये गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2 और 5
(b) केवल 1, 3, और 4 और 5
(c) केवल 2, 3 और 6
(d) 1, 2, 3, 4, 5 और 6

उत्तर: C


प्रश्न. ‘राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट)’ स्कीम को क्रियान्वित करने का/के क्या लाभ है/हैं? (2017)

1- यह कृषि वस्तुओं के लिये सर्व-भारतीय इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है।
2- यह कृषकाें के लिये राष्ट्रव्यापी बाज़ार सुलभ कराता है जिसमें उनके उत्पाद की गुणता के अनुरूप कीमत मिलती है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: C

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