अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-नॉर्डिक देशों की द्विपक्षीय वार्ता
- 05 May 2022
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प्रिलिम्स के लिये:नॉर्डिक देश, दूसरा भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन। मेन्स के लिये:नॉर्वे, स्वीडन, आइसलैंड और फिनलैंड के साथ भारत के संबंध |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने डेनमार्क, नॉर्वे, स्वीडन, आइसलैंड और फिनलैंड के अपने समकक्षों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें कीं।
- बैठकों में द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत करने के तरीकों के बारे में चर्चा की गई तथा क्षेत्रीय एवं वैश्विक विकास पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।
- बैठक डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के मौके पर आयोजित की गई थी।
दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन की पृष्ठभूमि:
- दूसरा संस्करण दुनिया को प्रभावित करने वाली दो सबसे महत्त्वपूर्ण घटनाओं की पृष्ठभूमि में आयोजित किया गया।
- एक महामारी के बाद आर्थिक सुधार और दूसरा यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा युद्ध है।
- अर्थव्यवस्था, व्यापार और निवेश के अलावा शिखर सम्मेलन को कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के दृष्टिकोण से देखा जा सकता है जो पूंजीवाद तथा लोकतांत्रिक प्रथाओं के साथ-साथ कल्याण मॉडल को बाज़ार अर्थव्यवस्था से मिलाता है।
- भारत ने नॉर्डिक कंपनियों को ब्लू इकॉनमी क्षेत्र में (विशेष रूप से सागरमाला परियोजना में) निवेश करने के लिये आमंत्रित किया।
- भारत की आर्कटिक नीति आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग के विस्तार के लिये एक अनुकूल ढाँचा प्रदान करती है।
- नॉर्डिक देशों ने एक संशोधित और विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिये अपना समर्थन दोहराया।
- वर्ष 2018 में शिखर सम्मेलन के उद्घाटन संस्करण में नेतृत्व का ध्यान वैश्विक सुरक्षा, आर्थिक विकास, नवाचार और जलवायु परिवर्तन पर था, जबकि विकास के चालक के रूप में नवाचार व डिजिटल परिवर्तन पर ज़ोर दिया गया था।
- भारत के स्मार्ट शहरों की परियोजना हेतु नॉर्डिक देशों की सतत् शहरों की परियोजना के समर्थन के अलावा पहले शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली के प्रमुख कार्यक्रमों जैसे मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, डिज़िटल इंडिया और स्वच्छ भारत अभियान के लिये आवेदन के विस्तार की मांग की गई।
- पहले शिखर सम्मेलन में नॉर्डिक देशों ने परमाणु आपूर्तिकर्त्ता समूह (Nuclear Suppliers' Group) में सदस्यता हेतु भारत के आवेदन का स्वागत किया।
बैठक की मुख्य विशेषताएंँ:
- भारत-डेनमार्क: यूक्रेन में युद्ध, भारत-यूरोपीय संघ (ईयू) मुक्त व्यापार समझौते और इंडो-पैसिफिक की स्थिति सहित द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने हेतु आपसी हित के व्यापक मुद्दों पर चर्चा की गई।
- दोनों देश हरित हाइड्रोजन, नवीकरणीय ऊर्जा एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन पर ध्यान देने के साथ हरित रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने पर सहमत हुए।
- भारत-नॉर्वे: दोनों नेताओं ने ब्लू इकॉनमी, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, सौर और पवन परियोजनाओं, हरित शिपिंग, मत्स्य पालन, जल प्रबंधन, वर्षा जल संचयन, अंतरिक्ष सहयोग, दीर्घकालिक अवसंरचना निवेश, स्वास्थ्य व संस्कृति जैसे क्षेत्रों में जुड़ाव को और अधिक मज़बूत करने पर चर्चा की।
- भारतीय प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि नॉर्वे भारत की हाल ही में घोषित आर्कटिक नीति का एक प्रमुख स्तंभ है।
- भारत-स्वीडन: बैठक के दौरान दोनों देश के नेताओं ने संयुक्त कार्य योजना में प्रगति का जायजा लिया और लीडरशिप ग्रुप ऑन इंडस्ट्री ट्रांज़िशन (Leadership Group on Industry Transition- LeadIT) पहल के विस्तार के दायरे की सराहना की।
- यह एक कम कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर दुनिया के सबसे अधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जक उद्योगों का मार्गदर्शन करने में मदद हेतु सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में LeadIT को स्थापित करने के लिये भारत-स्वीडन संयुक्त वैश्विक पहल थी।
- वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री मोदी की स्वीडन यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने रक्षा, व्यापार और निवेश, नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट शहरों, महिलाओं के कौशल विकास, अंतरिक्ष एवं विज्ञान तथा स्वास्थ्य देखभाल आदि में व्यापक पहलों को आगे बढ़ाने हेतु एक व्यापक संयुक्त कार्य योजना को अपनाया।
- भारत-आइसलैंड: दोनों नेताओं ने विशेष रूप से भूतापीय ऊर्जा, नीली अर्थव्यवस्था, आर्कटिक, नवीकरणीय ऊर्जा, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण, डिजिटल विश्वविद्यालयों तथा संस्कृति सहित शिक्षा के क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग को और अधिक मज़बूती प्रदान करने के तरीकों पर चर्चा की है।
- भारत-यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) व्यापार वार्ता में तेज़ी लाने पर भी चर्चा हुई है।
- भारत-फिनलैंड: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, भविष्य की मोबाइल प्रौद्योगिकियों, स्वच्छ प्रौद्योगिकियों और स्मार्ट ग्रिड जैसी नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग के विस्तार के अवसरों के संबंध में चर्चा की गई है।
- भारतीय प्रधानमंत्री ने फिनिश कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी करने तथा भारतीय बाज़ार में विशेष रूप से दूरसंचार, बुनियादी ढाँचे और डिजिटल परिवर्तनों में विशाल अवसरों का लाभ उठाने के लिये आमंत्रित किया है।
भारत के लिये नॉर्डिक देशों का महत्त्व:
- भारत और नॉर्डिक देश मज़बूत व्यापार साझेदारी का हिस्सा हैं, हालाँकि व्यक्तिगत रूप से इन देशों का आर्थिक व्यापार G20 देशों की तुलना में बहुत कम है।
- लगभग 54,000 अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति आय के साथ संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद 1.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
- भारत और नॉर्डिक देशों के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार तथा सेवाएँ 13 अरब अमेरिकी डॉलर का है।
- सहयोग के क्षेत्र: जिन देशों में तकनीकी कौशल तथा व्यापारिक संबंध हैं, वे आपसी हित के पाँच क्षेत्रों में सहयोग का पता लगाएंगे।
- इनमें हरित साझेदारी, डिजिटल और नवाचार अर्थव्यवस्था, व्यापार एवं निवेश, सतत् विकास तथा आर्कटिक क्षेत्र से संबंधित सहयोग शामिल है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका के अलावा भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसके साथ नॉर्डिक देशों की शिखर स्तरीय बैठकें होती हैं।