जैव विविधता और पर्यावरण
तेंदुओं के विलुप्त होने का खतरा
- 06 Nov 2021
- 5 min read
प्रिलिम्स के लिये:तेंदुआ, लायन टेल मकाक, स्लॉथ बीयर मेन्स के लिये:मानव-तेंदुआ संघर्ष |
चर्चा में क्यों?
ग्लोबल इकोलॉजी एंड बायोग्राफी जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, रोडकिल यानि सड़क पर वाहनों द्वारा होने वाली मौतों के कारण उत्तर भारत में तेंदुओं के विलुप्त होने का खतरा 83% बढ़ गया है।
प्रमुख बिंदु
- अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष:
- यदि रोडकिल का वर्तमान स्तर ऐसे ही बना रहता है तो आगामी 50 वर्षों में वैश्विक स्तर पर विलुप्ति के खतरे का सामना कर रहे चार जानवरों की आबादी में से उत्तर भारत में पाई जाने वाली तेंदुओं की आबादी सर्वाधिक सुभेद्य होगी अर्थात् इन पर विलुप्ति का खतरा सबसे अधिक होगा।
- सुभेद्य की स्थिति में तेंदुए के बाद क्रमशः मैंड भेड़िया (Maned Wolf) और लिटिल स्पॉटेड कैट (दोनों ब्राज़ील से) और दक्षिणी अफ्रीका के भूरे रंग के लकड़बग्घे का स्थान आता है।
- 83% बढ़े हुए जोखिम के आधार पर, अध्ययन में उत्तर भारतीय तेंदुए की आबादी के 33 वर्षों में विलुप्त होने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
- अत्यधिक असुरक्षित पाए गए अन्य जानवरों में दक्षिण भारत के लायन टेल मकाक (मकाका सिलेनस) और स्लॉथ बीयर (मेलुरस उर्सिनस) भी शामिल हैं।
- यह अध्ययन उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण-पूर्वी एशिया पर उन क्षेत्रों के रूप में ध्यान आकर्षित करता है जहाँ भविष्य में सडकों के विकास और सड़क शमन पर सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि इनसे स्तनधारी जीवों की जैवविविधता को नुक्सान पहुँच सकता है।
- यदि रोडकिल का वर्तमान स्तर ऐसे ही बना रहता है तो आगामी 50 वर्षों में वैश्विक स्तर पर विलुप्ति के खतरे का सामना कर रहे चार जानवरों की आबादी में से उत्तर भारत में पाई जाने वाली तेंदुओं की आबादी सर्वाधिक सुभेद्य होगी अर्थात् इन पर विलुप्ति का खतरा सबसे अधिक होगा।
- तेंदुआ:
- वैज्ञानिक नाम: पैंथेरा पार्डस
- परिचय:
- तेंदुआ, बिग कैट्स में सबसे छोटा है (पैंथेरा जीनस से संबंधित, अन्य नामों में टाइगर, शेर, जगुआर, तेंदुआ और हिम तेंदुआ आदि शामिल हैं) तथा विभिन्न प्रकार के आवासों में अपनी अनुकूलन क्षमता के लिये जाना जाता है।
- तेंदुआ रात में शिकार करता है।
- यह भोजन हेतु अपनी सीमा में पाए जाने वाले शाकाहारी जीवों की छोटी प्रजातियों जैसे कि चीतल, हॉग हिरण और जंगली सूअर का शिकार करता है।
- तेंदुओं में मेलानिज़्म एक सामान्य घटना है, जिसमें जानवर की पूरी त्वचा काले रंग की होती है, जिसमें उसके धब्बे भी शामिल होते हैं।
- एक मेलेनिस्टिक तेंदुए को अक्सर ब्लैक पैंथर या जगुआर कहा जाता है तथा भ्रांतिवश इसे एक अलग प्रजाति मान लिया जाता है।
- अधिवास:
- यह उप-सहारा अफ्रीका, पश्चिमी और मध्य एशिया के छोटे हिस्सों, भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिण-पूर्व एवं पूर्वी एशिया में एक विस्तृत शृंखला में पाया जाता है।
- भारतीय तेंदुआ (Panthera pardus fusca) भारतीय उपमहाद्वीप में व्यापक रूप से पाया जाने वाला तेंदुआ है।
- भारत में आबादी:
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट 'भारत में तेंदुओं की स्थिति, 2018' के अनुसार, "वर्ष 2014 के अनुमानों से भारत में तेंदुओं की संख्या में 60% की वृद्धि हुई है।"
- वर्ष 2014 के अनुमानों के अनुसार, भारत में तेंदुओं की आबादी लगभग 8,000 थी जो अब बढ़कर 12,852 हो गई है।
- तेंदुओं की सर्वाधिक आबादी का अनुमान मध्य प्रदेश (3,421) में लगाया गया है, इसके बाद कर्नाटक (1,783) और महाराष्ट्र (1,690) का स्थान है।
- खतरा:
- खाल और शरीर के अंगों के अवैध व्यापार के लिये अवैध शिकार।
- आवास क्षति और विखंडन
- मानव-तेंदुआ संघर्ष
- संरक्षण स्थिति:
- IUCN रेड लिस्ट: सुभेद्य
- CITES: परिशिष्ट-I
- भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची-I
स्रोत: द हिंदू