ग्रीन फिन्स हब | 17 Sep 2022
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने यूके स्थित चैरिटी रीफ-वर्ल्ड फाउंडेशन के साथ मिलकर ग्रीन फिन्स हब लॉन्च किया।
- ग्रीन फिन्स हब दुनिया भर में डाइविंग और स्नॉर्कलिंग ऑपरेटरों के लिये वैश्विक डिजिटल प्लेटफॉर्म है।
ग्रीन फिन्स
- परिचय:
- ग्रीन फिन्स द रीफ-वर्ल्ड फाउंडेशन और UNEP द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यान्वित संरक्षण प्रबंधन दृष्टिकोण है जो समुद्री पर्यटन से जुड़े नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभावों में औसत दर्जे की कमी को प्रदर्शित करता है।
- मूल रूप से वर्ष 2004 में थाईलैंड में स्थापित ग्रीन फिन्स दृष्टिकोण डाइविंग और स्नॉर्कलिंग पर्यटन उद्योग में सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने तथा कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिये एक उपकरण है।
- लक्ष्य:
- इसका उद्देश्य स्थायी डाइविंग और स्नॉर्कलिंग को बढ़ावा देने वाले पर्यावरण के अनुकूल दिशा-निर्देशों के माध्यम से प्रवाल भित्तियों की रक्षा करना है।
- यह समुद्री पर्यटन के लिये एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त पर्यावरण मानक प्रदान करता है और इसकी मज़बूत मूल्यांकन प्रणाली अनुपालन को मापती है।
ग्रीन फिन्स हब
- परिचय:
- ग्रीन फिन्स हब अब तक का पहला वैश्विक समुद्री पर्यटन उद्योग मंच है।
- यह स्थायी समुद्री पर्यटन को 'बढ़ावा' देगा।
- इसके 14 देशों के लगभग 700 ऑपरेटरों से दुनिया भर में संभावित 30,000 ऑपरेटरों तक पहुँचने की उम्मीद है।
- महत्त्व:
- इसका उद्देश्य ग्रीन फिन्स सदस्यता के माध्यम से समुद्री पर्यटन क्षेत्र में स्थिरता की दिशा में भूकंपीय बदलाव को उत्प्रेरित करना है।
- प्रवाल भित्तियाँ कम-से-कम 25% समुद्री जीवन का घर हैं, समुद्री-संबंधित पर्यटन के लिये मक्का है, कुछ द्वीप राष्ट्रों में सकल घरेलू उत्पाद में 40% या उससे अधिक का योगदान करते हैं। हालाँकि वे सबसे कमज़ोर पारिस्थितिकी तंत्र हैं, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन के लिये 1.5 या 20०C के वैश्विक तापमान वृद्धि के बीच प्रवाल भित्ति अस्तित्व में है।
- ग्रीन फिन्स हब के माध्यम से सर्वोत्तम अभ्यास, ज्ञान और नागरिक विज्ञान की बढ़ती पहुँच प्रवाल भित्तियों तथा अन्य नाजुक समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों के भविष्य को सुनिश्चित करने में एक गेम चेंजर हो सकती है।
- प्लेटफॉर्म दुनिया भर में डाइविंग और स्नॉर्कलिंग ऑपरेटरों द्वारा परीक्षण किये गए समाधानों का उपयोग करके अपनी दैनिक प्रथाओं में सरल, लागत प्रभावी परिवर्तन करने में मदद करेगा।
- यह उन्हें अपने वार्षिक सुधारों पर नज़र रखने और अपने समुदायों तथा ग्राहकों के साथ संवाद करने में भी मदद करेगा।
सतत् तटीय और समुद्री पर्यटन:
- सतत् पर्यटन का तात्पर्य पर्यटन उद्योग की सतत् कार्यप्रणाली से है। यह मांग और आपूर्ति दोनों पक्षों पर हरित पर्यटन क्षेत्र के मुद्दों को संबोधित करता है।
- संयुक्त राज्य के अनुसार,सतत् पर्यटन में निम्नलिखित को शामिल किया जाना चाहिये:
- पर्यावरणीय संसाधनों का इष्टतम उपयोग करें जो पर्यटन विकास में एक प्रमुख तत्त्व का गठन करते हैं, आवश्यक पारिस्थितिक प्रक्रियाओं को बनाए रखते हैं और प्राकृतिक विरासत एवं जैवविविधता के संरक्षण में मदद करते हैं।
- मेज़बान समुदायों की सामाजिक-सांस्कृतिक प्रामाणिकता का सम्मान करें, उनकी निर्मित और जीवित सांस्कृतिक विरासत तथा पारंपरिक मूल्यों का संरक्षण करें एवं अंतर-सांस्कृतिक समझ व सहिष्णुता में योगदान करें।
- व्यवहार्य, दीर्घकालिक आर्थिक संचालन सुनिश्चित करना, सभी हितधारकों को सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान करना जो उचित रूप से वितरित हो, जिसमें स्थिर रोज़गार और आय-अर्जन के अवसर तथा समुदायों की मेज़बानी के लिये सामाजिक सेवाएँ व गरीबी उन्मूलन में योगदान करना शामिल है।
- संयुक्त राज्य के अनुसार,सतत् पर्यटन में निम्नलिखित को शामिल किया जाना चाहिये:
- तटीय और समुद्री पर्यटन (सीएमटी) कुल वैश्विक पर्यटन का कम-से-कम 50% हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। यह अधिकांश छोटे द्वीपीय विकासशील राज्यों (एसआईडीएस) और कई तटीय राज्यों के लिये सबसे बड़ा आर्थिक क्षेत्र है।
- 5 फ़ीसदी की अनुमानित वैश्विक विकास दर से तटीय और समुद्री पर्यटन के वर्ष 2036 तक 26 फीसदी के साथ समुद्री अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा मूल्यवर्द्धित खंड बनने की उम्मीद है।
तटीय और समुद्री पर्यटन से जुड़ी चुनौतियाँ:
- प्राकृतिक संपत्तियों का निरंतर ह्रास और अपकर्षण इस पर भरोसा करने वाले स्थानीय समुदायों के साथ-साथ उद्योग की स्थिरता एवं व्यवहार्यता को जोखिम में डाल रहा है।
- कोविड -19 महामारी ने पर्यटन उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया। वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज़्म काउंसिल ने लगभग 75 मिलियन नौकरियों के नुकसान तथा वैश्विक स्तर पर $ 2 ट्रिलियन से अधिक की पर्यटन-प्रेरित जीडीपी में कमी का अनुमान लगाया है।
- तापमान में वृद्धि, अधिक लगातार पर्यावरणीय घटनाओं, जल की कमी और समुद्र के स्तर में वृद्धि (SLR) के माध्यम से जलवायु परिवर्तन उच्च मानवजनित भेद्यता वाले तटीय क्षेत्रों को दृढ़ता से प्रभावित करेगा।
तटीय और समुद्री पर्यटन की दिशा में अन्य पहल
- वैश्विक पहल:
- ग्लोबल सस्टेनेबल टूरिज्म काउंसिल (GSTC) और वर्ल्ड वाइल्ड फंड (WWF) प्रकृति-सकारात्मक पर्यटन बनाने के लिये होटल, क्रूज़ जहाज़ो, टूर ऑपरेटरों और उद्योग के साथ साझेदारी कर रहे है जहाँ सभी आपूर्ति शृंखला अभिकर्त्ताओं, प्रकृति और व्यवसायों के लिये मूल्य बनाने के लिये एकजुट होते हैं।
- सस्टेनेबल ब्लू इकोनॉमी फाइनेंस इनिशिएटिव संयुक्त राष्ट्र द्वारा विनियमित वैश्विक समुदाय है, जो कि सस्टेनेबल ब्लू इकोनॉमी फाइनेंस प्रिंसिपल्स के कार्यान्वयन का समर्थन करते हुए, निजी वित्त और महासागर स्वास्थ्य के बीच प्रतिच्छेदन पर केंद्रित सहयोग करता है।
- सस्टेनेबल ब्लू इकोनॉमी फाइनेंस प्रिंसिपल्स महासागर अर्थव्यवस्था में निवेश करने के लिये मूलभूत आधारशिला हैं। इसे वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया जो बैंकों, बीमाकर्त्ताओं और निवेशकों से मिलकर सतत् ब्लू इकोनॉमी को वित्तपोषित करने हेतु दुनिया का पहला वैश्विक मार्गदर्शक ढाँचा है। वे SDG 14 (जल के नीचे जीवन) के कार्यान्वयन को बढ़ावा देते हैं, और महासागर-विशिष्ट मानकों को निर्धारित करते हैं।
- ओशन रिकवरी एलायंस एलेन मैकआर्थर फाउंडेशन के सहयोग से UNEP और विश्व पर्यटन संगठन के नेतृत्व में ग्लोबल टूरिज़्म प्लास्टिक इनिशिएटिव का हस्ताक्षरकर्त्ता बन गया है।
- ग्लोबल टूरिज़्म प्लास्टिक इनिशिएटिव का उद्देश्य पर्यटन कार्यों में प्लास्टिक की चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर एक बदलाव को बढ़ावा देकर प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना है, जहाँ प्लास्टिक कभी भी बेकार नहीं जाता है, बल्कि सभी पर्यटन गतिविधियों से प्लास्टिक को पूरी तरह से खत्म करना है।
- भारतीय पहलें:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्ननिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: D व्याख्या:
अतः विकल्प D सही है। |