FSSAI द्वारा खाद्य सुरक्षा विनियमों को सुव्यवस्थित करने पर विचार | 10 Feb 2024
प्रिलिम्स के लिये:भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI), भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), कृषि विपणन (AGMARK) मेन्स के लिये:भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण, खाद्य और पोषण असुरक्षा, सुव्यवस्थित खाद्य सुरक्षा विनियम |
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI ) ने नई दिल्ली में आयोजित बैठक में व्यापार में सुगमता की सुविधा प्रदान करते हुए खाद्य सुरक्षा और मानक नियमों को सरल एवं कारगर बनाने के लिये विभिन्न संशोधनों को मंज़ूरी दी।
- FSSAI इस संबंध में एक मसौदा अधिसूचना जारी करेगा और संशोधनों को अंतिम रूप देने से पहले हितधारकों से टिप्पणियाँ प्राप्त कर उन पर विचार करेगा।
खाद्य सुरक्षा और मानक विनियमों में प्रस्तावित संशोधन क्या हैं?
- एकाधिक प्रमाण-पत्रों का उन्मूलन:
- इसके स्थान पर, निर्दिष्ट परिवर्तनों को अंतिम रूप दिये जाने के बाद केवल FSSAI से प्रामाणीकरण अनिवार्य होगा।
- इन संशोधनों का उद्देश्य खाद्य उत्पादों के लिये भारतीय मानक ब्यूरो और कृषि विपणन प्रमाणन से प्रमाणन की अनिवार्यता को समाप्त करना है।
- इसके स्थान पर, निर्दिष्ट परिवर्तनों को अंतिम रूप दिये जाने के बाद केवल FSSAI से प्रामाणीकरण अनिवार्य होगा।
- व्यापार में सुगमता की सुविधा:
- ये संशोधन सरकार के 'एक राष्ट्र, एक वस्तु, एक नियामक' के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, जिसका उद्देश्य खाद्य क्षेत्र से जुड़े व्यवसायों के लिये नियमों और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना है।
- मानकों का विस्तार:
- प्रमाणन प्रक्रिया के सरलीकरण के अतिरिक्त अन्य स्वीकृतियों में मीड (हनी वाइन) और अल्कोहलिक रेडी-टू-ड्रिंक (RTD) पेय पदार्थों के मानक, दूध वसा उत्पादों के मानकों में संशोधन, हलीम (दालें, अनाज और अन्य सामग्री से बना) के मानक आदि शामिल हैं। दालें, अनाज और अन्य सामग्री।
- वर्तमान में हलीम निर्दिष्ट गुणवत्ता मापदंडों के अनुरूप नहीं है।
- प्रमाणन प्रक्रिया के सरलीकरण के अतिरिक्त अन्य स्वीकृतियों में मीड (हनी वाइन) और अल्कोहलिक रेडी-टू-ड्रिंक (RTD) पेय पदार्थों के मानक, दूध वसा उत्पादों के मानकों में संशोधन, हलीम (दालें, अनाज और अन्य सामग्री से बना) के मानक आदि शामिल हैं। दालें, अनाज और अन्य सामग्री।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण क्या है?
- परिचय:
- FSSAI खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत स्थापित एक स्वायत्त वैधानिक निकाय है।
- वर्ष 2006 के अधिनियम में खाद्य पदार्थों से संबंधित विभिन्न कानून शामिल हैं, जैसे कि खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, 1954, फल उत्पाद आदेश, 1955, मांस खाद्य उत्पाद आदेश, 1973 और विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा प्रबंधित अन्य अधिनियम।
- इस अधिनियम का उद्देश्य बहु-स्तरीय, बहु-विभागीय नियंत्रण के स्थान पर एकल नियंत्रण स्थापित करते हुए खाद्य सुरक्षा एवं मानकों से संबंधित सभी मामलों हेतु एक एकल संदर्भ बिंदु स्थापित करना है।
- वर्ष 2006 के अधिनियम में खाद्य पदार्थों से संबंधित विभिन्न कानून शामिल हैं, जैसे कि खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, 1954, फल उत्पाद आदेश, 1955, मांस खाद्य उत्पाद आदेश, 1973 और विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा प्रबंधित अन्य अधिनियम।
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत कार्य करते हुए FSSAI भारत में खाद्य सुरक्षा तथा गुणवत्ता का विनियमन व पर्यवेक्षण करके सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा एवं प्रोत्साहन के लिये उत्तरदायी है।
- FSSAI का मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसके देश भर के आठ क्षेत्रों में क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
- FSSAI के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। इसका अध्यक्ष भारत सरकार के सचिव के पद के सामान पर पर आसीन व्यक्ति होता है।
- FSSAI खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत स्थापित एक स्वायत्त वैधानिक निकाय है।
- कार्य एवं शक्तियाँ:
- खाद्य उत्पादों और योजकों के लिये विनियमों तथा मानकों का निर्धारण।
- खाद्य व्यवसायों को लाइसेंस और रजिस्ट्रीकरण प्रदान करना।
- खाद्य सुरक्षा कानूनों और विनियमों का प्रवर्तन।
- खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता की निगरानी तथा पर्यवेक्षण।
- खाद्य सुरक्षा मुद्दों पर जोखिम मूल्यांकन और वैज्ञानिक अनुसंधान का संचालन करना।
- खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता पर प्रशिक्षण तथा जागरूकता बढ़ाना।
- खाद्य सुदृढ़ीकरण और जैविक खाद्य पदार्थों को प्रोत्साहन।
- खाद्य सुरक्षा मामलों पर अन्य एजेंसियों और हितधारकों के साथ समन्वय करना।
- कार्यक्रम और अभियान:
- विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस
- ईट राईट इंडिया
- ईट राईट स्टेशन
- ईट राईट मेला
- राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक
- RUCO (प्रयुक्त खाद्य तेल का पुन: उपयोग)
- खाद्य सुरक्षा मित्र
- 100 फूड स्ट्रीट
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS)
- यह BIS अधिनियम 2016 के तहत स्थापित भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है। यह उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत संचालित होता है।
- BIS वस्तुओं के मानकीकरण, अंकन और गुणवत्ता प्रमाणन के सामंजस्यपूर्ण विकास के लिये उत्तरदायी है।
- BIS का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- BIS अधिनियम, 2016, सरकार को मानकों के प्रमाणीकरण और प्रवर्तन के लिये BIS के अतिरिक्त एजेंसियों को अधिकृत करने का अधिकार प्रदान करता है।
- इसमें उपभोक्ता संरक्षण उपाय जैसे उत्पाद वापस लेना, मुआवज़ा और गैर-अनुरूप मानक-चिह्नित उत्पादों के लिये सख्त दंड आदि शामिल हैं।
कृषि विपणन(AGMARK)
- एगमार्क कृषि उपज के लिये एक प्रमाणन चिह्न है, जो यह सुनिश्चित करता है कि वे कृषि उपज (ग्रेडिंग मार्किंग) अधिनियम, 1937 के तहत विपणन और निरीक्षण निदेशालय (DMI), कृषि, सहयोग तथा किसान कल्याण विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा अधिसूचित ग्रेड मानक के अनुरूप हैं।)
- ये मानक गुणवत्ता के बीच अंतर की पहचान करते हुए प्रत्येक वस्तु के लिये 2-3 ग्रेड निर्धारित करते हैं।
- अब तक, 222 कृषि पण्यों के लिये ग्रेड मानक अधिसूचित किये जा चुके हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिये भारत सरकार द्वारा अपनाई गई नीतियों के बारे में विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिये। (2021) |