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ISO COPOLCO प्लेनरी का 44वाँ संस्करण

  • 24 May 2023
  • 5 min read

भारत 23 से 26 मई, 2023 तक नई दिल्ली में ISO COPOLCO प्लेनरी के 44वें संस्करण की मेज़बानी कर रहा है। यह कार्यक्रम भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards- BIS) द्वारा आयोजित किया जाता है।

ISO COPOLCO प्लेनरी: 

  • परिचय: 
    • ISO COPOLCO उपभोक्ता नीति हेतु अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO) की एक समिति है।
    • समिति यह सुनिश्चित करती है कि मानकों को उपभोक्ता की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर विकसित करने के साथ ही मानकीकरण प्रक्रिया में उपभोक्ता भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाए।
  • प्रासंगिकता
    • ISO COPOLCO प्लेनरी वैश्विक मानकों को आकार देने और विश्व भर के लोगों के जीवन को प्रभावित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 
    • यह आयोजन ISO सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है और मानकों के त्वरित विकास के लिये रणनीति बनाता है।
  • महत्त्व:
    • इस आयोजन का उद्देश्य उपभोक्ता जुड़ाव, टिकाऊ भविष्य और उपभोक्ता संरक्षण हेतु कानूनी ढाँचे के लिये चुनौतियों और अच्छे अभ्यासों को संबोधित करना है।
    • यह उपभोक्ताओं से संबंधित मामलों पर चर्चा करने हेतु मंत्रियों और प्रतिष्ठित हस्तियों सहित उच्च स्तरीय वक्ताओं के लिये एक मंच प्रदान करता है।

अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (ISO): 

  • परिचय: 
    • यह एक अंतर्राष्ट्रीय मानक विकास संगठन है जो सदस्य देशों के राष्ट्रीय मानक संगठनों के प्रतिनिधियों से बना है।
    • यह इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के अलावा सभी तकनीकी एवं गैर-तकनीकी क्षेत्रों में मानकीकरण को विकसित और प्रकाशित करता है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (IEC) द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
    • ISO आधिकारिक तौर पर वर्ष 1947 में अस्तित्व में आया।
  • मुख्यालय: 
    • जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड। 
  • आधिकारिक भाषा: 
    • अंग्रेज़ी, फ्रेंच और रूसी।
  • सदस्य: 
    • ISO एक स्वतंत्र, गैर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसके 168 राष्ट्रीय मानक निकाय सदस्य हैं।  
  • अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण में भारत की भूमिका:
    • भारत अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण के प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है और ISO के संस्थापक सदस्यों में से एक था।
    • BIS भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप में कार्य करता है और अंतर्राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मानकीकरण पहलों में भाग लेता है।
      • BIS, IBSA के ढाँचे के तहत ISO, अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (IEC) और प्रशांत क्षेत्र मानक कॉन्ग्रेस (PASC) जैसे क्षेत्रीय मानक निकायों तथा दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय मानक संगठन (SARSO) का सदस्य है। 

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS): 

  • BIS वस्तु के मानकीकरण, अंकन और गुणवत्ता प्रमाणन की गतिविधियों के सामंजस्यपूर्ण विकास के लिये भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है।
    • इसे BIS अधिनियम,1986 द्वारा स्थापित किया गया था जो दिसंबर 1986 में लागू हुआ तथा वर्ष 2017 में एक नया BIS अधिनियम, 2016 लागू किया गया।
  • BIS उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तत्त्वावधान में काम करता है
  • BIS कई तरीकों से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का पता लगाने की क्षमता रखता है और वास्तविक स्थिति को भी प्रदर्शित करता है:
    • सुरक्षित विश्वसनीय गुणवत्ता के वस्तुएँ उपलब्ध कराना।
    • उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य संबंधी खतरों को कम करना।
    • निर्यात और आयात को बढ़ावा देना। 
    • मानकीकरण, प्रमाणन तथा परीक्षण के माध्यम से वस्तुओं आदि के प्रसार पर नियंत्रण।

स्रोत: पी.आई.बी.

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