डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम | 17 Oct 2022
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी 90वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम
- परिचय:
- डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था।
- उनकी जयंती को राष्ट्रीय नवाचार दिवस और विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- उन्होंने वर्ष 1954 में सेंट जोसेफ कॉलेज, त्रिची से विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और वर्ष 1957 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से वैमानिकी इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता हासिल की।
- वह भारत और विदेशों से 48 विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों से मानद डॉक्टरेट प्राप्त करने के अद्वितीय सम्मान के साथ भारत के सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों में से एक हैं।
- उन्होंने वर्ष 2002 में भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और वर्ष 2007 में पूरा कार्यकाल पूरा किया।
- उन्होंने कई सफल मिसाइलों के निर्माण के लिये कार्यक्रमों की योजना बनाई, जिससे उन्हें "भारत का मिसाइल मैन" कहा जाता है।
- प्राप्त पुरस्कार:
- उन्हें प्रतिष्ठित नागरिक पुरस्कार - पद्म भूषण (1981) और पद्म विभूषण (1990) तथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न (1997) से सम्मानित किया गया।
- साहित्यिक रचनाएँ:
- "विंग्स ऑफ फायर", "इंडिया 2020 - ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम", "माई जर्नी" और "इग्नाइटेड माइंड्स - अनलीशिंग द पावर इन इंडिया", "इंडोमेबल स्पिरिट", "गाइडिंग सोल्स", "एनविजनिंग ए एम्पावर्ड नेशन" , "प्रेरणादायक विचार" आदि।
- मृत्यु:
- 27 जुलाई 2015 शिलांग, मेघालय में उनकी मृत्यु हो गई।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का योगदान:
- योगदान:
- ‘फाइबरग्लास’ तकनीक में अग्रणी
- वह ‘फाइबरग्लास’ प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी थे और उन्होंने इसरो में इसे डिज़ाइन करने तथा इसके विकास कार्य को शुरू करने हेतु एक युवा टीम का नेतृत्त्व किया था, जिससे ‘कंपोज़िट रॉकेट मोटर’ का निर्माण संभव हो पाया।
- सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-3):
- उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी ‘सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल’ (SLV-3) को विकसित करने हेतु परियोजना निदेशक के रूप में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया, जिसने जुलाई 1980 में ‘रोहिणी उपग्रह’ का नियर-अर्थ ऑर्बिट में सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया और भारत को स्पेस क्लब का एक विशेष सदस्य बनाया।
- वह इसरो के प्रक्षेपण यान कार्यक्रम, विशेष रूप से PSLV कॉन्फिगरेशन के विकास हेतु उत्तरदायी थे।
- स्वदेशी निर्देशित मिसाइलें:
- इसरो में दो दशकों तक काम करने और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल करने के बाद उन्होंने ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ में स्वदेशी निर्देशित मिसाइलों को विकसित करने की ज़िम्मेदारी ली।
- वह ‘एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम’ (IGMDP) के मुख्य कार्यकारी थे।
- उन्होंने परमाणु ऊर्जा विभाग के सहयोग से सामरिक मिसाइल प्रणालियों और पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षणों का नेतृत्त्व किया, जिसने भारत को एक परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र बना दिया।
- इसरो में दो दशकों तक काम करने और प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल करने के बाद उन्होंने ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ में स्वदेशी निर्देशित मिसाइलों को विकसित करने की ज़िम्मेदारी ली।
- प्रौद्योगिकी विज़न 2020:
- वर्ष 1998 में उन्होंने ‘टेक्नोलॉजी विज़न-2020’ नामक एक देशव्यापी योजना को सामने रखा, जिसे उन्होंने 20 वर्षों में भारत को ‘अल्प-विकसित’ से विकसित समाज में बदलने के लिये एक रोडमैप के रूप में पेश किया।
- योजना में अन्य उपायों के अलावा कृषि उत्पादकता में वृद्धि, आर्थिक विकास के वाहक के रूप में प्रौद्योगिकी पर ज़ोर देना और स्वास्थ्य देखभाल एवं शिक्षा तक पहुँच को व्यापक बनाना भी शामिल है।
- वर्ष 1998 में उन्होंने ‘टेक्नोलॉजी विज़न-2020’ नामक एक देशव्यापी योजना को सामने रखा, जिसे उन्होंने 20 वर्षों में भारत को ‘अल्प-विकसित’ से विकसित समाज में बदलने के लिये एक रोडमैप के रूप में पेश किया।
- चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा:
- एपीजे अब्दुल कलाम ने हृदय रोग विशेषज्ञ बी. सोमा राजू के सहयोग से कोरोनरी हृदय रोग के लिये 'कलाम-राजू-स्टेंट' विकसित किया, जिससे स्वास्थ्य सेवा सभी के लिये सुलभ हो पाई।
- इस उपकरण से भारत में आयातित कोरोनरी स्टेंट की कीमतों में 50% से अधिक की कमी आई है।
- लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट:
- वे लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट से विशेष रूप से जुड़े हुए थे।
- वह एवियोनिक्स से जुड़े हुए थे। वह लड़ाकू विमान उड़ाने वाले पहले भारतीय राष्ट्राध्यक्ष भी बने।
- अन्य
- उन्होंने ‘PURA’ (प्रोवाइडिंग अर्बन एमेनिटीज़ टू रूरल एरियाज़) के माध्यम से ग्रामीण समृद्धि सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया, जिसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी की महत्त्वपूर्ण भूमिका अभिकल्पित की गई थी।
- अपने विविध अनुभवों के आधार पर उन्होंने ‘विश्व ज्ञान मंच’ की अवधारणा का प्रचार किया, जिसके माध्यम से 21वीं सदी की चुनौतियों के लिये संगठनों और राष्ट्रों की मुख्य दक्षताओं को नवप्रवर्तन एवं समाधान तथा उत्पाद बनाने हेतु समन्वित किया जा सकता है।
- ‘फाइबरग्लास’ तकनीक में अग्रणी
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. “जहाँ हृदय में शुचिता है, वहाँ चरित्र में सुन्दरता है । जब चरित्र में सौन्दर्य है, तब घर में समरसता है। जब घर में समरसता है, तब राष्ट्र में सुव्यवस्था है । जब राष्ट्र में सुव्यवस्था है, तब विश्व में शांति है।" - ए. पी. जे. अब्दुल कलाम (2019) प्रश्न. "अगर किसी देश को भ्रष्टाचार मुक्त होना है और सुन्दर मन वाले लोगों का देश बनाना है, तो मेरा दृढ़तापूर्वक मानना है कि तीन प्रमुख सामाजिक सदस्य यह कर सकते हैं। वे पिता, माता और शिक्षक हैं।" - ए.पी.जे. अब्दुल कलाम. (2022) |