रक्षा सेवाओं हेतु वित्तीय शक्तियों का प्रत्यायोजन नियम, 2021 | 09 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने रक्षा सेवाओं हेतु वित्तीय शक्तियों का प्रत्यायोजन (DFPDS) नियम, 2021 जारी किया है।
- इस नियम का प्राथमिक केंद्रबिंदु वित्तीय शक्तियों के बढ़े हुए प्रत्यायोजन में प्रक्रियात्मक अवरोधों को दूर कर इसमें अधिक विकेंद्रीकरण और परिचालन दक्षता लाना है।
- सुरक्षात्मक बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने के लिये रक्षा सुधारों में DFPDS नियम, 2021 एक अन्य बड़ा कदम है।
प्रमुख बिंदु
- DFPDS, 2021 की मुख्य विशेषताएँ:
- क्षेत्रीय टुकड़ियों (Field Formation) को सौंपी गई वित्तीय शक्तियाँ:
- यह सेना, नौसेना और वायु सेना (सशस्त्र बलों) के लिये राजस्व अधिप्राप्ति शक्तियों के मामले में अधिकारों की वृद्धि का प्रावधान करता है।
- सेवाओं के उप-प्रमुखों को प्रदत्त वित्तीय शक्तियों में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
- आवश्यकताओं के आधार पर सेवाओं के बीच नए अधिकारियों को वित्तीय शक्तियों से संबंधित अधिकार भी सौंपे गए हैं।
- परिचालन तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करना:
- नए नियमों के तहत महत्त्वपूर्ण उपकरणों (जो न केवल बहुत महँगे होते हैं बल्कि इनकी परिचालन तैयारियों में भी काफी समय लगता है ) को खरीदने या लंबी अवधि के लिये पट्टे पर लेने के बजाय उन्हें कम अवधि के लिये किराए पर लिया जा सकता है।
- वित्तीय शक्तियों के प्रत्यायोजन का उद्देश्य फील्ड कमांडरों और उससे नीचे की रैंक वाले अधिकारियों को तत्काल परिचालन संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति एवं आवश्यक निर्वाह आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु उपकरण/वॉर-लाइक स्टोर की खरीद के लिये सशक्त बनाना है।
- व्यापार सुगमता को बढ़ावा:
- 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को हासिल करने के लिये स्वदेशीकरण/अनुसंधान एवं विकास से संबंधित वित्तीयन में तीन गुना तक की वृद्धि।
- क्षेत्रीय टुकड़ियों (Field Formation) को सौंपी गई वित्तीय शक्तियाँ:
- रक्षा क्षेत्र में हालिया सुधार:
- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद का सृजन।
- सैन्य मामलों के विभाग (Department of Military Affairs) की स्थापना।
- रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020।
- नवीनतम महत्त्वपूर्ण रक्षा अधिग्रहण: राफेल लड़ाकू विमान, S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली आदि।
- सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी।
- रक्षा प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण: LCA तेजस, प्रोजेक्ट 75 आदि।