जन औषधि केंद्रों हेतु ऋण सहायता कार्यक्रम | 16 Mar 2024

प्रिलिम्स के लिये:

जन औषधि केंद्र, सिडबी, वस्तु एवं सेवा कर, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, पीएमबीजेपी योजना

मेन्स के लिये:

भारत का फार्मा सेक्टर और मुद्दे, जेनेरिक दवाएँ और इसकी आवश्यकता, भारत में जेनेरिक दवा को बढ़ावा देने के लिये उठाए गए कदम, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, स्वास्थ्य।

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में केंद्रीय रसायन और उर्वरक तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने जन औषधि केंद्रों (Jan Aushadhi Kendras- JAK) के लिये एक क्रेडिट सहायता कार्यक्रम का उद्घाटन किया, जिसका लक्ष्य पूरे भारत में सस्ती दवाओं तक पहुँच बढ़ाना है।

  • कार्यक्रम के एक भाग के रूप में JAK के लिये वित्तीय सहायता और बुनियादी ढाँचे के विकास का समर्थन करने के लिये भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक तथा फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए।

जन औषधि केंद्रों के लिये क्रेडिट सहायता कार्यक्रम क्या है?

  • इस कार्यक्रम के तहत भारत सरकार देश भर में जन औषधि केंद्र चलाने वाले संचालकों/उद्यमियों को ऋण/ऋण सहायता प्रदान करेगी।
  • क्रेडिट सहायता कार्यक्रम छोटे व्यवसायों को असुरक्षित कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करने के लिये वस्तु एवं सेवा कर और भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर दोनों का उपयोग करता है।
    • इस कार्यक्रम के माध्यम से, संचालक अपने जन औषधि केंद्रों की स्थापना और प्रबंधन हेतु प्रतिभूति रहित कार्यशील पूंजी ऋण एवं अवसंरचना के वित्तपोषण तक पहुँच प्राप्त कर सकते हैं।
    • कार्यक्रम का उद्देश्य छोटे उद्यमियों का सशक्तीकरण, सस्ती दवाओं की पहुँच में वृद्धि और भारत में स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत बनाना है।

जन औषधि केंद्र क्या हैं?

  • परिचय:
    • जन औषधि केंद्र (JAKs) जनता को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण दवाएँ उपलब्ध कराने के लिये शुरू की गई एक सरकारी पहल है।
  • प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना:
    • जन औषधि योजना, जिसे सितंबर 2015 में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (PMJAY) के रूप में नवीनीकृत किया गया, का उद्देश्य विशेष रूप से निर्धनों तथा वंचितों के लिये किफायती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएँ उपलब्ध कराना है।
    • नवंबर 2016 में, इस योजना में और सुधार किया गया तथा इसके प्रभाव को मज़बूत करने के लिये इसका नाम बदलकर PMBJP कर दिया गया।
    • PMBJP, जन औषधि केंद्रों के नाम से जाने जाने वाले विशेष आउटलेट के माध्यम से जेनेरिक दवाएँ उपलब्ध कराने पर केंद्रित है।
      • ये स्टोर ब्रांडेड दवाओं की तुलना में काफी कम कीमत पर जेनेरिक दवाएँ उपलब्ध कराते हैं, जिससे स्वास्थ्य देखभाल पर आपकी जेब से होने वाला खर्च कम हो जाता है।
      • PMBJP स्टोर्स द्वारा प्रदान की जाने वाली जेनेरिक दवाएँ गुणवत्ता और प्रभावकारिता में महँगी ब्रांडेड दवाओं के समान हैं, जो दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देती हैं।
  • जन औषधि केंद्रों के लाभ:
    • कम कीमत पर दवाओं की उपलब्धता: JAKs ने स्वास्थ्य देखभाल के क्रम में कम कीमत पर दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए लोगों के अतिरिक्त खर्च को कम किया है।
      • भारतीय नागरिकों ने सामूहिक रूप से जन औषधि केंद्रों से दवाएँ खरीदकर पिछले दशक में 28,000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत की है। 
    • दवाओं तक बेहतर पहुँच: JAK ने वंचित क्षेत्रों में आवश्यक दवाओं को अधिक आसानी से उपलब्ध कराया है।
      • JAK में प्रतिदिन लगभग 10 से 12 लाख लोग आते हैं
    • तर्कसंगत औषधि के उपयोग को बढ़ावा देना: JAK दवाओं के उचित उपयोग पर जानकारी और परामर्श प्रदान करता है, जो इसके दुरुपयोग एवं अति प्रयोग को कम करने में सहायता प्रदान कर सकता है।
  • जन औषधि केंद्रों का विस्तार:
    • PMBJP का हाल के वर्षों में ही काफी विस्तार हुआ है।

भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI):

  • भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) भारत में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र को बढ़ावा देने, वित्तपोषण एवं विकास करने वाला प्राथमिक वित्तीय संस्थान है।
  • सिडबी की स्थापना वर्ष 1990 में हुई थी और यह MSME वित्त कंपनियों को लाइसेंस देने एवं विनियमित करने के लिये शीर्ष नियामक निकाय है। यह वित्त मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में है, SIDBI का मुख्यालय लखनऊ में है और इसके कार्यालय पूरे देश में हैं।
  • सिडबी राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजनाओं का भी समर्थन करता है और साथ ही ऊर्जा दक्षता, स्वच्छ उत्पादन एवं टिकाऊ वित्तपोषण जैसी ज़िम्मेदार व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा देता है।

PMBI:

  • PMBI एक सरकारी एजेंसी है जो PMBJK के माध्यम से जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति, खरीद एवं विपणन का समन्वय करती है।
  • PMBI फार्मास्युटिकल्स विभाग से संबंधित है और साथ ही PMBJP को लागू करने हेतु ज़िम्मेदार भी है।

सस्ती स्वास्थ्य सेवा के लिये भारत की अन्य पहल कौन-सी हैं?

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 

मेन्स:

प्रश्न 1. भैषजिक कंपनियों के द्वारा आयुर्विज्ञान के पारंपरिक ज्ञान को पेटेंट कराने से भारत सरकार किस प्रकार रक्षा कर रही है? (2019)

प्रश्न 2. सार्विक स्वास्थ्य संरक्षण प्रदान करने में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की अपनी परिसीमाएँ हैं। क्या आपके विचार में खाईं को पाटने में निजी क्षेत्रक सहायक हो सकता है? आप अन्य कौन-से व्यवहार्य विकल्प सुझाएँगे? (2015)