बजट 2021 प्रमुख हाइलाइट्स: न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन और राजकोषीय स्थिति | 04 Feb 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट 2021-22 पेश किया गया जो देश का पहला डिजिटल बजट है।
- बजट का यह खंड ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ (Minimum Government, Maximum Governance) तथा सरकार की राजकोषीय स्थिति ( Fiscal Position of the Government) से संबंधित है।
प्रमुख बिंदु:
न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन:
- राष्ट्रीय संबद्ध स्वास्थ्य देखभाल व्यवसायी आयोग का पहले ही प्रस्ताव किया जा चुका है ताकि 56 संबद्ध स्वास्थ्य देखभाल व्यवसायों की पारदर्शिता, दक्षता और नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके।
- नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन बिल (National Nursing and Midwifery Commission Bill) को नर्सिंग पेशे हेतु पेश किया गया।
- केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (Central Public Sector Enterprises- CPSEs) के बीच विवादों के त्वरित समाधान हेतु जनादेश के साथ प्रस्तावित सुलह तंत्र स्थापित करना।
- भारतीय इतिहास में पहली डिजिटल जनगणना हेतु 3,768 करोड़ रुपए आवंटित।
- गोवा राज्य की स्वतंत्रता की हीरक जयंती समारोह मनाने हेतु गोवा सरकार को पुर्तगाल से 300 करोड़ रुपए का अनुदान।
- असम और पश्चिम बंगाल में चाय बगान कामगारों विशेष रूप से महिला और उनके बच्चों के कल्याण के लिये विशेष योजना हेतु 1000 करोड़ रुपए का आवंटन।
राजकोषीय स्थिति:
- 2021-22 के बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.8 प्रतिशत अनुमानित है जो वर्ष 2020-21 के वास्तविक अनुमान के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद का 9.5 प्रतिशत हो गया है।
- वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत तक करने के लिये राजकोषीय सुदृढ़ीकरण (Fiscal Consolidation) हेतु योजना है।
- लक्षित राजकोषीय घाटे के स्तर को प्राप्त करने हेतु राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (Fiscal Responsibility and Budget Management- FRBM) अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव।
- वित्त विधेयक के माध्यम से भारत की आकस्मिकता निधि को 500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपए किया गया है।
15वें वित्त आयोग की सिफारिशें:
- वर्ष 2021-26 के लिये अंतिम रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी गई, राज्यों के शेयर 41 प्रतिशत पर रखे गए।
- केंद्र से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों को धन उपलब्ध कराया जाएगा।
- आयोग की सिफारिश के अनुसार, वर्ष 2020-21 में 14 राज्यों को राजस्व हानि अनुदान के रूप में 74340 करोड़ की अपेक्षा वर्ष 2021-22 में 17 राज्यों को 118452 करोड़ रुपए दिये गए।
कर प्रस्ताव:
- यदि भविष्य निधि (PF) का योगदान 2.5 लाख रुपए से अधिक है तो ब्याज पर कोई छूट नहीं दी जाएगी।
- 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को कर रिटर्न दाखिल करने से छूट, हालाँकि यह छूट केवल पेंशन और ब्याज से प्राप्त आय पर दी जाएगी।
- आयकर निपटान आयोग को समाप्त कर दिया गया है।
- रिटर्न दाखिल न करने वाले लोगों को अधिक TDS देना होगा।
- विलंबित आयकर रिटर्न दाखिल करने के समय में कटौती की गई है।
- कई उत्पादों पर कृषि अवसंरचना एवं विकास उपकर अधिरोपित किया गया है।
- करदाताओं के लिये 50 लाख रुपए तक की कर योग्य आय और 10 लाख रुपए तक की विवादित आय हेतु विवाद समाधान समिति का गठन किया जाएगा।
- नेशनल फेसलेस इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल सेंटर की स्थापना की जाएगी।