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जैव विविधता और पर्यावरण

बायोडायवर्सिटी क्रेडिट

  • 05 Jan 2024
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

बायोडायवर्सिटी क्रेडिट, कुनमिंग-मॉन्ट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क (KMGBF), UNCCD में पार्टियों का 15वाँ सम्मेलन (CoP15), बायोडायवर्सिटी क्रेडिट एलायंस

मेन्स के लिये:

जैवविविधता क्रेडिट, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण

स्रोत: डाउन टू अर्थ  

चर्चा में क्यों?

कुनमिंग-मॉन्ट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क (KMGBF) के तहत निर्धारित विभिन्न लक्ष्यों पर वित्तपोषण के रूप में बायोडायवर्सिटी क्रेडिट अथवा बायोक्रेडिट को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है।

  • जैवविविधता अभिसमय (CBD) पर पक्षकारों के सम्मेलन (CoP15) की 15वीं बैठक में स्थापित किया गया KMGBF, जैवविविधता संरक्षण, सतत् उपयोग एवं न्यायसंगत लाभ साझाकरण के लिये महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करता है। 

बायोडायवर्सिटी क्रेडिट क्या है?

  • परिचय:
    • बायोडायवर्सिटी क्रेडिट एक वित्तीय साधन है जिसे जैवविविधता-समृद्ध क्षेत्रों के संरक्षण, पुनर्स्थापन तथा सतत् उपयोग के लिये धन जुटाने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
    • ये कार्बन क्रेडिट के समान ही कार्य करते हैं किंतु नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के स्थान पर इनका उपयोग विशेष रूप से जैवविविधता संरक्षण पर केंद्रित है।
    • बायोडायवर्सिटी क्रेडिट का मुख्य उद्देश्य CBD के तहत KMGBF जैसे अंतर्राष्ट्रीय समझौतों द्वारा उल्लिखित जैवविविधता के संरक्षण तथा पुनर्स्थापन के लक्ष्यों के अनुरूप पहल के लिये निजी निवेश को आकर्षित करना है।
  • बायोडायवर्सिटी क्रेडिट एलायंस:
    • बायोक्रेडिट को प्रोत्साहन देने के लिये CBD के CoP15 में बायोडायवर्सिटी क्रेडिट एलायंस लॉन्च किया गया था।
    • वर्ष 2023 तक विभिन्न मंचों के माध्यम से इन्हें प्रोत्साहन देने का प्रयास किया गया। दिसंबर 2023 में दुबई में आयोजित UNFCCC के CoP28 में इससे संबंधित गहन चर्चा की गई।
    • इसका उद्देश्य सरकारी निकायों, गैर-लाभकारी संस्थाओं तथा निजी उद्यमों सहित विभिन्न हितधारकों के बीच समर्थन जुटाना एवं जागरूकता फैलाना है।
  • क्रियान्वयन एवं पहल:
    • महासागर संरक्षण प्रतिबद्धताएँ (OCC): महासागर संरक्षण प्रतिबद्धताओं (Ocean Conservation Commitments- OCC) को सितंबर 2023 में न्यूए (Niue) के मोआना महू संरक्षित समुद्री क्षेत्र (127,000 वर्ग किलोमीटर) के लिये लॉन्च किया गया था।
      • OCC इच्छुक खरीदारों द्वारा खरीद के लिये उपलब्ध हैं जिसमें प्रत्येक OCC 20 वर्षों के लिये संरक्षण प्रयासों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।
      • 148 अमेरिकी डॉलर प्रति OCC की कीमत पर, इन प्रतिबद्धताओं ने ब्लू नेचर एलायंस, कंज़र्वेशन इंटरनेशनल तथा निजी दानदाताओं जैसे गैर-सरकारी संगठनों से निवेश जुटाने का सफल कार्य किया है।
    • वालेसिया ट्रस्ट: जैवविविधता तथा जलवायु अनुसंधान पर केंद्रित यूनाइटेड किंगडम स्थित इस संगठन ने जैवविविधता क्रेडिट के लिये 5 मिलियन की पर्याप्त वित्तीय राशि उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जताई है। इसकी भागीदारी संरक्षण प्रयासों का समर्थन करने के लिये जैवविविधता क्रेडिट का उपयोग करने में अनुसंधान-उन्मुख संस्थाओं की रुचि का संकेत देती है।
  • चुनौतियाँ और अनिश्चितताएँ:
    • पर्याप्त क्षमता के बावजूद, जैवविविधता क्रेडिट की सफलता निश्चित नहीं है। इसके समक्ष चुनौतियों में नियामक ढाँचे, मूल्य निर्धारण संरचनाएँ शामिल हैं जो खरीदारों तथा विक्रेताओं दोनों के लिये निष्पक्षता तथा यह सुनिश्चित करती हैं कि ये तंत्र वास्तव में कॉर्पोरेट हितों के स्थान पर जैवविविधता संरक्षण के लिये कार्य करते हैं।

आगे की राह

  • जैवविविधता क्रेडिट की अवधारणा कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैवविविधता फ्रेमवर्क (KMGBF) में उल्लिखित जैवविविधता संरक्षण के लिये आवश्यक वित्तीय अंतर को कम करती है। हालाँकि विनियमन, वास्तविक संरक्षण प्रभाव एवं जैवविविधता लक्ष्यों के साथ संरेखण के बारे में महत्त्वपूर्ण विचार सतर्क और सावधानीपूर्वक कार्यान्वयन की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।
  • यह तुरंत पता लगाना महत्त्वपूर्ण है कि उन्हें कैसे विनियमित किया जाना चाहिये और उनकी निगरानी किस प्रकार की जानी चाहिये। यह सुनिश्चित करना होगा कि वस्तु के मूल्य का निर्धारण विक्रेताओं के साथ-साथ खरीदारों के लिये भी उचित हो।
  • ब्रिटेन और फ्राँसीसी सरकारें उच्च-अखंडता जैवविविधता क्रेडिट बाज़ार के लिये एक रोडमैप तैयार करने में अग्रणी हैं।
  • इस बात को ध्यान में रखते हुए यह कठिन होगा क्योंकि अधिकांश बायोक्रेडिट समर्थक वाणिज्यिक क्षेत्र से हैं और जैवविविधता के बजाय जैवविविधता विनाश को किर्यांवित करने वाली फर्मों के हितों की रक्षा करने के इच्छुक हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः (2023)

  1. भारत में जैवविविधता प्रबंधन समितियाँ नागोया प्रोटोकॉल के उद्देश्यों को हासिल करने के लिये प्रमुख कुंजी हैं।
  2.  जैवविविधता प्रबंधन समितियों के अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत जैविक संसाधनों तक पहुँच के लिये संग्रह शुल्क लगाने की शक्ति सहित पहुँच और लाभ सहभागिता निर्धारित करने के लिये महत्त्वपूर्ण प्रकार्य हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (c) 

व्याख्या: 

  • भारत में जैवविविधता शासन: भारत का जैवविविधता अधिनियम, 2002 (BD अधिनियम), नागोया प्रोटोकॉल से निकटतम रूप से संबंधित है, इसका उद्देश्य जैवविविधता अभिसमय (CBD) के प्रावधानों को लागू करना है।
  • नागोया प्रोटोकॉल ने आनुवंशिक संसाधनों में वाणिज्यिक एवं अनुसंधान के उपयोग को सुनिश्चित करने हेतु सरकार के ऐसे संसाधनों का संरक्षण करने वाले समुदाय के साथ लाभों को साझा करने की मांग की।
  • जैवविविधता अधिनियम, 2002 की धारा 41(1) के तहत राज्य में प्रत्येक स्थानीय निकाय अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर एक जैवविविधता प्रबंधन समिति का गठन करेगा। अतः कथन 1 सही है।
  • BMC का मुख्य कार्य स्थानीय लोगों के परामर्श से जन जैवविविधता रजिस्टर (Public Biodiversity Register- PBR) तैयार करना है। BMC, PBR में दर्ज सूचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, विशेष रूप से बाहरी व्यक्तियों और एजेंसियों तक इसकी पहुँच को विनियमित करने के लिये उत्तरदायी होगी।
  • जन जैवविविधता रजिस्टर (PBR) तैयार करने के अतिरिक्त BMC अपने संबंधित क्षेत्राधिकार में निम्नलिखित के लिये भी ज़िम्मेदार है: -
    • जैविक संसाधनों का संरक्षण, सतत् उपयोग एवं पहुँच तथा लाभ को साझा करना।
    • वाणिज्यिक एवं अनुसंधान उद्देश्यों हेतु जैविक संसाधनों और/या संबद्ध पारंपरिक ज्ञान तक पहुँच का विनियमन।
  • BMC जैविक संसाधनों तक पहुँच और प्रदान किये गए पारंपरिक ज्ञान के विवरण, संग्रह शुल्क का विवरण, प्राप्त लाभों का विवरण और अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत उनके साझाकरण के तरीके के बारे में जानकारी देने वाला एक रजिस्टर भी बनाए रखेगी। अतः कथन 2 सही है।
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